KYC अपडेट में डिजिटल विकल्पों को मिली मंजूरी, RBI ने दिए नए प्रस्ताव
RBI के ये नए प्रस्ताव आम ग्राहकों की बैंकिंग यात्रा को सहज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. डिजिटल माध्यमों का बढ़ता उपयोग, दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण और ग्राहकों की सहभागिता – ये सभी चीजें भारतीय बैंकिंग सिस्टम को और आधुनिक बनाने में मदद करेंगी.

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने 'नो योर कस्टमर' (KYC) नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिससे बैंकिंग सेवाएं और अधिक सरल, पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बन सकें. ये बदलाव खासतौर पर उन आम ग्राहकों की सुविधा के लिए किए जा रहे हैं, जिन्हें बार-बार एक जैसे दस्तावेज़ जमा करने की परेशानी का सामना करना पड़ता है. आइए विस्तार से समझते हैं कि इन प्रस्तावों में क्या खास है, और इससे आम ग्राहकों को क्या फायदे मिलेंगे.
ग्राहक सुविधा को प्राथमिकता
RBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नए KYC प्रस्तावों का उद्देश्य ग्राहक को केंद्र में रखकर नियमों को आसान बनाना है. अब नियमित KYC अपडेट के लिए ग्राहकों को बार-बार बैंक जाकर कागज़ी दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत नहीं होगी. यदि ग्राहक की जानकारी में कोई बदलाव नहीं हुआ है, या केवल पता बदल गया है, तो वे एक सरल स्व-घोषणा (Self-Declaration) के जरिए इस बात की पुष्टि कर सकेंगे.
यह स्व-घोषणा कई डिजिटल माध्यमों से दी जा सकती है, जैसे:
पंजीकृत मोबाइल नंबर से SMS
रजिस्टर्ड ईमेल के जरिए
एटीएम मशीन के जरिए
बैंक की मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर लॉगिन करके
इस तरह की डिजिटल प्रक्रिया ग्राहकों को लंबी लाइनों और फिजिकल वेरिफिकेशन से राहत देगी
बार-बार दस्तावेज़ मांगने की प्रथा पर रोक
RBI के प्रस्ताव के अनुसार, यदि किसी ग्राहक ने एक बार अपने पहचान दस्तावेज़ किसी बैंक या वित्तीय संस्था को दे दिए हैं, तो वही दस्तावेज़ बार-बार मांगना अब उचित नहीं माना जाएगा. यह पहल सीधे RBI गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा के उस विजन से जुड़ी है जिसमें उन्होंने मार्च 2025 में कहा था कि दस्तावेजों की बार-बार मांग ग्राहकों के अनुभव को खराब करती है.इस कदम से बैंकों की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा और समय तथा संसाधनों की बचत होगी. साथ ही यह डिजिटल इंडिया के तहत सरकारी प्रयासों को भी मजबूती देगा.
KYC अपडेट की प्रक्रिया में और विकल्प मिलेंगे
RBI अब ग्राहकों को यह सुविधा देगा कि वे अपने किसी भी बैंक शाखा या NBFC के ऑफिस में जाकर KYC अपडेट कर सकें, चाहे उनका खाता किसी भी ब्रांच में क्यों न हो. इससे ग्राहकों को घर के पास की शाखा से सुविधा लेने में आसानी होगी.
इसके अलावा, निम्नलिखित तकनीकी माध्यमों को भी KYC अपडेट के लिए मान्यता दी जाएगी:
आधार OTP आधारित e-KYC
वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP)
इन माध्यमों से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी बैंकिंग सेवाएं अधिक सुलभ हो जाएंगी.
पते में बदलाव के लिए भी स्व-घोषणा
नए नियमों के तहत, अगर किसी ग्राहक ने आधार बायोमेट्रिक e-KYC के जरिए फेस-टू-फेस ऑनबोर्डिंग कराई है और अब उनका वर्तमान पता UIDAI डेटाबेस में दर्ज पते से अलग है, तो वह व्यक्ति एक सरल स्व-घोषणा देकर अपने नए पते की जानकारी बैंक को दे सकता है.हालांकि, अगर किसी ग्राहक का खाता गैर-फेस-टू-फेस तरीके से खोला गया है (जैसे वीडियो KYC या OTP e-KYC से), तो उस खाते की निगरानी अधिक सख्ती से की जाएगी और एक साल के भीतर उसकी पूरी जांच की जाएगी.
शिकायत समाधान और जनता से सुझाव
RBI को लंबे समय से यह शिकायतें मिल रही थीं कि DBT (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) खातों में KYC प्रक्रिया की जटिलताओं की वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर नहीं पहुंच पा रहा है. इन प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य इन्हीं समस्याओं को दूर करना है.RBI ने जनता से इन प्रस्तावों पर 6 जून 2025 तक सुझाव मांगे हैं ताकि अंतिम नियम बनाते समय लोगों की राय को भी ध्यान में रखा जा सके. यह एक लोक-हितैषी और सहभागी नीति निर्माण प्रक्रिया का उदाहरण है.
RBI के ये नए प्रस्ताव आम ग्राहकों की बैंकिंग यात्रा को सहज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. डिजिटल माध्यमों का बढ़ता उपयोग, दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण और ग्राहकों की सहभागिता – ये सभी चीजें भारतीय बैंकिंग सिस्टम को और आधुनिक बनाने में मदद करेंगी. अगर ये प्रस्ताव लागू हो जाते हैं, तो न सिर्फ बैंकों की कार्यप्रणाली आसान होगी, बल्कि आम नागरिकों को भी अपने वित्तीय कार्यों में काफी राहत मिलेगी.