महाकुंभ की सुंदर साध्वी का खुला ‘राज’, संतों ने उठाए सवाल, रोते हुए छोड़कर भागीं हर्षा रिछारिया
Maha Kumbh से चर्चा में आने वाली हर्षा रिछारिया अब विवादों में आ गई. साधु संतों ने ही उन पर सवाल उठा दिया. जिसके बाद हर्षा ने महाकुंभ छोड़ दिया.
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माथे पर तिलक, भगवा शॉल, गले में रुद्राक्ष की माला... अखाड़े के रथ पर सवार, सनातन के रंग में रंगी हर्षा रिछारिया... सोशल मीडिया से लेकर लोगों की जुबान पर छाई हुई हर्षा को किसी ने उन्हें साध्वी माना तो किसी ने दिखावा करार दिया। चारों तरफ चर्चा में रही हर्षा पर अब साधु संतों ने सवाल उठाए हैं। उन्हें साध्वी नहीं, बल्कि 'मॉडल साध्वी' करार दिया है। जिसके बाद सवाल उठ खड़े हुए हैं कि खुद को सनातन की साधक बताने वाली हर्षा का ये रूप क्या पब्लिसिटी स्टंट है? क्या ये सब दिखावा है?
दरअसल, शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने हर्षा पर सवाल उठाते हुए उन्हें 'मॉडल साध्वी' करार दिया। उन्होंने कहा,
बस महंत की इसी बात पर महाभारत छिड़ गई और उनके बयान से आहत हुई हर्षा ने महाकुंभ क्षेत्र छोड़ दिया। महाकुंभ छोड़ने से पहले हर्षा ने आनंद स्वरूप की टिप्पणी को अपमान बताया। हर्षा ने रोते हुए कहा,
वहीं, आनंद स्वरूप ने भी वीडियो जारी कर हर्षा के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हर्षा जैसी लाखों लड़कियां आती हैं। हर्षा की असलियत सामने आ गई।"
आनंद स्वरूप ने हर्षा को आगाह किया कि सामान्य लड़की की तरह कुंभ में कोई भी आ सकता है, लेकिन साध्वी का ढोंग नहीं चलेगा। आनंद स्वरूप ने हर्षा को दीक्षा देने वाले महंत कैलाशानंद पर भी सवाल उठाए…यहां तक कि उन्हें महाकुंभ से बाहर करने की मांग भी कर दी। कैलाशानंद पर आरोप लगाया कि, वे अखाड़े के नियमों के खिलाफ जाकर दीक्षा दे रहे हैं। हालांकि कुछ साधु संत हर्षा के बचाव में भी उतरे हैं, उन्होंने हर्षा के खिलाफ गलत अफवाह फैलाने का आरोप लगाया।
मॉडल या साध्वी, कौन हैं हर्षा?
हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं और अपनी रील्स से छाई रहती हैं, लेकिन महाकुंभ में आने के बाद इनकी जितनी चर्चा हुई है, पहले कभी नहीं हुई। लोग उनके इंस्टाग्राम के वीडियो निकालकर ला रहे हैं जिनमें वे ग्लैमरस लुक में दिखीं। साथ में फिल्मी गानों पर डांस भी करती नजर आईं। उनका ये लुक सामने आने के बाद लोगों ने हर्षा को ट्रोल भी किया। लोगों ने उनकी जटाओं को भी नकली कहा, एक वीडियो भी सामने आया जिसमें हर्षा नकली जटा लगवाते हुए दिखीं। ट्रोलिंग के बाद हर्षा ने साफ किया कि वे साध्वी नहीं हैं, वे सिर्फ सनातन के मार्ग पर हैं। बावजूद इसके वे साधु संतों के निशाने पर आ गईं।
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