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61 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा, फरार जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर्स एमडी काकरला श्रीनिवास चेन्नई से गिरफ्तार

काकरला श्रीनिवास को 19 दिसंबर को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट के सामने पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 31 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)  के हैदराबाद जोनल ऑफिस ने 18 दिसंबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जांच में मेसर्स जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर काकरला श्रीनिवास को गिरफ्तार किया है.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई

ईडी ने साइबराबाद पुलिस द्वारा मेसर्स जयथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके मैनेजिंग डायरेक्टर काकरला श्रीनिवास, मेसर्स जयथ्री रिलायबिलिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 और तेलंगाना राज्य वित्तीय प्रतिष्ठानों के जमाकर्ताओं के संरक्षण अधिनियम, 1999 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की.

ये एफआईआर घर खरीदारों और निवेशकों द्वारा दायर शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थीं, जिसमें रियल-एस्टेट डेवलपमेंट के बहाने जमा किए गए फंड में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और गबन का आरोप लगाया गया था. पीड़ितों को प्री-लॉन्च फ्लैट, कमर्शियल यूनिट, मेट्रो स्टेशन स्टॉल और किराए पर निश्चित रिटर्न का वादा किया गया था जो कभी पूरा नहीं हुआ.

61 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा

ईडी की जांच में पता चला कि काकरला श्रीनिवास ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करके कुल 61 करोड़ रुपए अपराध की कमाई (पीओसी) जेनरेट की थी. बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि पीओसी को कई बैंक खातों के माध्यम से लेयर किया गया था, जिसके बाद ग्रुप कंपनियों, निदेशकों और परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर किया गया और साथ ही बड़ी मात्रा में नकद निकासी भी की गई. फंड का इस्तेमाल अचल संपत्तियों के अधिग्रहण, असंबंधित देनदारियों के भुगतान और प्रॉक्सी संस्थाओं के माध्यम से सर्कुलेशन के लिए भी किया गया, जिससे उनकी असली उत्पत्ति और स्वामित्व छिपाया गया.

जमानत पर रिहाई के बाद हुआ फरार

काकरला श्रीनिवास को 18 जुलाई को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इसके बाद वह फरार हो गया और उसके आवासीय और कार्यालय के पते पर कई समन जारी किए जाने के बावजूद उसका पता नहीं चल सका. उसे खोजने के प्रयास किए गए. हालांकि, वह 9 जगहों पर नहीं मिला. 8 जगहों पर तलाशी ली गई जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए, जिनसे पीओसी को अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं को ट्रांसफर और डायवर्ट करने का पता चला. हालांकि, उक्त तलाशी अभियान के दौरान भी काकरला श्रीनिवास का पता नहीं चल सका.

चेन्नई से हुई काकरला श्रीनिवास की गिरफ्तारी

समय के साथ जानकारी इकट्ठा की गई और इंटेलिजेंस डेवलप की गई, जिससे पता चला कि काकरला श्रीनिवास 18 दिसंबर को चेन्नई में कुछ प्रॉपर्टी की गैर-कानूनी खरीद-बिक्री के सिलसिले में कुछ लोगों से मिलने वाला था. इसके बाद ईडी हैदराबाद जोनल ऑफिस के अधिकारियों ने 18 दिसंबर की शाम को काकरला श्रीनिवास को टावर्स क्लब, अन्ना नगर, चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया.

काकरला श्रीनिवास को 19 दिसंबर को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट के सामने पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 31 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.

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