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फ्रांसीसी Nostradamus की भयंकर भविष्यवाणी 2035 में मचने वाली है कैसी मार-काट ?

इस्लामिक दुनिया के 2 अरब मुसलमान 58 मुस्लिम देशों की इस्लामिक दुनिया। बांग्लादेश के बाद आई इंडोनेशिया की बारी ! साल 2035 में मचने वाली है कैसी तबाही ? सत्यता की ओर बढ़ती नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी

24 Aug, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
12:38 AM )
फ्रांसीसी Nostradamus की भयंकर भविष्यवाणी 2035 में मचने वाली है कैसी मार-काट ?

फ्रेंच रिवॉल्यूशन, परमाणु हमले, एडोल्फ हिटलर का उदय और अमेरिका में  9/11 वाला हमला। इन तमाम घटनाओं के पीछे आज भी नास्त्रेदमस का नाम लिया जाता है, क्योंकि द प्रोफेसिस नाम की किताब में नास्त्रेदमस की पहेलियों के रूप में अनगिनत भविष्यवाणियाँ हैं , जो ना सिर्फ़ अतीत की इन घटनाओं से मिलती जुलती हैं बल्कि वर्तमान में होने वाली घटनाओं के तरफ़ भी इशारा करती है।इसी कड़ी में इन दिनों नास्त्रेदसम की एक भविष्यवाणी चर्चा में हैं। अबकी बार विश्व के लगभग 2 अरब मुसलमानों को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी इस्लामिक दुनिया को डरा रही है। 2035 में ऐसा क्या होने जा रहा है, जिसके बाद इस धरा से मुसलमानों का सफ़ाया हो सकता है ? मुस्लिम समाज को लेकर क्या कहती है नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, आईये आपको बताते हैं।

इस्लाम,इस्लामिक दुनिया और मुसलमान को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियाँ इस बात का संकेत देती है कि एक समय ऐसा आएगा जब मुस्लिम समाज के लोग आपस में ही लड़ मरेंगे, यानी की मुस्लिम समाज के लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो जाएंगे और दुनिया भर में अपना नाम बदनाम करेंगे, भविष्य में जिन देशों में सूखा रहता है, वहां बाढ़ आएगी और जहां पानी बहता है, वहां सूखा पड़ेगा। 

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अब अगर नास्त्रेदमस की इन्हीं भविष्यवाणियों को आज की परिस्थितियों के चश्मे से देखेंगे, तो ये पायेंगे कि ऐसा हो रहा है। खाड़ी देशों में बाढ़ आएगी, इसकी कल्पना आज तक किसी ने नहीं की लेकिन पूरी दुनिया ने पिछले से पिछले महीने UAE, सऊदी अरब, बहरीन और ओमान को भारी बारिश के चलते बाढ़ में डूबते हुए देखा है, रेगिस्तान जलमग्न होती नज़र आई। भले ही इसके पीछे की वजह Cloud Seeding बताई गई हो, लेकिन नास्त्रेदमस की कही बातें सत्य हुई हैं।  समूचे विश्व में मुसलमान किन हालातों से जूझ रहा है, इसका अंदादा इसी से लगाइये। पाकिस्तानस, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब इंडोनेशिया में गृहयुद्ध के हालात परप गये हैं। बीते दिनों बांग्लादेश में शेख हसीना का इस्लामिक तख्तापलट हुआ। बंगाली मुस्लिमों के बीत हिंदुओं के साथ जो मार-काट मचाई गई, वो जग जाहिर है।वहीं अब विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम कंट्री इंडोनेशिया के जर्काता में लोग सड़कों पर है।विद्रोह की चिंगारी ज्वाला बन चुकी है। मुल्क के राष्ट्रपति विडोडो अपने छोटे बेटे को राष्ट्रपति पद पर बैठाना चाहते है, जबकी नियमों के मुताबित चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 30 साल है और बेटा अभी 29 साल का है। जिसके चलते वो देश के जनप्रतिनिधि कानून में बदवान करने की सोच रहे हैं, जिसका विरोध मुल्क की मुस्लिम आबादी कर रही है। आलम ये है कि इस हिंसक विद्रोह में आगजनी से लेकर पथराव शुरु हो चुका है। 

 आज आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिन मुस्लिम शरणार्थियों को यूरोपीय देशों ने खुले दिल से अपनाया, उनके लिए दुनिया के 58 अरब- इस्लामी देशों ने अपने दरवाज़े पहले ही बंद कर दिये थे। शरणार्थियों को शरण देने के लिए 1951 में जेनेवा शरणार्थी समझौता किया गया, जिस पर 58 अरब- इस्लामी देशों ने अब तक हस्ताक्षर नहीं किये हैं। आज की डेट में सबसे ज़्यादा मुस्लिम शरणार्थी फ़्रांस में रहते हैं, फ्रांस में 68 लाख के लगभग मुस्लिम रहते हैं। इसके बाद जर्मनी का नंबर आता है, जहां मुस्लिम लोगों की संख्या 54 लाख के लगभग है। मुस्लिम जनसंख्या के मामले में ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, स्पेन और स्वीडन का नंबर फ्रांस और जर्मनी के बाद ही आता है और आज इन्हीं देशों में मुस्लिमों ने कोहराम मचाया हुआ है। फ्रांस कई दफ़ा इस्लामिक कट्टरता की आग में जल चुका है।आपको याद होगा मुस्लिम कट्टरपंथियों ने फ्रेंच टीचर की हत्या इस कारण की, क्योंकि उसने क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था।इसी बाद मैक्रो सरकार ने कट्टरपंथियों से सख़्ती से निपटा था। ना सिर्फ़ फ़्रांस , बल्कि आंतकियों ने ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना को निशाना बनाया था, वियना के उस हिस्से में गोलियां बरसाई गईं जो वहां के अमीर वर्ग का इलाका माना जाता है। इसके अलावा, डेनमार्क और स्वीडन जैसे शांतिप्रिय देशों को भी मुस्लिम कट्टरपंथियों ने त्रस्त कर रखा है। मिडिल ईस्ट के आतंक से अपनी जान बचाकर डेनमार्क में शरण लिए हुए ये लोग बड़े पैमाने पर यहां मस्जिदें बना रहे। ब्रिटेन में तो अब मुस्लिम शरणार्थियों को निशाना बनाया जा रहा है। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बढ़ते दबाव और महंगाई की वजह से वहाँ के स्थानीय लोग मुस्लिम समुदाय का विरोध कर रहा है। सौ बात की एक बात ये कि दुनिया के 2 अरब मुसलमानों पर ख़तरा मंडरा रहा है। यूरोप में मुस्लिम समुदाय का बहिष्कार शुरु हो चुका है..ये सारी घटनाएँ कही न कही नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों की तरफ़ संकेत कर रही है। क्या आपको भी लगता है कि आने वाले समय में कट्टरता के चलते मुस्लिम समुदाय ख़तरे में है। 

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