'अरुणाचल प्रदेश देश का एक अहम और अटूट हिस्सा है... ,' विदेश मंत्रालय का चीन को सख्त संदेश, भारतीयों नागरिकों से भी खास अपील
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को नई दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'हाल ही में शंघाई हवाई अड्डे पर हुई घटना को लेकर हम अपेक्षा करते हैं कि चीनी अधिकारी यह आश्वासन प्रदान करे कि चीनी एयरपोर्ट से आने-जाने वाले भारतीय नागरिकों को खास तौर पर निशाना नहीं बनाया जाएगा. चीनी पक्ष हवाई यात्रा को नियंत्रण करने वाले नियमों का पालन करेंगे.'
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चीन के शंघाई हवाई अड्डे पर भारतीय महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने फिर स्पष्ट किया कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने बीजिंग से 'अपेक्षा' की है कि अधिकारी भविष्य में किसी भी चीनी एयरपोर्ट से गुजर रहे भारतीय नागरिकों को टारगेट नहीं करेंगे. उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में नहीं लिया जाएगा या परेशान नहीं किया जाएगा. रणधीर जायसवाल ने इस बात को भी दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश देश का एक अहम और अटूट हिस्सा है.
चीनी अधिकारियों को विदेश मंत्रालय की सख्त चेतावनी
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को नई दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'हाल ही में शंघाई हवाई अड्डे पर हुई घटना को लेकर हम अपेक्षा करते हैं कि चीनी अधिकारी यह आश्वासन प्रदान करे कि चीनी एयरपोर्ट से आने-जाने वाले भारतीय नागरिकों को खास तौर पर निशाना नहीं बनाया जाएगा. चीनी पक्ष हवाई यात्रा को नियंत्रण करने वाले नियमों का पालन करेंगे.' यह कड़ा बयान पिछले महीने शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली युवती को चीनी अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के बाद आया है. बता दें कि पहले भी इस घटना को नई दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और आपसी समझ का साफ उल्लंघन बताया था. जायसवाल ने कहा कि 'विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को सलाह देता है कि जब वे चीन की यात्रा कर रहे हों या चीन से गुजर रहे हों तो उचित सावधानी बरतें.'
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली भारतीय नागरिक प्रेमा वांगजोम थोंगडोक ने आरोप लगाया था कि '21 नवंबर को लंदन से जापान जाते समय, तीन घंटे के ठहराव के दौरान चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक रोके रखा.' उन्होंने कहा कि 'अधिकारियों ने उनका भारतीय पासपोर्ट लेने से मना कर दिया और कहा कि उनका जन्मस्थान, अरुणाचल प्रदेश 'चीन का हिस्सा' है.'
'अरुणाचल प्रदेश देश का एक अहम और अटूट हिस्सा'
इस चौंकाने वाली घटना के बाद भारत ने इस मामले को चीनी पक्ष के सामने जोरदार तरीके से उठाया था. एमईए ने 25 नवंबर को कहा था कि 'चीनी अधिकारी अभी भी अपने कामों के बारे में सफाई नहीं दे पाए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को नियंत्रण करने वाले कई नियमों का उल्लंघन है. चीनी अधिकारियों के काम उनके अपने नियमों का भी उल्लंघन करते हैं, जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीजा फ्री ट्रांजिट की इजाजत देते हैं.' नई दिल्ली ने भी लगातार भारत की इस बात को दोहराया है कि 'अरुणाचल प्रदेश देश का एक अहम और अटूट हिस्सा है.'
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