सनातन के नाश के लिए तोड़े गए भारत की अखंडता की वापसी कौन करवाएगा सद्गुरु श्री Riteshwar Maharaj जी की भविष्यवाणी
धर्म के नाम पर देश को बाँटा गया और आज जब हम और आप, आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें भारत की अखंडता क्या मायने रखती है? खंड-खंड हो चुके भारत की अखंडता का सपना क्या देखा जा सकता है ? इसको लेकर वृंदावन धाम से आनंदधाम के पीठाधीश्वर सद्गुरु श्री ऋतेश्वर महाराज जी का क्या कुछ कहना है देखिये धर्म ज्ञान पर
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भारत की अखंडता के लिए राष्ट्रीय एकता के लिए,सनातन संस्कृति के लिए और हिंदुओं के अस्तित्व के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना पूरा जीवन खपाया, फिर भी भारत के 9 बार टुकड़े किये गये। यानी 9 बार भारत को खंड-खंड किया गया, जो कभी अखंड भारत का हिस्सा हुआ करते थे, आज वहाँ के हिंदुओं की पूजा-पाठ पर बंदिशें हैं। आज भारत की सरहदें जिस भी देश से मिलती हैं, वहाँ की जड़े आज भी सनातन से उपजी हैं, फिर भी मूर्ति पूजा से इनके ऐतराज है। गांधारी जिस गंधार नरेश की पुत्री थी, वो आज का अफ़ग़ानिस्तान है। जहां कोई हिंदू आपको कीर्तन करते हुए नज़र नहीं आएगा। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आप भव्य हिंदू मंदिर नहीं बना सकते हैं।
मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में बांग्लादेशी हिंदू ख़ौफ़ में साँस लेता है। इतिहास गवाह रहा है, मुग़लों की क्रूरता ने प्राचीन भारत के तमाम मठ-मंदिरों को नष्ट करने की कोशिश की फिर उसके बाद धर्म के नाम पर देश को बाँटा गया और आज जब हम और आप, आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें भारत की अखंडता क्या मायने रखती है? खंड-खंड हो चुके भारत की अखंडता का सपना क्या देखा जा सकता है ? इसको लेकर वृंदावन धाम से आनंदधाम के पीठाधीश्वर सद्गुरु श्री ऋतेश्वर महाराज जी का क्या कुछ कहना है, देखिये धर्म ज्ञान पर।
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