Dhami को हटाने का एजेंडा चलाने वालों को BJP ने दिया मुंहतोड़ जवाब
कुछ सोकॉल्ड पत्रकारों ने उत्तराखंड के सीएम धामी की कुर्सी बदलने की अफवाहें चलाने लगे लेकिन उनकी ये अफवाहें ज्यादा देर तक नहीं टिक सकीं क्योंकि खुद उत्तराखंड बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने ऐसी किसी भी अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया।

धामी विरोधी एजेंडे का एक झटके में पर्दाफाश
जिस धामी सरकार को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता भारी बहुमत के साथ सत्ता सौंपी है। उसी धामी सरकार की कुर्सी छीनने का ऐसा एजेंडा चलाया जा रहा है जैसे मानो बस कुछ ही दिनों में बीजेपी आलाकमान धामी को कुर्सी से हटाने वाला है।वो भी दिल्ली से आई कुछ तस्वीरों के भरोसे।
पीएम मोदी और अमित शाह से मिले ये नेता कोई और नहीं गढ़वाल क्षेत्र के बीजेपी नेता धन सिंह रावत हैं, जो उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं और कुछ ही दिनों पहले दिल्ली दौरे पर गये धन सिंह रावत ने मोदी और शाह से मुलाकात क्या कर ली।कुछ सोकॉल्ड पत्रकारों ने इस मुलाकात के दम पर सीएम धामी की कुर्सी बदलने की अफवाहें चलाने लगे।लेकिन उनकी ये अफवाहें ज्यादा देर तक नहीं टिक सकीं क्योंकि खुद उत्तराखंड बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने ऐसी किसी भी अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया और एक बयान में कह दिया-
प्रदेश में सीएम बदलने की अटकलें गलत हैं, सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश तरक्की कर रहा है
दिल्ली से भेजे गये उत्तराखंड बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने सीएम बदलने की अटकलों को जहां सिरे से खारिज कर दिया। तो वहीं ये बात भी साफ कर दी कि सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड तरक्की की राह पर चल रहा है। उनका ये बयान इस मायने में भी अहम हो जाता है कि सबसे पहली बात तो ये है कि उन्हें बीजेपी आलाकमान ने ही बीजेपी प्रभारी बनाकर उत्तराखंड भेजा है और जब बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम मजबूती के साथ धामी सरकार के साथ खड़े हैं तो समझिये दिल्ली में बैठे मोदी और शाह का हाथ सीएम धामी पर है। ऐसे में धामी को कुर्सी से हटाना महज एक अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है,जो लोग ऐसी खबरें चला रहे हैं। वो बस थोड़े बहुत व्यूज के लिए इस तरह की खबरें चला रहे हैं। वैसे भी उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री बदलते हुए बहुत देख लिया है। अब दोबारा बीजेपी इस तरह का कोई जोखिम लेना नहीं चाहेगी, क्योंकि इससे जनता में एक नकारात्मक संदेश जा सकता है जिसका खामियाजा भविष्य में होने वाले चुनाव में बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है।