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आतंक के अड्डों पर आर्थिक असर – पाकिस्तान के शेयर बाजार में आई भारी गिरावट

आतंकवाद को लेकर पहले ही वैश्विक स्तर पर आलोचना झेल रहा पाकिस्तान अब घरेलू दबाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों से जूझ रहा है।
आतंक के अड्डों पर आर्थिक असर – पाकिस्तान के शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
Photo by:  Google

Pakistan Share Market: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में मौजूद 9 प्रमुख आतंकी कैंपों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया. इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने की खबरें सामने आई हैं. भारतीय सेना की यह निर्णायक कार्यवाही पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों और उनकी संरक्षक संस्थाओं के लिए एक कड़ा संदेश है.

पाकिस्तान में हड़कंप, सरकार और सेना में बेचैनी

भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना में साफ तौर पर बेचैनी देखी जा रही है। आतंकवाद को लेकर पहले ही वैश्विक स्तर पर आलोचना झेल रहा पाकिस्तान अब घरेलू दबाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों से जूझ रहा है। भारतीय सेना के पराक्रम ने पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक रणनीति को झकझोर कर रख दिया है। सीमा पर हाई अलर्ट है और पाकिस्तान की सेना अब आंतरिक समीक्षाओं में लगी हुई है

पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट, ट्रेडिंग रोकनी पड़ी

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत द्वारा अन्य रणनीतिक कदमों के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर तगड़ा असर पड़ा है. खास तौर पर पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

1. केएसई-100 इंडेक्स, जो 22 अप्रैल को 1,18,430 पर था, अब गिरकर 1,03,060 पर पहुंच चुका है, यानी करीब 13% की गिरावट.

2. केएसई-30 इंडेक्स में भी 14.3% की गिरावट देखी गई है.

गुरुवार को गिरावट इतनी तीव्र थी कि बाजार को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. यह पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता और निवेशकों के बीच गहराते अविश्वास को दर्शाता है. 

पाकिस्तान की आर्थिक हालत और भी खराब, IMF के दरवाज़े पर खड़ा देश

1. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही डगमगाई हुई थी, लेकिन भारत की हालिया कार्रवाइयों ने संकट को और गहरा कर दिया है.

2. पाकिस्तान के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है, जो मुश्किल से कुछ महीनों की आयात आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है.

3. देश की जीडीपी ग्रोथ रुक सी गई है और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है.

4. इस समय पाकिस्तान आईएमएफ (IMF) से कर्ज के लिए लगातार निवेदन कर रहा है, लेकिन कर्ज के बदले मिलने वाली शर्तें उसकी संप्रभुता के लिए भी चुनौती बनती जा रही हैं.

भारत के अन्य कड़े कदम – सिंधु जल समझौते पर प्रहार

1. आतंकी हमलों के जवाब में भारत सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी एक्टिव हुआ है. भारत ने सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से स्थगित करने का संकेत दिया है.

2. इस निर्णय से पाकिस्तान की उन इंडस्ट्रीज को तगड़ा झटका लग सकता है जो सिंधु नदी के जल पर निर्भर हैं.

3. सिंचाई, बिजली उत्पादन और पीने के पानी की आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है, जिससे पाकिस्तान में आंतरिक संकट और गहराएगा.

भारत के कड़े रुख से आतंक पर लगाम, पाकिस्तान की चुनौतियाँ बढ़ीं

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के प्रति "नो टॉलरेंस" नीति पर चल रहा है. एक तरफ जहां भारतीय सेना का पराक्रम आतंकियों में डर पैदा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारत की आर्थिक और कूटनीतिक चालें पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर भी पस्त कर रही हैं. आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि पाकिस्तान इस बहुस्तरीय दबाव का सामना कैसे करता है.

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