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UPI ने बनाया नया रिकॉर्ड, नवंबर में 32% उछाल, 20 अरब से अधिक लेन-देन

UPI Record: 2016 में लॉन्च हुए यूपीआई ने भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाया है. यह प्लेटफ़ॉर्म एक ही मोबाइल ऐप में यूजर के सभी बैंक खातों को जोड़ता है, जिससे पैसे भेजना और प्राप्त करना बेहद आसान हो जाता है.

Image Source: Social Media

UPI Sets New Record: नवंबर की शुरुआत के साथ ही देशभर में डिजिटल भुगतान के प्रमुख माध्यम यूपीआई के ताज़ा आंकड़े सामने आ गए हैं. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा जारी नए डेटा से यह साफ पता चलता है कि डिजिटल पेमेंट की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है.इस साल नवंबर में यूपीआई के जरिए लेन-देन में पिछले वर्ष की तुलना में 32% की ज़बरदस्त बढ़त दर्ज की गई. नवंबर महीने में कुल 20.47 अरब लेन-देन हुए, जो डिजिटल भुगतान प्रणाली की लगातार बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है.


ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी मजबूत उछाल

सिर्फ ट्रांजैक्शन संख्या ही नहीं, बल्कि ट्रांजैक्शन अमाउंट में भी बड़ी बढ़त देखने को मिली. नवंबर में यूपीआई के जरिए कुल 26.32 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22% अधिक है. औसतन, हर दिन 682 मिलियन लेन-देन दर्ज किए गए और प्रतिदिन का ट्रांजैक्शन अमाउंट 87,721 करोड़ रुपये रहा. अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन संख्या 20.70 अरब थी, जिसमें सालाना आधार पर 25% की वृद्धि दर्ज की गई थी. वहीं, अक्टूबर में किए गए कुल ट्रांजैक्शन अमाउंट में 16% की बढ़ोतरी देखी गई थी, जो बढ़कर 27.28 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था.

आईएमपीएस भी रहा सक्रिय - करोड़ों लोगों ने लिया फायदा

एनपीसीआई ने यूपीआई के साथ-साथ इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के नए आंकड़े भी सार्वजनिक किए. नवंबर में 369 मिलियन IMPS ट्रांजैक्शन हुए और इनके जरिए कुल 6.15 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया. ट्रांजैक्शन अमाउंट के मामले में IMPS ने सालाना आधार पर 10% की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. नवंबर में IMPS के जरिए रोजाना औसतन 12.30 मिलियन लेन-देन और 20,506 करोड़ रुपये का अमाउंट प्रोसेस किया गया.

कैसे बदल गया भारत का भुगतान तंत्र


2016 में लॉन्च हुए यूपीआई ने भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाया है. यह प्लेटफ़ॉर्म एक ही मोबाइल ऐप में यूजर के सभी बैंक खातों को जोड़ता है, जिससे पैसे भेजना और प्राप्त करना बेहद आसान हो जाता है. केवल एक टैप में सुरक्षित और तुरंत पेमेंट करने की सुविधा ने यूपीआई को देश का सबसे पसंदीदा भुगतान माध्यम बना दिया है. यूपीआई ने भारत को कैश और कार्ड से आगे बढ़ाकर डिजिटल-फर्स्ट इकोनॉमी की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाया है.

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