मोदी राज में 'बीजेपी' ने 1,654 विधायकों के साथ बनाया नया रिकॉर्ड, 2027 में कांग्रेस का इतिहास भी होगा धराशाई, जानिए कैसे हुआ खेल
बीजेपी नेता और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने विश्वास जताया है कि अगले दो वर्षों में बीजेपी पूरे देश में 1,800 विधायकों की संख्या को आसानी से पार कर लेगी. मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी की इस उड़ान की तुलना कांग्रेस से करते हुए लिखा कि 'इस रफ्तार से बीजेपी अगले 2 सालों में बिना किसी झिझक के 1,800 सीटों का आंकड़ा पार कर जाएगी.'
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बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की प्रचंड जीत के बाद बीजेपी में जबरदस्त खुशी का माहौल है. चुनावी नतीजे को देखते हुए बीजेपी की नजर अब पश्चिम बंगाल पर टिकी है. इसके अलावा अगले साल कई ऐसे राज्यों में चुनाव है, जहां अब तक बीजेपी को कठिन चुनौतियों से जूझना पड़ा है और इन राज्यों में पार्टी का परफॉर्मेंस उतना खास नहीं रहा है, लेकिन बिहार के नतीजों से पार्टी के हौसले बुलंद हैं. इस बीच एक नया आंकड़ा सामने आया है, जहां सभी राज्य विधानसभाओं में पार्टी का प्रतिनिधित्व अब तक के सर्वोच्च स्तर को छू चुका है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि पार्टी जल्द ही 1,800 विधायकों के आंकड़े को पार करने में कामयाब होगी.
बीजेपी ने 1,654 विधायकों का आंकड़ा किया पार
बीजेपी नेता और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने विश्वास जताया है कि अगले दो वर्षों में बीजेपी पूरे देश में 1,800 विधायकों की संख्या को आसानी से पार कर लेगी. मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी की इस उड़ान की तुलना कांग्रेस से करते हुए लिखा कि 'इस रफ्तार से बीजेपी अगले 2 सालों में बिना किसी झिझक के 1,800 सीटों का आंकड़ा पार कर जाएगी.'
BJP is now at its highest-ever strength in State Assemblies and the momentum is only growing.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 17, 2025
At this pace, the BJP will comfortably cross the 1800-seat mark in the next two years.
For comparison, Congress touched its peak of around 2018 seats in 1985, riding on a massive… pic.twitter.com/6huvSTJc95
कांग्रेस ने पार किया था 2,000 विधायकों का आंकड़ा
बीजेपी नेता ने यह भी बताया कि साल 1985 में जब कांग्रेस की राजनीति अपने चरम सीमा पर थी, तो उस दौरान कांग्रेस के विधायकों की संख्या 2,018 तक पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने तर्क दिया कि 1980 के दशक की राजनीतिक परिस्थितियां सत्ता को मजबूत करने और मतदाताओं को प्रभावित करने में आसान बना देती थीं, लेकिन बीजेपी का उदय धीरे-धीरे, लगातार और कड़ी मेहनत से हुआ है.
राज्य-दर-राज्य और संघर्ष-दर-संघर्ष अर्जित किया
अमित मालवीय ने यह भी कहा कि जहां कांग्रेस को यह शिखर वंशानुगत विरासत में मिला, तो वहीं बीजेपी ने इसे सीट-दर-सीट, राज्य-दर-राज्य और संघर्ष-दर-संघर्ष अर्जित किया है. उन्होंने अपनी पोस्ट में दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच तुलनात्मक विश्लेषण भी दिया. मालवीय ने कहा कि बीजेपी की सफलता निरंतर परिश्रम का फल है. कांग्रेस को शिखर विरासत में मिला, लेकिन बीजेपी ने इसे कमाया. आने वाला भविष्य उसी पार्टी का है, जो काम करती है, न कि जो वंशवाद पर टिकी रहती है.
2014 से साल दर साल का आंकड़ा
बीजेपी जब से केंद्र सरकार में आई है, तब से लेकर अब तक हर साल बीजेपी के विधायकों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. इनमें बीजेपी विधायकों की संख्या 2014 में 1,035, 2015 में 997, 2016 में 1,053, 2017 में 1,365, 2018 में 1,184, 2019 में 1,160, 2020 में 1,207, 2021 में 1,278, 2022 में 1,289, 2023 में 1,441, 2024 में 1,588 और 2025 में यह आंकड़ा 1,654 विधायकों का है, जो अब तक का सर्वाधिक है.
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बता दें कि हाल में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 89 सीटों पर जीत हासिल की है.
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