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Nazia Elahi Khan का दावा हिंदुओं की ज़मीन को हड़पने वाले Waqf Board का होगा बुरा हाल

पीएम मोदी अपने जीते जी वक़्फ़ बोर्ड की बढ़ती दादागिरी का द एंड करने जा रही है। 370 के बाद अब जब वक़्फ़ बोर्ड की बारी है, देश विरोधी ताक़तें कट्टरपंथी बेचैन हैं। 13 सालों में करोड़ों की संपत्ति बना चुके वक़्फ़ बोर्ड की ताक़त अब उसे छीन ली जाएगी, जिस पर तमतमाए हुए ओवैसी साहब पीएम मोदी और उनकी सरकार पर ज़ुबानी हमले कर रहे हैं और ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली कोई और नहीं, बल्कि नाजिया इलाही खान हैं।

05 Aug, 2024
( Updated: 15 Jan, 2025
05:56 AM )
Nazia Elahi Khan का दावा हिंदुओं की ज़मीन को हड़पने वाले Waqf Board का होगा बुरा हाल

5 अगस्त के दिन एक और धमाका होने जा रहा है, एक नया इतिहास लिखने जा रहा है, एक बार फिर भारत की तस्वीर बदलने जा रही है क्योंकि पीएम मोदी अपने जीते जी वक़्फ़ बोर्ड की बढ़ती दादागिरी का द एंड करने जा रही है। 370 के बाद अब जब वक़्फ़ बोर्ड की बारी है, देश विरोधी ताक़तें कट्टरपंथी बेचैन हैं।13 सालों में करोड़ों की संपत्ति बना चुके वक़्फ़ बोर्ड की ताक़त अब उसे छीन ली जाएगी, जिस पर तमतमाए हुए ओवैसी साहब पीएम मोदी और उनकी सरकार पर ज़ुबानी हमले कर रहे हैं और ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली कोई और नहीं, बल्कि नाजिया इलाही खान हैं। 

नाजिया इलाही खान वक़्फ़ बोर्ड को ना सिर्फ़ लैंड माफ़ियाँ कहती हैं, बल्कि इसके सफ़ाये के लिए देश के राष्ट्रपति के पास भी पहुँची और आज उनकी कोशिशों का नतीजा है, जो एक लंबे समय वक़्फ़ बोर्ड में 40 संशोधन होने जा रहे हैं। अब सवाल उठता है कि इसके लिए 5 अगस्त की तारीख़ ही क्यों चुनी गई। अतीत इस बात की गवाही देता है कि 5 अगस्त के दिन ही, जम्मू-कश्मीर को 370 की बेढियों से आज़ादी दिलाई गई। नामुमिकन सा लगने वाले सपने को पीएम मोदी ने हक़ीक़त बनाया और कोरोना काल के दौरान इसी तारीख़ पर राम मंदिर पर ऐतिहासिक फ़ैसला आया और मंदिर की राह आसान हो गई और अब जब नये भारत की आत्मनिर्भर तस्वीर दिखाई जा रही है, तो उसमें पीएम मोदी ने ठान लिया है , जीते जी वक़्फ़ बोर्ड की दादागिरी को दफ़्न करना है।

वक़्फ़ बोर्ड पर यही आरोप लगते आए हैं कि अल्लाह के नाम पर वक़्फ़ बोर्ड जिस किसी की ज़मीन पर नजर डालता, उसे अपनी जागीर बताते हुए अपना बना लेता है। फिर चाहे वो ज़मीन सरकारी हो या फिर हिंदुओं की ना ही आप वक़्फ़ बोर्ड के ख़िलाफ़ कोर्ट जा सकते हैं और ना ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बोर्ट के फ़ैसले को चैलेंज कर सकते हो यानी चट भी अपनी, पट भी अपनी  हिंदुओं के तीर्थों को भी वक़्फ़ बोर्ड ने नहीं छोड़ा है और इसके पीछे की वजह है, 1954 का वक़्फ़ एक्ट। अब जब आज की मोदी सरकार वक़्फ़ बोर्ड की बढ़ती ताक़त को कम करने जा रही है। संसद के रास्ते वक़्फ़ बोर्ड की तस्वीर बदलने जा रही है, तो उस पर देश के मौलवी …मौलाना…मज़हबी संगठन और यहाँ तक की सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी पीएम मोदी पर वक़्फ़ बोर्ड को मिटाने का आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों की सच्चाई क्या कहती है। 

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