3 साल की जेल 1 करोड़ का जुर्माना...अब गेम खेलने वालों की खैर नहीं, मोदी सरकार द्वारा 'ऑनलाइन गेमिंग बिल' लोकसभा में पास
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 'ऑनलाइन गेमिंग बिल' लोकसभा में पास हो गया है. इस कानून के तहत मनी गेमिंग की पेशकश करने वाले या सुविधा प्रदान करने वालों पर 3 साल की कैद व 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 'ऑनलाइन गेमिंग बिल' लोकसभा से पारित हो गया है. इस बिल का नाम 'ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक' है. सरकार के इस बिल का मकसद ऑनलाइन सोशल गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म को कानून के तहत कंट्रोल करना है. बता दें कि यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं देगी. इसमें सिर्फ प्रोवाइडर, विज्ञापन देने वाले, प्रमोटर और ऐसे खेलों को आर्थिक रूप से समर्थन देने वालों को कड़ी सजा भुगतनी होगी. इस बिल पर विपक्ष ने विरोध जताया है.
'गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं '
ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के बाद इसमें कई तरह के नियम है. जैसे - ऑनलाइन गेम खेलने वालों और पीड़ितों के लिए सजा का कोई प्रावधान नहीं है. इस बिल के जरिए सरकार ऑनलाइन गेमिंग सेवाओं, विज्ञापनों, और उनसे संबंधित वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाएगी. सरकार के इस विधेयक का मकसद ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, संचालन और सुविधा पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाना है.
'सोशल गेम्स को बढ़ावा देगी सरकार'
सूत्रों ने बताया कि, अब तक ई-स्पोर्ट्स को कोई भी कानूनी समर्थन नहीं था. लेकिन अब ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के तीसरे वर्ग के साथ बातचीत हुई, जहां पर जीएसटी लगाने की कोशिश की गई है, लेकिन इसमें कई तरह की चुनौतियां रही. इसमें समाज की भलाई को चुनने के अलावा कोई और विकल्प अब तक मौजूद नहीं था, लेकिन यह बिल देश में प्रतिस्पर्धी खेल के वैध रूप को मान्यता प्राप्त ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय विभाग एक ढांचे को स्थापित करेगा. इसके जरिए ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा मिलेगा.
'मनी गेम समाज के लिए बड़ी समस्या'
इस कानून से जुड़े सूत्रों ने यह भी बताया कि ऑनलाइन मनी गेम समाज के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है. इसमें अब तक कई तरह की चुनौतियां सामने आई हैं. घटना की खबरों में कई हिंसक हमले और अन्य तरह के मामले सामने आए हैं, अब तक इन गेमों के जरिए धोखाधड़ी और बड़ी ठगी हो रही है. कई परिवार इसमें बर्बाद हो चुके हैं. वहीं कई ने आत्महत्या तक कर ली है. ऐसे में इस बिल के जरिए ऑनलाइन मनी गेमिंग से जुड़ी लत, वित्तीय नुकसान और आत्महत्या जैसे गंभीर परिणामों पर प्रतिबंध लगाने में बड़ी मदद मिलेगी.
3 साल की कैद और एक करोड़ का जुर्माना
इस कानून के लागू होने के बाद अगर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश करने वाले या सुविधा प्रदान करने वालों को 3 साल की कैद या फिर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
विज्ञापन करने वालों को 2 साल की कैद और 50 लाख का जुर्माना
मनी गेम्स का विज्ञापन करने वालों को भी 2 साल की कैद और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसके अलावा इससे संबंधित किसी भी तरह की वित्तीय लेन लेन-देन के लिए 3 साल की कैद और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
दोबारा अपराध करने पर 3 से 5 साल की कैद 2 करोड़ का जुर्माना
इस कानून के तहत अगर कोई भी व्यक्ति गेमिंग में दूसरी बार अपराध करते हुए पाया जाता है, तो उसे 3 से 5 साल की कैद या फिर 2 करोड़ रुपए तक के जुर्माने की राशि चुकानी पड़ सकती है. इसमें प्रमुख धाराओं के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे.
अधिकारियों को मिलेगा पावर
इस मामले में केंद्र सरकार अधिकारियों को बड़े पावर दे सकती है. इसमें अपराधों से जुड़ी डिजिटल या संपत्ति की जांच तलाशी और जब्ती का अधिकार शामिल है. इनमें कुछ ऐसे भी मामले हो सकते हैं, जहां पर बिना वारंट के प्रवेश करने, तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का भी अधिकार अधिकारियों को मिलेगा.
बिल के बारे में क्या बोले आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ?
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लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की संक्षिप्त टिप्पणी के बाद इस बिल को पास कर दिया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि "जब बात समाज की हो, मध्यम वर्ग की हो या उद्योग जगत के किसी वर्ग की, जब बात समाज और सरकारी राजस्व की हो, तो हमारे प्रधानमंत्री ने हमेशा समाज को चुना है. हमने कभी भी समाज के हितों से समझौता नहीं किया है. बता दें कि इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा की कार्रवाई पूरे दिन भर के लिए स्थगित रही.
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