पोहा सिर्फ नाश्ता नहीं, बल्कि है हेल्थ बूस्टर! फायदे जानकर हैरान रह जायेंगे आप!
अक्सर लोग सुबह नाश्ते में पोहा खाना पसंद करते हैं. क्योंकि आज कल की भागदोड़ भरी जिंदगी में जल्दी भी बन जाता है और खानें में टेस्टी भी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोहा जल्दी बनता है उतना ही ज्यादा हमारे शरीर के लिए लाभकारी भी होता है. आयुर्वेद के अनुसार पोहा खाने के फायदे जानकर हैरान रह जायेंगे आप.
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पोहा नाश्ते का हल्का और स्वादिष्ट विकल्प है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है. चावल से बनाया जाने वाला यह व्यंजन जल्दी पकता है और आसानी से पच भी जाता है, इसलिए यह भारत के कई हिस्सों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नाश्ते का अहम हिस्सा है. आयुर्वेद के अनुसार, सही समय और सही तरीके से खाया गया पोहा शरीर को ऊर्जा देता है, पाचन संतुलित करता है और मन को हल्का महसूस कराता है.
सुबह नाश्ते में पोहा खाने के क्या फायदें हैं?
आयुर्वेद में पोहा को स्निग्ध और हल्का भोजन माना गया है. इसका गुण थोड़ा भारी लेकिन शीतल और मधुर है, जो पित्त और वात को संतुलित करता है. पोहा तुरंत ऊर्जा देने वाला भोजन है, जिससे सुबह जल्दी थकान महसूस नहीं होती. हल्का होने के कारण यह पेट पर बोझ नहीं डालता और व्यायाम या लंबी यात्रा से पहले लेने पर ऊर्जा का अच्छा स्रोत बनता है. इसमें कम तेल और सब्जियां डालने से यह वजन नियंत्रित रखने में भी मदद करता है.
पोहा किन लोगों के लिए फायदेमंद होता है?
पोहा आयरन का प्राकृतिक स्रोत है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है और डायबिटीज रोगियों के लिए भी सुरक्षित है क्योंकि यह धीरे-धीरे ऊर्जा रिलीज करता है. पानी में भिगोकर बनाएं तो यह शरीर को हाइड्रेटेड और ठंडा रखता है.
किस तरह करें पोहे का सेवन?
पोहा खाने का आयुर्वेदिक तरीका भी बेहद खास है. सुबह नाश्ते में ताजे नींबू का रस, हरी सब्जियां, मूंगफली या तिल मिलाकर सेवन करने से पोषण और ऊर्जा दोगुना हो जाती है. दही के साथ पोहा गर्मियों में ठंडक देता है, जबकि सर्दियों में गुड़ मिलाकर इसे खाया जाए तो यह रक्तवर्धक और ऊर्जा प्रदान करता है. थकान दूर करने के लिए नींबू, काली मिर्च और हरी धनिया, पाचन सुधारने के लिए अदरक और हल्दी, एनीमिया में मूंगफली और पालक डालकर पोहा बनाया जा सकता है. सर्दी-जुकाम में अदरक और काली मिर्च मिलाकर गरम पोहा शरीर को गर्मी देता है. हालांकि, ज्यादा तेल में तला हुआ पोहा या रातभर रखा पोहा पचने में भारी हो जाता है और कफ बढ़ा सकता है. डायबिटीज रोगियों को मीठा पोहा सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए.
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