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Recycled प्लास्टिक अब खतरा! हॉर्मोन और मेटाबॉलिज्म को पहुंचा रहा नुकसान: नया अध्ययन

Recycle प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह अध्ययन हमें बताता है कि हमें इसके स्वास्थ्य प्रभावों के प्रति भी सतर्क रहना होगा. यह समय है कि हम केवल प्लास्टिक को recycle करने से आगे बढ़कर, उसके पूरे जीवनचक्र पर विचार करें और ऐसे समाधान खोजें जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हों.

23 Jun, 2025
( Updated: 23 Jun, 2025
07:39 PM )
Recycled प्लास्टिक अब खतरा! हॉर्मोन और मेटाबॉलिज्म को पहुंचा रहा नुकसान: नया अध्ययन

प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक चुनौती है, और इसे कम करने के लिए recycling को एक महत्वपूर्ण समाधान माना जाता है. हालांकि, हाल ही में एक नए अध्ययन से चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं. Recycle किए गए प्लास्टिक उत्पादों से निकलने वाले रसायन हमारे हॉर्मोन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह अध्ययन हमें प्लास्टिक के recycling की प्रक्रिया और उसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों पर फिर से विचार करने पर मजबूर करता है.

स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ लाइपज़िग के वैज्ञानिकों ने जर्नल ऑफ हैजर्डस मटेरियल्स में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया कि उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से रिसाइकल किए गए पॉलीइथिलीन प्लास्टिक के पेलेट खरीदे और उन्हें 48 घंटे तक पानी में डुबोकर रखा. इसके बाद उस पानी में जेब्राफिश के लार्वा को पांच दिन तक रखा गया.

शोध में क्या पाया गया?

शोध के अनुसार, मछलियों के शरीर में वसा के निर्माण, हॉर्मोन नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन की सक्रियता में बदलाव पाया गया. अध्ययन की प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में ईकोटॉक्सिकोलॉजी की शोधकर्ता अजोरा कोनिग कार्डगर ने कहा, “इतनी कम अवधि के संपर्क में ही जीवों के भीतर इतनी गहरी जैविक प्रतिक्रियाएं देखना यह दर्शाता है कि प्लास्टिक में मौजूद रसायन जीवों के स्वास्थ्य के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकते हैं.”

प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन इंसानों पर भी डालते हैं असर 

पहले के शोधों से यह भी सामने आया है कि प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन इंसानों पर भी असर डालते हैं. जैसे प्रजनन स्वास्थ्य में गिरावट, मोटापा, मधुमेह और कैंसर तक का खतरा. 

शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि प्लास्टिक recycling में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें यह कभी पूरी तरह से पता नहीं होता कि उसमें कौन-कौन से रसायन मौजूद हैं. प्लास्टिक में विभिन्न रसायनों के मिलने से आपसी रासायनिक क्रियाएं हो सकती हैं, जो उस सामग्री को और ज़्यादा विषैला बना देती हैं. 

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वैश्विक प्लास्टिक संधि को अंतिम रूप देने के लिए दुनिया के सभी देशों के प्रतिनिधि अगस्त में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में अंतिम वार्ता के लिए जुटने वाले हैं. 

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Recycle प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह अध्ययन हमें बताता है कि हमें इसके स्वास्थ्य प्रभावों के प्रति भी सतर्क रहना होगा. यह समय है कि हम केवल प्लास्टिक को recycle करने से आगे बढ़कर, उसके पूरे जीवनचक्र पर विचार करें और ऐसे समाधान खोजें जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हों. 

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