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कार्तिक मास में आस्था और स्वास्थ्य का खास कनेक्शन, जानें इस दौरान दीपदान क्यों है जरूरी और किन बातों का रखें ध्यान

कार्तिक मास को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि ये धर्म, स्वास्थ्य और दान पुण्य का संगम है. इस महीने में गंगा स्नान, दीपदान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं मौसम परिवर्तन के कारण भी यह समय स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद नाजुक माना जाता है. इसलिए कई चीजों में सावधानी बरतनी चाहिएं.

08 Oct, 2025
( Updated: 08 Dec, 2025
10:55 AM )
कार्तिक मास में आस्था और स्वास्थ्य का खास कनेक्शन, जानें इस दौरान दीपदान क्यों है जरूरी और किन बातों का रखें ध्यान

बुधवार से कार्तिक मास का महीना शुरू हो चुका है, जो 5 नवंबर 2025 तक रहेगा. धर्म और सेहत दोनों की दृष्टि से ये महीना हर किसी के लिए जरूरी है. वहीं कार्तिक मास को त्योहारों का महीना कहा जाता है और इस महीने में किए हुए दान-पुण्य पीढ़ियों तक के पापों को मिटा सकते हैं. इस महीने देवशयनी एकादशी, दीपावली, धनतेरस, करवा चौथ, अहोई व्रत, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, और देव दिवाली जैसे बड़े त्योहार आते हैं.

माना जाता है कि कार्तिक मास में गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. गंगा स्नान करने के बाद अनाज, फल, कपड़े और जरूरत की चीजों का दान करना शुभ रहता है. अगर घाट तक न जा पाएं तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

दीपदान करने से क्या होता है?

इस माह में दीपदान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है. हमारे धर्म में दीपदान का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि दीपदान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं. इसके अलावा मोक्ष और पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है, खासकर राहु-केतु और यम के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है.

कार्तिक मास में रहती बिमार होने की संभावना

कार्तिक मास को संक्रमण का महीना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने मौसम बदलता है और कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं. इस मौसम में बुखार, एलर्जी, जुकाम, और सिरदर्द जैसी समस्या रहती है और दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है, जिससे सांस लेने में परेशानी और त्वचा से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है.

इस महीने में धन्वंतरि देवता हुए थे प्रकट

आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इन सबका जिक्र किया गया है. इस महीने में धन्वंतरि देवता प्रकट हुए थे और इस माह में तुलसी का खाली पेट सेवन करना अच्छा माना जाता है. तुलसी के सेवन से होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है. इसके अलावा सुबह उठकर हल्के गर्म पानी से स्नान भी करना जरूरी होता है.

कार्तिक मास में क्या खायें क्या न खायें

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कार्तिक मास में बैंगन, दही और उससे बने उत्पाद, करेला, फलिया और दालों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने में जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इसमें मूली, गाजर, शकरकंद और जिमीकंद शामिल हैं. इन सब्जियों पर संक्रमण होने की संभावना कम होती है और ये शरीर को स्वस्थ भी रखती हैं.

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