मध्य प्रदेश में 25 लाख का तालाब ही हो गया चोरी, ढूंढने वाले को मिलेगा इनाम… थाने में दर्ज हुई शिकायत, जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के रीवा में एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां कीमती आभूषण, रुपए, हीरा मोती नहीं बल्कि सार्वजनिक सरोवर यानी तालाब चोरी हो गया. RTI के तहत खुलासा हुआ है कि करीब 25 लाख रुपए की लागत से इस सरोवर का निर्माण कराया गया था.
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मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां न तो सोना-चांदी और न ही हीरे-मोती चोरी हुए हैं, बल्कि पूरा का पूरा सार्वजनिक तालाब ही "गायब" हो गया.
आरटीआई से खुलासा हुआ कि करीब 25 लाख रुपये की लागत से इस तालाब का निर्माण कराया गया था. लेकिन अब स्थिति यह है कि ग्रामीण तालाब की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. कई बार प्रशासन, पुलिस और यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन तालाब का कोई पता नहीं चला.
थक-हारकर ग्रामीणों ने अब मुनादी कर इनाम की घोषणा तक कर दी है. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
जमीनी हकीकत से दूर है सच्चाई
मामला रीवा जिले के चाकघाट क्षेत्र का है. आरटीआई कार्यकर्ता ललित मिश्र द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, अमृत सरोवर तालाब का निर्माण 24.94 लाख रुपये की लागत से 9 अगस्त 2023 को कराया जाना दर्शाया गया था. यह तालाब पूर्वा मनीराम के ग्राम कठौली में, राजस्व अभिलेख के अनुसार भूमि क्रमांक 117 पर दर्ज है.
लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. मौके पर किसी भी प्रकार का तालाब मौजूद नहीं है. आरोप है कि ग्राम पंचायत सरपंच ने नाले पर बांध बनाकर पानी अपनी ही निजी भूमि (रकवा नंबर 122) में इकट्ठा कर लिया. अस्थायी रूप से पानी जमा होने से तालाब का स्वरूप दिखाया गया और इसी बहाने 24 लाख 94 हजार रुपये की राशि निकाल ली गई.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने की चालाकी
शिकायत दर्ज होने के बाद जिला पंचायत रीवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने एक सप्ताह के भीतर ग्राम पंचायत से अमृत सरोवर तालाब निर्माण की पूरी राशि वसूलने के निर्देश दिए. लेकिन सरपंच ने शासन को गुमराह करने के लिए नई चाल चली. उन्होंने अपनी ही निजी जमीन का एक छोटा हिस्सा सरकार के नाम दान कर दिया, ताकि तालाब निर्माण की औपचारिकता पूरी दिखे और कार्रवाई से बचा जा सके.
थाना प्रभारी ने दी जानकारी
थाना प्रभारी चाकघाट घनश्याम तिवारी ने बताया कि तालाब चोरी की शिकायत मिली है. यह अनियमितता का मामला है. कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि पूर्वा मनीराम धीरेंद्र तिवारी सरपंच वर्तमान में BJP का रायपुर मंडल उपाध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा, इलाके के कई तालाब भी रातोरात गायब हो गए. ग्रामीणों का कहना है कि सरोवर की तलाश जारी है और वे इनाम देकर भी मदद मांग रहे हैं. पुलिस और प्रशासन जांच में जुटे हैं, लेकिन सरोवर का पता नहीं लग रहा.
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