रेलवे का बड़ा बदलाव! यूपी के 157 स्टेशन हो रहे आधुनिक, यात्रियों के लिए आसान सफर और कारीगरों के लिए रोजगार की सौगात
Railway: अब इसमें भारी बढ़ोतरी की गई है. वर्ष 2009–14 तक यूपी को औसतन 1,109 करोड़ रुपये ही मिलते थे, लेकिन वर्ष 2025–26 में यह बढ़कर 19,858 करोड़ रुपये हो गया है. यह करीब 18 गुना ज्यादा है. इससे साफ दिखता है कि उत्तर प्रदेश में रेलवे ढांचे को पूरी तरह बदलने और सुधारने की दिशा में सरकार कितनी गंभीर है.
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Indian Railway: उत्तर प्रदेश में रेलवे को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेल लगातार बड़े स्तर पर काम कर रही है. पहले जहां राज्य को हर साल रेलवे योजनाओं के लिए बहुत कम बजट मिलता था, वहीं अब इसमें भारी बढ़ोतरी की गई है. वर्ष 2009–14 तक यूपी को औसतन 1,109 करोड़ रुपये ही मिलते थे, लेकिन वर्ष 2025–26 में यह बढ़कर 19,858 करोड़ रुपये हो गया है. यह करीब 18 गुना ज्यादा है. इससे साफ दिखता है कि उत्तर प्रदेश में रेलवे ढांचे को पूरी तरह बदलने और सुधारने की दिशा में सरकार कितनी गंभीर है.
नए रेल मार्ग बनाने में तेजी
राज्य में नए रेल मार्ग बनाने का काम भी बहुत तेजी से हो रहा है. पहले 2009–14 के दौरान लगभग 996 किलोमीटर नए रेल मार्ग बनाए गए थे. जबकि 2014–25 की अवधि में यह बढ़कर 5,272 किलोमीटर हो गया. यानी हर साल औसतन 479 किलोमीटर नए रेलपथ बनाए जा रहे हैं. इससे रेलवे नेटवर्क मजबूत हो रहा है और ज़्यादा क्षेत्रों को रेल संपर्क मिल रहा है.
62 हजार करोड़ के बड़े रेल प्रोजेक्ट जारी
1 अप्रैल 2025 तक उत्तर प्रदेश में कुल 49 रेल परियोजनाएं चल रही हैं. इनकी कुल लागत 62,360 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं में 10 नई लाइनें, 2 आमान परिवर्तन परियोजनाएं और 37 दोहरीकरण/मल्टीट्रैकिंग कार्य शामिल हैं. कुल मिलाकर 3,807 किलोमीटर के काम में से 1,323 किलोमीटर पहले ही पूरा हो चुका है और अब तक करीब 30,611 करोड़ रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं. इन कामों से आने वाले वर्षों में यूपी का रेल नेटवर्क और भी मजबूत और तेज़ हो जाएगा.
हाल में पूरी हुई कई महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं
राज्य में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण रेलवे कार्य पूरे किए गए हैं. इनमें बहराइच -नानपारा- नेपालगंज का आमान परिवर्तन, जंघई -फाफामऊ, वाराणसी- माधोसिंह-प्रयागराज, मेरठ -मुज़फ्फरनगर, बाराबंकी- अकबरपुर, रोसा-सीतापुर कैंट-बुढ़वल और भीमसेन–झांसी दोहरीकरण शामिल हैं. इसके अलावा बहराइच-खलीलाबाद नई लाइन, झांसी-खैरार-मानिकपुर, खैरार-भीमसेन दोहरीकरण और पं. दीन दयाल उपाध्याय-प्रयागराज तीसरी लाइन जैसी बड़ी परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है.
सुरक्षा के लिए आरओबी और आरयूबी का तेजी से निर्माण
रेलवे लाइन पर आवागमन सुरक्षित हो सके, इसके लिए राज्य में पुलों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है. 2022–23 से 2024–25 के बीच यूपी में 252 आरओबी/आरयूबी बना दिए गए हैं. पूरे भारतीय रेल नेटवर्क में 4,689 ऐसे पुलों का निर्माण 1,11,583 करोड़ की लागत से चल रहा है. इन पुलों के बन जाने से रेलवे क्रॉसिंग पर जाम कम होता है और हादसों की संभावना भी घट जाती है.
अमृत भारत स्टेशन योजना -यात्रियों के लिए आधुनिक स्टेशन
भारतीय रेल ने स्टेशन विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की है. इस योजना के तहत देश भर के 1,337 स्टेशनों को नया रूप दिया जा रहा है, जिनमें से 157 स्टेशन यूपी में हैं. यहां स्टेशन भवन, प्रतीक्षालय, शौचालय, पैदल पुल, लिफ्ट–एस्केलेटर, पार्किंग, यात्रियों के लिए सूचना प्रणाली जैसी सुविधाओं को आधुनिक बनाया जा रहा है. यूपी के 22 स्टेशन, जैसे अयोध्या धाम, बरेली सिटी, बिजनौर, गोमती नगर, गोविंदपुरी, सहारनपुर जंक्शन आदि पर काम पूरा भी हो चुका है. बाकी स्टेशनों पर काम तेजी से चल रहा है.
‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना से बढ़ रहा स्थानीय रोजगार
स्थानीय उत्पादों और शिल्प को बढ़ावा देने के लिए स्टेशन पर ‘एक स्टेशन - एक उत्पाद’ के स्टॉल लगाए जा रहे हैं. 5 दिसंबर 2025 तक यूपी के 201 स्टेशनों पर ऐसे स्टॉल शुरू हो चुके हैं. इससे कारीगरों, हस्तशिल्प और ग्रामीण उद्योगों को बड़ा लाभ मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश में रेलवे का तेज विकास लगातार जारी
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रेल मंत्रालय ने बताया है कि नई परियोजनाओं को मंजूरी देने से पहले यातायात, आर्थिक महत्व, भूमि उपलब्धता और अन्य नियमों का पूरा मूल्यांकन किया जाता है. इनके बावजूद यूपी में रेलवे का विकास बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. आने वाले समय में यात्रियों को और भी बेहतर सेवाएँ, तेज ट्रेनें और आधुनिक स्टेशन मिलने वाले हैं.
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