जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार, सीएम धामी ने बहुद्देशीय शिविरों की तैयारियों की समीक्षा, 45 दिन चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की शिविरों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. संगठनात्मक नेतृत्व और प्रतिनिधि नेतृत्व जनसमस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाए.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में 'जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार' कार्यक्रम की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की. इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में 'प्रशासन गांव की ओर अभियान' के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए.
सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 17 दिसंबर से आगामी 45 दिनों तक प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों में चरणबद्ध रूप से बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए. इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आमजन से आवेदन पत्र प्राप्त किए जाएं और पात्र व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करते हुए उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर कार्यक्रम का संचालन किया जाए तथा बड़ी न्याय पंचायतों में आवश्यकतानुसार एक से अधिक शिविर आयोजित किए जाएं. शिविरों में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समुचित जानकारी दी जाए और कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित किया जाए.
शासकीय आवास पर “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा के दौरान अधिकारियों को अभियान के तहत केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 17, 2025
अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक… pic.twitter.com/VOoFhTyzIr
शिविरों में जिलाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि शिविरों के उपरान्त निकटवर्ती गांवों में अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर पात्र लाभार्थियों से आवेदन भरवाए जाएं तथा योजनाओं से वंचित लोगों की पहचान कर कमियों को दूर किया जाए. शिविरों के आयोजन से पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और न्याय पंचायत के सभी निवासियों को कम से कम 3-4 दिन पूर्व सूचित किया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक शिविर में जिलाधिकारी की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, जबकि अन्य शिविरों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें. नामित विभागों के अधिकारी शिविरों में उपस्थित रहकर जनसमस्याओं का मौके पर समाधान करें.
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की शिविरों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. संगठनात्मक नेतृत्व और प्रतिनिधि नेतृत्व जनसमस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाए.
हर सप्ताह ली जाएगी रिपोर्ट
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उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक कार्यक्रम का विधिवत पंजीकरण किया जाए, लाभार्थियों की संतुष्टि को प्राथमिकता दी जाए तथा कार्यक्रमों की साप्ताहिक प्रगति आख्या मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराई जाए. कार्यक्रमों की सफलता और किए गए कार्यों की जानकारी मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाई जाए.
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