सौंप के पानी से लेकर तुलसी के पत्ते तक, हार्टबर्न की दिक्कत से हैं परेशान, तो आज से ही शुरु करें ये काम
लोगों को लगता है कि सीने में होने वाली जलन दिल की परेशानी है, लेकिन ये पेट से शुरू होकर फिर सीने तक पहुंचती है और कई अन्य बीमारियों को जन्म देती है. हार्टबर्न के बारे में आयुर्वेद में बहुत अच्छे तरीके से समझाया गया है. जब शरीर में अम्ल की वृद्धि हो जाती है और पित्त बढ़ जाता है तो पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे खाना पचाने में दिक्कत होती है और सीने में जलन होने लगती है.
Follow Us:
एसिडिटी की समस्या आज के समय में इतनी आम हो गई है कि लोगों ने इसे परेशानी मानना ही बंद कर दिया है, लेकिन यही एसिडिटी सीने तक पहुंचकर हार्टबर्न की दिक्कत पैदा करती है.
हार्टबर्न की परेशानी क्यों होती है?
लोगों को लगता है कि सीने में होने वाली जलन दिल की परेशानी है, लेकिन ये पेट से शुरू होकर फिर सीने तक पहुंचती है और कई अन्य बीमारियों को जन्म देती है. हार्टबर्न के बारे में आयुर्वेद में बहुत अच्छे तरीके से समझाया गया है. जब शरीर में अम्ल की वृद्धि हो जाती है और पित्त बढ़ जाता है तो पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे खाना पचाने में दिक्कत होती है और सीने में जलन होने लगती है.
आयुर्वेद में बताए गए हार्टबर्न के कई कारण
आयुर्वेद में हार्टबर्न के कई कारण बताए गए हैं, जिसमें खाना खाने के बाद न घूमना, ज्यादा तीखी और खट्टी चीजों का सेवन करना, तनाव लेना और नींद की कमी, ज्यादा कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन करना और शारीरिक क्रिया भी बिल्कुल नहीं करना शामिल है. आयुर्वेद में सभी बीमारियों का हल है.
हार्टबर्न से बचने के लिए करें एलोवेरा का सेवन
हार्टबर्न से बचने के लिए ठंडी और रसीली चीजों का सेवन करें, जो पेट को ठंडा रखने में मदद करेगी. हार्टबर्न से बचने के लिए एलोवेरा का जूस सुबह खाली पेट पी सकते हैं. इससे पेट में बनने वाला अम्ल कम होगा और एसिडिटी से निजात मिलेगी.
सौंफ का पानी पीना बेहद फायदेमंद
इसके अलावा सौंफ का पानी भी पेट को ठंडा रखने में सहायक है. सौंफ की तासीर ठंडी होती है. आप चाहें तो सौंफ और धागे वाली मिश्री का सेवन रात को कर सकते हैं, या सुबह उठकर सौंफ का पानी पी सकते हैं. ये दोनों ही तरीके पेट के पाचन तंत्र को ठीक करने में सहायक हैं.
सुबह खाली पेट चबाएं तुलसी के पत्ते
हार्टबर्न से बचने के लिए सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाना, ठंडा दूध पीना और जीवनशैली में योग को अपना सकते हैं. पेट की पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए हल्की सैर, व्रजासन, बलासान, पवनमुक्तासन कर सकते हैं.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement