दिन में कितनी बार और कब-कब पीना चाहिए पानी, जानें सही समय
शरीर में पानी की कमी कई रोगों का कारण भी बनती है. अब कुछ लोग पानी पूरे दिन पीते हैं, लेकिन फिर भी वो पानी उनके लिए अमृत नहीं, बल्कि बीमारियों की जड़ बन पाता है. पानी के सेवन का सही समय और तरीका होता है. गलत तरीके से और गलत तासीर का पानी कई रोगों ने को आमंत्रित करता है.
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मानव शरीर का 40 फीसदी हिस्सा पानी से बना है, इसलिए शरीर के लिए जल हर मायने में जरूरी बन जाता है. पानी मस्तिष्क, दिल, मांसपेशियों और पाचन शक्ति को सही से काम करने की शक्ति प्रदान करता है.
गलत तासीर का पानी कई रोगों ने को आमंत्रित करता है
शरीर में पानी की कमी कई रोगों का कारण भी बनती है. अब कुछ लोग पानी पूरे दिन पीते हैं, लेकिन फिर भी वो पानी उनके लिए अमृत नहीं, बल्कि बीमारियों की जड़ बन पाता है. पानी के सेवन का सही समय और तरीका होता है. गलत तरीके से और गलत तासीर का पानी कई रोगों ने को आमंत्रित करता है.
सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना चाहिए
सबसे पहले पानी उषाकाल में पीना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में पीया गया जल अमृत के समान होता है और पेट और आंतों को अंदर से साफ करता है. सुबह उठते ही कम से कम 1 पूरा गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए. ये पानी रात्रि में जमा सारे विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, आंतों को जागृत करता है और मल त्यागने में मदद करता है.
भोजन से 1 घंटा पहले पानी पीएं
भोजन से पहले भी पानी पिया जा सकता है. भोजन से 1 घंटा पहले हल्का गुनगुना पानी पिया जा सकता है. एक घंटे पहले पिया गया पानी पेट को भोजन के पाचन के लिए तैयार करता है और पेट में बनने वाले अम्ल को संतुलित करने में भी मदद करता है. इससे भूख कम लगने की परेशानी से भी निजात मिलेगी.
खाते समय पानी पीना चाहिए या नहीं
भोजन के साथ पानी पीना बहुत खराब माना गया है क्योंकि ये पाचन में बाधा डालता है, लेकिन भोजन के साथ एक सीमित मात्रा में पानी पिया जा सकता है. आयुर्वेद कहता है कि खाते समय बीच में 2-4 घूंट पानी लिया जा सकता है. ये पाचन अग्नि को कम नहीं करता है बल्कि पाचन में सहायता करता है, लेकिन ध्यान रहे कि पानी गुनगुना हो. ठंडा पानी पाचन अग्नि को मंद कर सकता है.
भोजन के 1 घंटे बाद पानी पीना चाहिए
भोजन के बाद पानी तकरीबन 1 घंटे बाद पीना चाहिए. आयुर्वेद मानता है कि खाने के बाद तुरंत पिया गया पानी विष के समान होता है, जो पेट की अग्नि शक्ति को कम करता है, जिससे पेट में भोजन पचने की बजाय सड़ने लगता है और कब्ज और गैस की परेशानी होती है. 1 घंटे में पाचन का काम लगभग पूरा हो चुका होता है और उसके बाद लिया पानी कब्ज से बचाता है और भोजन रस को शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचाने में मदद करता है.
रात में पानी का सेवन कम करें
शाम के समय ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि ये रात की भूख को प्रभावित करता है. सूर्यास्त के बाद कम और गुनगुना पानी पीएं. ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए. इसके अलावा, रात में पानी का सेवन कम करें. इससे शरीर में सूजन और कफ की वृद्धि होती है.
ठंडा पानी पीने से परहेज करें
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अब सवाल है कि कैसे पानी पिया जाए. पानी को हमेशा आराम से बैठकर शांति से घूंट-घूंट करके पीना चाहिए. जब प्यास लगे तभी पानी पीएं और ठंडा पानी पीने से परहेज करें.
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