'लव जिहाद' और 'बहुविवाह' पर कानून बनाएगी असम सरकार, सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि 'अगले विधानसभा सत्र के दौरान सरकार 'बहुविवाह' और 'लव जिहाद' पर प्रतिबंध के साथ-साथ सत्रों का संरक्षण, चाय बागानों के श्रमिकों को भूमि अधिकार देने सहित अन्य विधेयक पेश करेगी. इनमें चाय बागानों के श्रमिकों के भूमि अधिकारों पर भी खास चर्चा होगी.'
Follow Us:
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि सरकार विधानसभा के अगले सत्र में 'लव जिहाद' और 'बहुविवाह' पर कानून बनाएगी. एक सरकारी कार्यक्रम में सरमा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अगला विधानसभा सत्र ऐतिहासिक होगा. इससे पहले असम कैबिनेट ने असम सत्र संरक्षण और विकास बोर्ड विधेयक 2025 को मंजूरी दी है. यह एक निकाय होगा, जिसका उद्देश्य भूमि संपत्ति का संरक्षण, प्रबंधन, रख रखाव और सतत विकास को सुनिश्चित करना है.
असम सरकार 'लव जिहाद' और 'बहुविवाह' पर पेश करेगी विधेयक
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि 'अगले विधानसभा सत्र के दौरान सरकार 'बहुविवाह' और 'लव जिहाद' पर प्रतिबंध के साथ-साथ सत्रों का संरक्षण, चाय बागानों के श्रमिकों को भूमि अधिकार देने सहित अन्य विधेयक पेश करेगी. इनमें चाय बागानों के श्रमिकों के भूमि अधिकारों पर भी खास चर्चा होगी.'
The next Assembly session will be historic as many significant bills will be introduced - bill to ban polygamy and Love Jihad, Bill to preserve our Satras, bill to confer land rights to our tea garden workers among others. pic.twitter.com/iEyLPXWeIr
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 22, 2025
'असम सत्र संरक्षण' और 'विकास बोर्ड विधेयक' को मिली मंजूरी
जानकारी के लिए बता दें कि असम सरकार ने असम सत्रों और विकास बोर्ड विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है. यह एक निकाय होगा, जिसका उद्देश्य सत्रों और उनके भूमि संपत्ति का संरक्षण, प्रबंधन और रखरखाव के साथ सतत विकास सुनिश्चित करना है. बता दें कि असम सत्र के वैष्णव मठ हैं, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण केंद्र है. इसकी स्थापना 16वीं सदी में हुई थी.
'विधेयक के तहत आयोग स्थापित किया जाएगा'
असम के मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 'इस विधेयक के तहत एक आयोग स्थापित किया जाएगा, जो शत्रु भूमि को अतिक्रमण और विवादों से बचाएगा. पारदर्शी शासन के माध्यम से और विरासत पर्यटन व सत्र कला के माध्यम से भी सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा.' उन्होंने आगे कहा कि 'विधेयक के अनुसार सत्रों की सांस्कृतिक विरासत को डिजिटल संग्रह के माध्यम से सुरक्षित किया जाएगा, जिसमें भूमि कलाकृतियां और पांडुलिपियों का विवरण होगा. इसके जरिए वैश्विक स्तर पर उनकी पहुंच और संरक्षण सुनिश्चित होगा.'
आयोग के अध्यक्ष हाई कोर्ट से सेवानिवृत न्यायाधीश होंगे
सरकार ने कहा कि 'आयोग का अध्यक्ष हाई कोर्ट से रिटायर्ड न्यायाधीश को बनाया जाएगा. इसके अलावा इसके सदस्य सचिव भूमि अधिग्रहण और सुधार निदेशक असम होंगे.'
जुबीन गर्ग की मौत पर भी दिया बयान
सरमा ने बुधवार को कहा कि 'एक वर्ग' जुबीन गर्ग की मौत का राजनीतिकरण करने और गायक के सच्चे अनुयायी होने का ढोंग रचकर राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है. बीजेपी राज्य को नकली अनुयायियों (जुबीन गर्ग के) की ओर से किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाने के लिए इस सांस्कृतिक प्रतीक के सभी असली अनुयायियों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है.'
'जुबीन गर्ग का निधन असमिया समाज के लिए सबसे दुखद खबर'
यह भी पढ़ें
उन्होंने आगे कहा कि 'जुबीन गर्ग का निधन असमिया समाज के लिए सबसे दुखद खबर है, लेकिन लोगों के एक वर्ग ने इसे राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की है. उनमें से कई लोगों ने या तो जुबीन के जीवित रहते हुए उनका एक भी गाना नहीं सुना या फिर जुबीन गर्ग के बारे में उनकी जानकारी बहुत सीमित है. गर्ग की मृत्यु के बाद, ये लोग उनकी विचारधारा को एक अलग दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा मानना है कि ज़ुबीन गर्ग के निधन के बाद कोई राजनीति नहीं होगी, जैसे भूपेन हजारिका, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राव के बाद किसी ने राजनीति नहीं की. सभी राजनीतिक दल जुबीन गर्ग को प्यार करते थे और उनके नाम पर राजनीति करने की कोई गुंजाइश नहीं है.'
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें