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टैक्सी मालिकों को तोहफा! हरियाणा सरकार ने बदले नियम, बढ़ा दी गाड़ियों की लाइफ

Haryana: यह फैसला टैक्सी चालकों और पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. इससे न सिर्फ उनका रोज़गार सुरक्षित रहेगा, बल्कि उन्हें नया वाहन खरीदने की चिंता भी कम होगी.
सरकार का मानना है कि इन फैसलों से राज्य का परिवहन ढांचा और बेहतर होगा, लोगों को अच्छी सेवाएँ मिलेंगी और टैक्सी मालिक आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगे.

Iamge Source: Social Media

CM Nayab Singh Saini: हरियाणा सरकार ने टैक्सी मालिकों के लिए एक ऐसा निर्णय लिया है, जिससे हजारों लोगों को राहत मिलेगी. लंबे समय से टैक्सी मालिक अपनी गाड़ियों की अनुमति अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे. सरकार ने इस मांग को मानते हुए टैक्सी चलाने की समय सीमा में बड़ा बदलाव किया है. इस फैसले से खास तौर पर फरीदाबाद जिले के करीब 28 हजार टैक्सी मालिकों को सीधी राहत मिलेगी. पहले पेट्रोल और सीएनजी टैक्सी सिर्फ 9 साल तक चल सकती थीं, लेकिन अब इन्हें 12 साल तक चलाने की अनुमति मिल जाएगी. वहीं डीजल टैक्सी पहले की तरह 10 साल तक ही चल सकेंगी. यह निर्णय 8 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा.

आरटीओ विभाग तैयार, लिखित आदेश का इंतजार


फरीदाबाद आरटीओ अधिकारी ने बताया कि विभाग को इस फैसले की जानकारी है, लेकिन अभी आधिकारिक लिखित आदेश नहीं मिला है. जैसे ही आदेश प्राप्त होगा, नई व्यवस्था तुरंत लागू कर दी जाएगी. फरीदाबाद जिले में इस समय लगभग 28,000 टैक्सियाँ रजिस्टर्ड हैं, जिनमें लगभग 20,950 पेट्रोल व सीएनजी, 6 केवल सीएनजी और लगभग 4,279 डीजल टैक्सियाँ शामिल हैं. अधिकारी के मुताबिक, सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाली टैक्सियाँ भी इस नियम का लाभ उठा सकेंगी. इससे टैक्सी बाजार और भी सुगम और व्यवस्थित होगा.

नॉन-एनसीआर में मिलेंगे और ज्यादा फायदे


नॉन-एनसीआर क्षेत्रों के टैक्सी मालिकों को सरकार ने और भी राहत दी है. अब पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पर चलने वाली ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली गाड़ियाँ पूरे 12 साल तक चल सकेंगी. इससे खासतौर पर उन जिलों को फायदा होगा, जहाँ टैक्सी सेवाएँ अभी भी काफी सीमित हैं. सरकार का मानना है कि समय सीमा बढ़ने से न सिर्फ टैक्सी सेवाओं का विस्तार होगा, बल्कि परिवहन व्यवस्था भी मजबूत होगी। साथ ही टैक्सी मालिकों पर नया वाहन खरीदने का आर्थिक दबाव भी कम होगा.

स्कूल बसों के लिए भी खुशखबरी

सरकार ने सिर्फ टैक्सी मालिकों के लिए ही नहीं, बल्कि स्कूलों और परिवहन कंपनियों के लिए भी बड़े बदलाव किए हैं. अब एनसीआर में स्कूल बसों, स्टेज कैरिज, कांट्रेक्ट कैरिज और गुड्स कैरिज की आयु बढ़ाकर 15 साल कर दी गई है. यह नियम पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और अन्य इंजनों पर लागू होगा, जबकि डीजल बसें पहले की तरह 10 साल तक ही चल सकेंगी. बसों को बदलने में बहुत ज़्यादा धन लगता है, इसलिए यह फैसला स्कूलों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के लिए बहुत राहत देने वाला है.

पर्यटन और रोजगार पर पड़ेगा सकारात्मक असर


हरियाणा मोटर व्हीकल एक्ट 1993 के मुताबिक, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली गाड़ियों की अधिकतम उम्र तय रहती है. अब नई व्यवस्था के तहत एनसीआर में पेट्रोल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक टैक्सियाँ 12 साल तक चल सकेंगी, जबकि डीजल टैक्सियों की सीमा 10 साल ही रहेगी. यह फैसला टैक्सी चालकों और पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. इससे न सिर्फ उनका रोज़गार सुरक्षित रहेगा, बल्कि उन्हें नया वाहन खरीदने की चिंता भी कम होगी.
सरकार का मानना है कि इन फैसलों से राज्य का परिवहन ढांचा और बेहतर होगा, लोगों को अच्छी सेवाएँ मिलेंगी और टैक्सी मालिक आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगे.

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