घर में खुशबू वाली मोमबत्तियां जलाने से हो सकता है सेहत पर बुरा असर: रिसर्च
रिसर्च के मुताबिक, घर के अंदर खुशबू वाली मोमबत्तियां जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ सकता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
Follow Us:
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि खुशबू वाले वैक्स मेल्ट्स से निकलने वाले सुगंधित यौगिक घर के अंदर मौजूद ओजोन से मिलकर हानिकारक कण बना सकते हैं। ये कण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
इस अध्ययन से यह बात गलत साबित होती है कि खुशबू वाले वैक्स मेल्ट जलने वाली मोमबत्तियों से ज़्यादा सुरक्षित होते हैं। पहले के शोधों में पाया गया है कि सुगंधित वैक्स मेल्ट्स, आम मोमबत्तियों की तुलना में अधिक मात्रा में सुगंधित यौगिक हवा में छोड़ते हैं।
वैक्स मेल्ट्स से हवा में बनने वाले हानिकारक कण
शोध के अनुसार, जब वैक्स मेल्ट को गर्म किया जाता है, तो उसकी सतह अधिक फैल जाती है और अधिक खुशबू निकलती है, जिससे हाइड्रोकार्बन जैसे वाष्पशील कार्बनिक यौगिक होते हैं। इस खुशबू में यह जानकारी एसीएस के 'पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पत्र' में प्रकाशित एक अध्ययन में दी गई है।
ये रसायन हवा में मौजूद अन्य तत्वों के साथ मिलकर बहुत छोटे कण बना सकते हैं, जिन्हें सांस के जरिए लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। वैज्ञानिक इस बात को पहले से जानते थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि वैक्स मेल्ट्स के इस्तेमाल से भी ऐसे कण बन सकते हैं या नहीं।
इसलिए, अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को समझने के लिए एक प्रयोग किया। उन्होंने एक मॉडल हाउस में 15 अलग-अलग प्रकार के वैक्स मेल्ट्स का परीक्षण किया।
पहले, उन्होंने घर के अंदर मौजूद वायु प्रदूषण का स्तर मापा, फिर लगभग 2 घंटे तक वैक्स मेल्ट्स को गर्म किया। इस दौरान, कुछ मीटर की दूरी से हवा के नमूने लिए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि हवा में 1 से 100 नैनोमीटर आकार के बहुत छोटे कण मौजूद थे, जिनकी मात्रा पारंपरिक मोमबत्तियों के जलने से बनने वाले कणों के समान थी।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
वैज्ञानिकों के अनुसार, ये सूक्ष्म कण इतने छोटे होते हैं कि वे श्वसन तंत्र से होते हुए रक्त प्रवाह में पहुंच सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ सकता है। शोध में यह भी पाया गया कि वैक्स मेल्ट्स से निकलने वाले प्रमुख वीओसीएस में टरपीन नामक तत्व होते हैं, जो ओजोन से मिलकर चिपचिपे यौगिक बनाते हैं। ये यौगिक हवा में इकट्ठे होकर नैनो कणों में बदल जाते हैं।
हालांकि, जब बिना खुशबू वाला वैक्स मेल्ट गर्म किया गया, तो न तो टरपीन का उत्सर्जन हुआ और न ही कोई नैनोकण बने। इससे पता चलता है कि खुशबूदार तत्व ही इन नैनोकणों के निर्माण में योगदान देते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्स मेल्ट्स से बनने वाले नैनोकणों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है।
Input : IANS
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement