डेटा, साइंटिफिक एंड पर्सन-सेंट्रिक लॉ एंड ऑर्डर… ‘पुलिस मंथन’ सम्मेलन में CM योगी ने साझा किया स्मार्ट पुलिसिंग का विजन
यूपी पुलिस के दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ सम्मेलन में भाग लेते हुए सीएम योगी ने ‘स्मार्ट पुलिसिंग का विजन’ साझा किया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लॉ एंड ऑर्डर की स्थापना, पुलिस की छवि में बदलाव, संगठित माफिया व अपराध पर नियंत्रण और महिला सुरक्षा की दिशा में किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि यूपी पुलिस की छवि, संरचना और कार्यप्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ है.
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यूपी पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन–2025 ‘पुलिस मंथन’ का आयोजन हुआ. इस दौरान सीएम योगी ने अपने संबोधन में यूपी पुलिस के अब तक के कार्य, सुधार और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपने परसेप्शन और कानून-व्यवस्था की छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है.
दुनिया के लिए मॉडल बनी यूपी पुलिस और उसकी पुलिसिंग: CM योगी
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों से उत्तर प्रदेश को आज देश-दुनिया में एक रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है और परिवर्तन की यह पहचान जनता के अनुभवों से सिद्ध होती है, न कि आत्मप्रशंसा से. इस दौरान स्मार्ट पुलिसिंग का विजन साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक पुलिसिंग के हर स्तर पर व्यापक बदलाव हुए हैं.
‘भर्ती, ट्रेनिंग, टेक, साइबर, फॉरेंसिक…ऐसे बदली यूपी पुलिस की छवि!’
सीएम योगी ने इस दौरान अपने कार्यकाल में पुलिसिंग, पुलिस और लॉ एंड ऑर्डर को पुख्ता करने की दिशा में किए गए कार्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भर्ती, प्रशिक्षण, अवसंरचना, तकनीक, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक क्षमता, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, UP-112, सेफ सिटी मॉडल, महिला पुलिस भर्ती और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की दिशा में निर्णायक प्रगति की गई है. पहले जहां प्रशिक्षण क्षमता सीमित थी, वहीं आज बड़े पैमाने पर 60,000 से अधिक आरक्षियों का प्रशिक्षण प्रदेश के अंदर ही कराया जा रहा है. 75 जनपदों में साइबर थाने, 12 एफएसएल लैब और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थागत बदलाव प्रदेश की नई सोच को दर्शाते हैं.
‘अपराधियों के मन में डर, जनता के मन में सुरक्षा-सम्मान का भाव’
उन्होंने कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास व सम्मान का भाव स्थापित कर रही है. पुलिस की भूमिका अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की ओर बढ़ चुकी है. उन्होंने बेस्ट प्रैक्टिसेज साझा करने, नवाचार अपनाने और समयबद्ध व बिंदुवार कार्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया.
नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन का जरिया बनेगा पुलिस मंथन कार्यक्रम: मुख्यमंत्री
अंत में मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन के जरिए समग्र पुलिसिंग को नई दिशा देगा और यूपी पुलिस अपने कार्यों को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाती रहेगी.
पुलिसिंग की चुनौतियों और सुधार की प्रक्रिया में मार्गदर्शक है सरकार: DGP राजीव कृष्ण
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मेलन में दो दिन उपस्थित रहकर मार्गदर्शन देने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के गरिमामयी इतिहास में यह एक विशिष्ट क्षण है, जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर इस मंथन में सहभागिता की है. उनकी उपस्थिति यह भरोसा देती है कि राज्य नेतृत्व पुलिसिंग की चुनौतियों को समझता है, सुधार की प्रक्रिया में मार्गदर्शक है और परिणामों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
पुलिस महानिदेशक ने विभिन्न सत्रों की रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की परिवर्तनकारी यात्रा का उल्लेख किया. उन्होंने भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक-आधारित नागरिक सेवाओं, फॉरेंसिक सुदृढ़ीकरण, साइबर पुलिसिंग, मिशन शक्ति केंद्र, विशेष इकाइयों के गठन तथा अपराध के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य प्रत्येक सत्र से स्पष्ट उत्तरदायित्व, निर्णयों की स्पष्ट टाइमलाइन और ठोस परिणाम सुनिश्चित करना है, ताकि यह मंथन कक्षों से निकलकर फील्ड में दिखाई दे और नागरिकों तक बेहतर, रिस्पॉन्सिव एवं सिटिजन-फर्स्ट पुलिस सेवा पहुंचे. सम्मेलन के प्रथम दिवस कुल 07 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रत्येक सत्र में 07 नोडल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया.
शनिवार को विभिन्न सत्रों में क्या-क्या हुआ?
सत्र-1 में बीट पुलिसिंग विषय के नोडल अधिकारी एस. के. भगत, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बीट पुलिसिंग से संबंधित समस्याओं, उनके समाधान और बेस्ट प्रैक्टिसेज पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. तत्पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘यक्ष ऐप’ का लोकार्पण किया गया.
क्या है यक्ष ऐप?
‘यक्ष ऐप’ AI और बिग डेटा एनालिसिस की सहायता से तैयार किए गए बीट बुक का डिजिटल स्वरूप है. इसके माध्यम से बीट पर अपराध, अपराधियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों का समग्र डेटा उपलब्ध होगा, जिससे पुलिस कार्रवाई अधिक तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक एवं लक्षित रूप में की जा सकेगी. यह ऐप बीट कर्मियों के रोज़मर्रा के कार्यों को आसान, सुव्यवस्थित एवं प्रभावी बनाने में भी मददगार होगा.
सत्र-2 में क्राइम अगेंस्ट वूमन, चिल्ड्रन एंड ह्यूमन ट्रैफिकिंग विषय की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख कार्यों, उपलब्धियों, चुनौतियों एवं भावी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई.
महिला सुरक्षा की दिशा में गेम चेंजर मिशन शक्ति केंद्र!
इसके तहत नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्र, समुदाय स्तर पर किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम, पारिवारिक विघटन के साथ लैंगिक अपराधों से पीड़ित बालिकाओं की देखभाल एवं संरक्षण, मिशन शक्ति द्वारा महिलाओं एवं बाल सुरक्षा में आए सकारात्मक बदलाव, फैमिली डिस्प्यूट रेज़ोल्यूशन क्लिनिक (FDRC) और बलात्कार के प्रकरणों में कानून प्रवर्तन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. इसके अतिरिक्त अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन श्री अशोक मुथा जैन द्वारा बहू-बेटी सम्मेलन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया.
‘स्मार्ट SHO डैशबोर्ड’ के जरिए थाना और पुलिस का लेखा-जोखा!
सत्र-3 में पुलिस स्टेशन मैनेजमेंट एंड अपग्रेडेशन विषय के नोडल अधिकारी सुजीत पांडेय, पुलिस महानिदेशक, लखनऊ जोन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा थाना स्तर की पुलिसिंग में तकनीकी उन्नयन हेतु ‘स्मार्ट SHO डैशबोर्ड’ की विशेषताओं, उपयोगिताओं, क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया. बताया गया कि इस एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से थाना प्रभारी सभी प्रमुख कार्यों पर नियंत्रण रख सकते हैं. इसके क्रियान्वयन से नागरिक शिकायतों के समाधान में समय की भारी कमी, पुलिस कर्मियों की जवाबदेही में वृद्धि, यातायात प्रवाह में सुधार और अपराध निगरानी में तेजी आएगी.
साइबर क्राइम से कैसे निपट रही यूपी पुलिस?
सत्र-4 में साइबर क्राइम विषय के नोडल अधिकारी बिनोद कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बढ़ते साइबर अपराधों के कारण, अपराधियों की कार्यप्रणाली, साइबर थानों व साइबर हेल्प डेस्क की भूमिका तथा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के सहयोग से किए जा रहे क्षमता निर्माण प्रयासों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया.
कानून, लॉ एंड ऑर्डर और नागरिकों के प्रति पुलिस के व्यवहार में ऐसे हो रहा सुधार!
सत्र-5 में ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, वेलफेयर, पुलिस बिहेवियर एंड ट्रेनिंग विषय के नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण राजीव सभरवाल के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों के व्यवहार सुधार, PPS अधिकारियों की सेवा संबंधी समस्याओं, स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं जागरूकता के लिए वामासारथी द्वारा किए जा रहे प्रयासों और i-GOT पोर्टल पर प्रशिक्षण कोर्स से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया.
अपराध की रोकथाम और अपराधियों की मॉनिटरिंग ऐसे कर रही यूपी पुलिस!
सत्र-6 में प्रॉसिक्यूशन एंड प्रिज़न्स विषय के नोडल अधिकारी दीपेश जुनेजा, पुलिस महानिदेशक, अभियोजन के नेतृत्व में ई-रिपोर्टिंग पोर्टल, माफिया मॉनिटरिंग डैशबोर्ड, नई आपराधिक विधियों के क्रियान्वयन, ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल, पेपरलेस कार्यप्रणाली पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. इसके अतिरिक्त डीजी कारागार प्रेम चंद मीना द्वारा कारागारों के डिजिटलीकरण, AI आधारित CCTV, ई-मुलाकात, हेल्थ ATM, डिजिटल लाइब्रेरी, समयपूर्व रिहाई सॉफ्टवेयर और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 50,000 से अधिक गवाहियों की जानकारी दी गई.
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सत्र-7 में CCTNS 2.0, न्याय संहिता और फॉरेंसिक्स विषय के नोडल अधिकारी नवीन अरोड़ा, अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवाएं के नेतृत्व में डेटा-आधारित, वैज्ञानिक और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग, e-FIR, ज़ीरो FIR, e-Summon और e-Sakshya जैसी डिजिटल व्यवस्थाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया.
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