अल फलाह यूनिवर्सिटी पर चलेगा बुलडोजर! दिल्ली धमाके के बाद अवैध निर्माण पर प्रशासन ने की बड़े एक्शन की तैयरी
Delhi Blast: जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी में चल रहे निर्माण कार्य को तुरंत रोक दिया है. डॉक्टर उमर और अन्य आरोपियों के विश्वविद्यालय से जुड़े होने के कारण मामले की जांच और भी कड़ी कर दी गई है.
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Al Falah University: अल फलाह यूनिवर्सिटी में हाल ही में आतंकी साजिश के खुलासे के बाद अब विश्वविद्यालय की जमीन और निर्माण संबंधी कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. जांच में पता चला है कि विश्वविद्यालय ने नियमों की अवहेलना करते हुए कई इमारतें बिना सरकारी अनुमति के बना ली थीं. अब प्रशासन ने ऐसे अवैध निर्माणों को गिराने की योजना बनाई है, ताकि नियमों की सही तरीके से पालना हो सके और परिसर के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके.
जमीन अधिग्रहण और पुराने रास्तों पर कब्ज़ा
सूत्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने अपने 80 एकड़ के परिसर का विस्तार करते समय न सिर्फ सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया, बल्कि गांव के पारंपरिक रास्तों पर भी कब्ज़ा कर लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि 1990 में जब विश्वविद्यालय का विस्तार शुरू हुआ, तब चांसलर ने बिना किसी अनुमति के कई पुराने रास्तों पर कब्ज़ा कर लिया. इससे किसानों के खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया. शुरुआत में केवल 30 एकड़ में इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया गया था, लेकिन बाद में आसपास की जमीन खरीदकर भवनों का विस्तार कर दिया गया और रास्तों को परिसर में शामिल कर लिया गया.
नक्शे में दर्ज इमारतों का विवरण
जांच में यह भी सामने आया है कि यूनिवर्सिटी के 76 एकड़ क्षेत्र में कई इमारतें बिना मंजूरी के बनाई गई हैं. मुस्तील नंबर 109-13 में इंजीनियरिंग बिल्डिंग, 14 में वर्कशॉप, 9 में मोर्चरी और 25 में अस्पताल का निर्माण किया गया. इसके अलावा 25 और 5 नवंबर को मिलाकर गर्ल्स हॉस्टल बनाए गए. मुस्तील नंबर 24-2 में बॉयज हॉस्टल और डाइयिंग हॉल बनाया गया. 123-11 और 123-12 में डॉक्टरों के लिए बहुमंजिला रिहायशी परिसर, 19 में एनाटॉमी बिल्डिंग और 18-2 में मेडिकल बिल्डिंग भी तैयार की गई हैं.
निर्माण पर रोक और कार्रवाई तेज
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जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी में चल रहे निर्माण कार्य को तुरंत रोक दिया है. डॉक्टर उमर और अन्य आरोपियों के विश्वविद्यालय से जुड़े होने के कारण मामले की जांच और भी कड़ी कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार कई जगह नए भवन निर्माण के काम चल रहे थे, जिनमें मेडिकल कॉलेज का हिस्सा भी शामिल था. कार्रवाई शुरू होते ही ठेकेदारों ने काम रोक दिया और मजदूर साइट छोड़कर चले गए. प्रशासन की सख्ती और आगे की योजना यूनिवर्सिटी में प्रशासन और जांच एजेंसियों की निगरानी लगातार बढ़ाई जा रही है. अवैध कब्ज़ा और निर्माण के मामलों की नियमित जांच हो रही है. डीटीपी, तहसीलदार और पटवारी लगातार परिसर का निरीक्षण कर रहे हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही इन अवैध निर्माणों को गिरा दिया जाएगा. इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय की जमीन और आसपास के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
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