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पूरी दुनिया को चाहिए भारत के ये 5 बड़े खतरनाक हथियार, 85 से ज्यादा देशों ने की खरीददारी की तैयारी, जानिए इनकी ताकत

भारत पूरी दुनिया को अपने स्वदेशी डिफेंस वेपन बेच रहा है. PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने लगभग 2.5 अरब डॉलर के हथियार 85 देशों को बेचे. वहीं सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा 5 अरब डॉलर तक पहुंचे. दुनिया में भारतीय स्वदेशी हथियारों की लगातार मांग को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 'भारत सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक शांति में भी बड़ा योगदान दे रहा है.'

एक ऐसा भी समय था, जब भारत विदेशी हथियारों पर निर्भर हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा समय आ गया है कि भारत अपने स्वदेशी हथियार दुनिया को बेच रहा है. इनमें भारत सिर्फ कुछ देशों को नहीं बल्कि 85 से ज्यादा देशों को अपने हथियार सप्लाई कर रहा है. आज पूरी दुनिया ने भारत के हथियारों का लोहा माना है. भारत ने साल 2024-25 में 85 देशों को हथियार बेचकर ढाई अरब डॉलर जुटाए हैं. इन सभी हथियारों में 5 ऐसे हथियार हैं, जिसकी मांग पूरी दुनिया भर में हो रही है. 

पूरी दुनिया में भारतीय हथियारों की धूम 

भारत पूरी दुनिया को अपने स्वदेशी डिफेंस वेपन बेच रहा है. PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने लगभग 2.5 अरब डॉलर के हथियार 85 देशों को बेचे. वहीं सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा 5 अरब डॉलर तक पहुंचे. दुनिया में भारतीय स्वदेशी हथियारों की लगातार मांग को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 'भारत सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक शांति में भी बड़ा योगदान दे रहा है.'

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की सबसे ज्यादा डिमांड 

'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ने दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के जिस तरीके से छक्के छुड़ाए, उसे पूरी दुनिया ने देखा. इस मिसाइल ने पूरी दुनिया का विश्वास जीता. ऐसे में भारत और रूस की साझेदारी में बनी इस मिसाइल की मांग सबसे ज्यादा हो रही है, यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक सटीक वार करने में सक्षम है. इस मिसाइल को जहाज, भूमि, पनडुब्बी और हवाई प्लेटफॉर्म से लॉन्च की सकती है. फिलीपींस ने भारी संख्या में इसका ऑर्डर दिया है. वहीं वियतनाम, इंडोनेशिया और UAE जैसे देश भी इसमें खास दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ब्रह्मोस मिसाइल को भारत की रक्षा कूटनीति का भी एक अहम हिस्सा माना जा रहा है. 

पिनाका रॉकेट सिस्टम

ब्रह्मोस के बाद भारत के पास सबसे ताकतवर मिसाइल पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर है, यह भारत की अपनी तकनीक से बना ऐसा सिस्टम है, जो एक साथ कई रॉकेट दाग सकता है. इस मिसाइल की रेंज 75 किलोमीटर तक की है. इसे GPS तकनीक से संचालित किया जाता है. खासतौर से यह मुश्किल इलाकों में बेहद प्रभावी मानी जाती है. जानकारी के लिए बता दें कि यह मिसाइल कारगिल युद्ध में भी अपनी ताकत साबित कर चुकी है. हाल के दिनों में इसकी मांग सबसे ज्यादा अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिका देश में बढ़ी है.

तेजस हल्का लड़ाकू विमान 

भारत के स्वदेशी हथियारों में भी एक लड़ाकू हथियार है, जो लड़ाकू विमान के रूप में दुश्मनों के छक्के छुड़ाता है. यह भारत में बना सुपरसोनिक जेट है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने आधुनिक तकनीक से तैयार किया है. यह Mach 1.8 की गति से उड़ सकता है और हवा से हवा या जमीन पर दोनों तरह के मिशन में सक्षम है. इस विमान की मांग सबसे ज्यादा अर्जेंटीना, मलेशिया, फिलीपींस और नाइजीरिया जैसे देश में हो रही है. 

जमीनी लड़ाई का भारतीय योद्धा

आपको बता दें कि अर्जुन युद्ध टैंक DRDO की एक बहुत बड़ी सफलता है. यह युद्ध टैंक 120 मिमी गन, एडवांस फायर कंट्रोल सिस्टम और नाइट विजन तकनीक से लैस है. इसका डिजाइन कुछ इस तरह से बना है कि यह हर मौसम में और किसी भी इलाके में लड़ने में सक्षम है. अफ्रीकी देशों में इसका ट्रायल भी चल रहा है. इसके अलावा नाइजीरिया और केन्या जैसे देश इसे अपनाने की भी तैयारी में है.

धनुष तोप भारतीय हथियारों का आधुनिक रूप 

भारत के स्वदेशी हथियारों में से एक अन्य हथियार धनुष हॉवित्जर तोप है, जो भारत में बनी लंबी दूरी की फील्ड गन है. यह हथियार 38 किलोमीटर तक निशाना साध सकती है. इसके अलावा यह ऊंचे इलाकों में भी सटीक फायरिंग कर सकती है. यह बोफोर्स तोप का बेहतर और आधुनिक संस्करण है. भारत से इस हथियार को खरीदने में नेपाल, म्यांमार, वियतनाम सहित कई अन्य देश दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 

आकाश मिसाइल सिस्टम

बता दें कि भारत के स्वदेशी हथियारों में आकाश मिसाइल स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम है, जो एक साथ कई टारगेट पर वार कर सकता है. इस मिसाइल की रेंज लगभग 25 किलोमीटर है और हर मौसम में काम करने की क्षमता रखता है. इस मिसाइल पर दुनिया के कई देशों ने भरोसा जताया है, इनमें सऊदी अरब, वियतनाम और केन्या जैसे देश इसकी खरीदारी में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. यह मिसाइल भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ निर्यात क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि है. 

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