अमेरिका में मोदी का बड़ा ऐलान: जानिए सर्वाइकल कैंसर के बारे में सब कुछ
अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद सदस्य देशों के नेता कैंसर मूनशॉट इवेंट में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कैंसर की रोकथाम के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के पैकेज और 4 करोड़ वैक्सीन डोज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत का विजन है- वन अर्थ, वन हेल्थ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद कैंसर मूनशॉट इवेंट में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम मोदी ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत की ओर से 7.5 मिलियन डॉलर के पैकेज और 4 करोड़ वैक्सीन डोज की घोषणा की। उन्होंने कहा, "भारत का विजन है- 'वन अर्थ, वन हेल्थ'। हम मिलकर एक स्वस्थ विश्व की नींव रख सकते हैं।"
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होने वाला कैंसर है, जो मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है। भारत में हर साल 1.23 लाख नए मामले सामने आते हैं, और 67,000 महिलाओं की मौत होती है।
2023 में सर्वाइकल कैंसर के आंकड़े
पीड़ित महिलाओं की संख्या: 2023 में सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। सरकारी स्वास्थ्य आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अकेले भारत में लगभग 2,768 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान की गई। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में चिंताजनक रूप से बढ़ी है।
महिलाओं की बढ़ती संवेदनशीलता: रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 से 45 वर्ष की उम्र की महिलाएं सबसे ज्यादा इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। यह उम्र का वह दौर है जब महिलाएं परिवार और करियर के बीच सामंजस्य बैठाने की कोशिश करती हैं, और स्वास्थ्य की ओर ध्यान कम हो जाता है।
स्वास्थ्य संगठनों की चेतावनी: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए दूसरा सबसे खतरनाक कैंसर है। दुनियाभर में हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित होती हैं और बड़ी संख्या में अपनी जान गंवा देती हैं।
बढ़ते मामलों का मुख्य कारण: सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) का संक्रमण है, जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। इस वायरस का संक्रमण ज्यादातर अनियंत्रित यौन जीवन, हाइजीन की कमी और सही समय पर टीकाकरण न होने के कारण होता है।
टीकाकरण और स्क्रीनिंग का अभाव: भारत में महिलाओं के बीच HPV वैक्सीन और नियमित पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test) की जागरूकता अभी भी कम है। यही कारण है कि समय पर बीमारी का पता नहीं चल पाता और यह तेजी से फैलता है।
रिसर्च और वैक्सीन का विकास
भारत में इस बीमारी की रोकथाम के लिए पिछले एक दशक से रिसर्च चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत ने सर्वाइकल कैंसर के लिए अपना टीका विकसित कर लिया है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल भी शुरू किए जा रहे हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "यह सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण हेल्थ केयर के लिए हमारे साझे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। कोविड महामारी के दौरान इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव लिया गया था और आज हमने सर्वाइकल कैंसर जैसी चुनौती का मिलकर सामना करने का निर्णय लिया है।"
मोदी ने आगे कहा, "रेडियोथेरेपी इलाज और कैपेसिटी बिल्डिंग में भी भारत सहयोग करेगा। GAVI और QUAD की पहलों के अंतर्गत भारत से 4 करोड़ वैक्सीन डोज का योगदान दिया जाएगा। ये डोज करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरणें बनेंगी।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर एक सस्ता सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम चला रहा है और सभी को सस्ती कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, "हम अपना अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार हैं।"
'वन अर्थ, वन हेल्थ' का विजन
पीएम मोदी ने क्वाड के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, "हमारा विजन 'वन अर्थ, वन हेल्थ' है और इसी भावना से कैंसर मूनशॉट इनिशिएटिव के तहत 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट, डिटेक्शन किट और टीकों के समर्थन की घोषणा करता हूं।" भारत का यह कदम न केवल सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है।