सर्दियों में इस समय वॉक करने से दिल और फेफड़े होते है मजबूत, वजन भी होता है कम, जानें कितनी देर टहलना चाहिए
वॉक करने से न सिर्फ वजन संतुलित रहता है, बल्कि दिल, फेफड़े, मांसपेशियां और दिमाग सभी स्वस्थ रहते हैं. लेकिन जब सर्दियों का मौसम आता है और कड़ाके की ठंड पड़ती है, तो मन में सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों में टहलने का सही समय क्या है.
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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. मोबाइल, स्क्रीन और बैठकर काम करने की आदत ने शरीर को सुस्त बना दिया है. ऐसे में अगर कोई सबसे आसान और असरदार उपाय है, तो वह है वॉक यानी टहलना. आयुर्वेद में चलने को सेहत के लिए अहम माना गया है, वहीं विज्ञान भी इसे सेहत की नींव मानता है.
सर्दियों में टहलने का सही समय क्या है?
वॉक करने से न सिर्फ वजन संतुलित रहता है, बल्कि दिल, फेफड़े, मांसपेशियां और दिमाग सभी स्वस्थ रहते हैं. लेकिन जब सर्दियों का मौसम आता है और कड़ाके की ठंड पड़ती है, तो मन में सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों में टहलने का सही समय क्या है.
सर्दियों में वॉक करना बेहद जरूरी
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी का मौसम कफ दोष को बढ़ाता है. इस दौरान शरीर भारी, सुस्त और आलसी महसूस करता है. अगर इस समय सही ढंग से घूमना न किया जाए, तो वजन बढ़ना, जकड़न, सर्दी-खांसी और पाचन से जुड़ी दिक्कतें बढ़ सकती हैं. वहीं विज्ञान कहता है कि ठंड में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करता है. ऐसे में अगर वॉक की जाए, तो कैलोरी बर्न तेजी से होती है और फैट कम जमा होता है.
सर्दियों में वॉक के लिए सबसे अच्छा समय
सर्दियों में वॉक के लिए सबसे अच्छा समय सुबह आठ से 11 बजे के बीच माना जाता है. आयुर्वेद कहता है कि सूर्योदय के बाद जब हल्की धूप निकलती है, तो शरीर में गर्माहट आती है और कफ दोष धीरे-धीरे संतुलित होने लगता है. धूप से मिलने वाला प्राकृतिक विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है. विज्ञान भी मानता है कि इस समय शरीर का मेटाबॉलिज्म सक्रिय होता है, जिससे फैट बर्न बेहतर होता है.
सुबह खाली पेट हल्की वॉक करना भी फायदेमंद
सुबह खाली पेट हल्की वॉक करना भी फायदेमंद माना जाता है, लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं है. आयुर्वेद के अनुसार, जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर है या जिन्हें चक्कर, कमजोरी या लो ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, उन्हें पूरी तरह खाली पेट नहीं चलना चाहिए. ऐसे लोग गुनगुना पानी या थोड़ा फल लेकर वॉक पर जाएं. विज्ञान का कहना है कि शरीर को ज्यादा थकाने के बजाय धीरे-धीरे एक्टिव करना बेहतर होता है, ताकि हार्मोन संतुलन बना रहे.
शाम को किस समय वॉक करना है बेस्ट
अगर किसी कारण से सुबह वॉक करना संभव न हो, तो शाम 4 से 5:30 बजे का समय भी अच्छा माना जाता है. आयुर्वेद में शाम को हल्का चलना पाचन के लिए लाभकारी बताया गया है. इससे दिनभर खाया गया भोजन सही तरीके से पचता है और रात में भारीपन नहीं होता. विज्ञान के अनुसार, शाम की वॉक तनाव कम करती है, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है और अच्छी नींद लाने में मदद करती है. ठंड के मौसम में शाम की वॉक करते समय गर्म कपड़े पहनना जरूरी है, ताकि शरीर की गर्मी बनी रहे.
कितनी देर तक टहलना चाहिए
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अगर बात करें कि कितनी देर तक टहलना चाहिए, तो आयुर्वेद कहता है कि चलना इतना हो कि शरीर में पसीना आए, लेकिन थकावट न हो. आम तौर पर 40 से 45 मिनट की वॉक शरीर के लिए पर्याप्त मानी जाती है. विज्ञान भी रोजाना करीब 8 से 10 हज़ार कदम चलने की सलाह देता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है और वजन संतुलन में रहता है. बहुत तेज चलने के बजाय मध्यम गति से वॉक करना ज्यादा फायदेमंद होता है.
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