राजनीतिक भविष्यवक्ता बने अमित शाह ने 2025 में कर डाली 2026 की अचंभित कर देने वाली भविष्यवाणी
पीएम मोदी के राइट हैंड कहे जाने वाले , देश के गृहमंत्री अमित शाह हैं, जो इस वक़्त बतौर भविष्यवक्ता 2026 में क्या कुछ होने वाला है, इसकी भविष्यवाणी अभी से कर रहे हैं. चुनावी मौसम से ठीक पहले शाह की भविष्यवाणी से तमिलनाडु और बंगाल में हलचल क्यों मची हुई है ?

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की तो अकल ठिकाने लगा दी है, लेकिन कुदरत की मार झेल रही दुनिया के भयावह हालातों से चिंतित हैं, तभी तो विश्व पटल पर आकर प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले भारी नुक़सान की भयावह कहानी सुना रहे हैं. इन सबके बीच पीएम मोदी के राइट हैंड कहे जाने वाले , देश के गृहमंत्री अमित शाह हैं, जो इस वक़्त बतौर भविष्यवक्ता 2026 में क्या कुछ होने वाला है, इसकी भविष्यवाणी अभी से कर रहे हैं. चुनावी मौसम से ठीक पहले शाह की भविष्यवाणी से तमिलनाडु और बंगाल में हलचल क्यों मची हुई है? देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट.
भविष्यवाणी करने का सिलसिला सदियों पुराना है. भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है, ये जानने की जिज्ञासा लोगों के मन में रहती है. तभी तो अतीत में एक से बढ़कर एक भविष्यवक्ता हुए हैं. फ़्रांसीसी भविष्यवक्ता मिशेल द नास्त्रेदमस हो बुल्गारिया की बाबा वेंगा या फिर नीदरलैंड के पीटर हर्कोस लेकिन जब राजनीतिज्ञ भविष्यवक्ता बनकर भविष्यवाणी करने लगे, तब आप क्या कहेंगे? दरअसल अगले साल तमिलानाडु और पश्चिम बंगाल दोनों में ही चुनावी डुगडुगी बजेगी और जनता फिर से अपनी सरकार चुनेंगी. जिसे देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह का अभी से भविष्यवक्ता वाला रूप देखने को मिल रहा है. एक तरफ़ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, जो पाकिस्तान की करतूतों को बताकर ऑपरेशन सिंदूर की विजय गाथा सुना रहे हैं. दूसरी तरह शाह बाबू है, जिन्होंने अभी से पीएम मोदी की जीत का पथ तैयार कर डाला है.
लेकिन क्या ऑपरेशन सिंदूर के रास्ते ही पीएम मोदी को राजनीतिक फ़तह मिलेगी? आज ये सवाल इसलिए क्योंकि अगले साल 2026 में दीदी के गढ़ में यानी पश्चिम बंगाल में चुनाव है और द्रमुक शासन में साँस ले रहा तमिलनाडु में भी चुनाव मौसम होगा. जिसे देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने अभी से जीत की भविष्यवाणी करने की शुरु कर दी है. हाल ही में शाह ने तमिलनाडु के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी किसी बड़े परिवर्तन होने की भविष्यवाणी की है. उनका कहना है 2026 तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के लिए बदलाव का साल होगा. मुझे पूरा भरोसा है कि तमिलनाडु के लोग इस बार द्रमुक सरकार को उखाड़ फेंकेंगे. ’ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जब पूरे देश में तिरंगा यात्रा निकाली गई, तो तमिलनाडु की भागीदारी देश के किसी भी अन्य हिस्से से कम नहीं थी.
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि बंगाल और तमिलनाडु में जीत की भविष्यवाणी करने वाले पार्टी चाणक्य शाह साथ में ऑपरेशन सिंदूर का भी ज़िक्र कर रहे हैं, जिसका मतलब साफ़ है कि अग़ले साल के चुनावों में ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी को भुनाया जाएगा. हालाँकि इस पर जनता किसका देती है, ये समय बताएगा. वैसे देखा जाए, तो राजनीतिज्ञ से भविष्यवक्ता बने अमित शाह ने ओडिशा, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में जीत की भविष्यवाणी की थी, जिसे सत्यता की कसौटी पर पूरी दुनिया ने देखा, इसी कड़ी में तमिलनाडु और बंगाल को भी क्या देखा जा सकता है ?