Advertisement

Ayushman Card: अब तक 9.19 करोड़ लोगों को मिला फ्री इलाज, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों ने उठाया ज्यादा फायदा

Ayushamn Bharat Scheme: आयुष्मान भारत योजना देश के करोड़ों गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक जीवनरक्षक स्कीम बन गई है. इससे न सिर्फ लोगों को महंगे इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ता, बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं.

Source: Ayushman Bharat

Ayushamn Bharat Scheme: आयुष्मान भारत योजना जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. इसका मकसद देश के गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा देना है. इस योजना के तहत पात्र परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिल सकता है, वो भी सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में. इस योजना का फायदा लेने के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना होता है.

अब तक कितनों ने लिया फायदा?

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018 में शुरुआत से अब तक इस योजना के तहत 9.19 करोड़ से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं. इन सभी के इलाज पर सरकार ने करीब 1.29 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. योजना की 2024-25 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 40 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनमें 14.69 करोड़ परिवार शामिल हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा इलाज

इस योजना में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पताल जुड़े हुए हैं. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि लोग इलाज के लिए सबसे ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों की तरफ जा रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है. इस स्कीम के तहत जुड़े अस्पतालों में 55% सरकारी और 45% प्राइवेट अस्पताल हैं. लेकिन अब तक इलाज के जितने भी मामले दर्ज हुए हैं, उनमें से 52% मरीजों ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाया है. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की लागत ज्यादा होती है, इसलिए सरकार का खर्च भी तेजी से बढ़ा है.

किडनी के इलाज पर सबसे ज्यादा खर्च

रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के तहत सबसे ज्यादा इलाज हेमोडायलिसिस का हुआ है. यह इलाज किडनी फेल होने पर किया जाता है, जिसमें मशीन से खून साफ किया जाता है. यह प्रक्रिया आमतौर पर हर हफ्ते 2-3 बार करनी होती है, इसलिए इसके मामलों की संख्या सबसे ज्यादा रही है. कुल इलाज का करीब 14% हिस्सा सिर्फ डायलिसिस से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा, लोगों ने बुखार और दूसरी सामान्य बीमारियों के लिए भी इस योजना का खूब इस्तेमाल किया है.

कैसे मिलता है इलाज और कार्ड?

इस योजना का फायदा लेने के लिए आपको आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा. यह कार्ड उन लोगों को मिलता है जो सरकारी मानदंडों के अनुसार गरीब या कमजोर वर्ग में आते हैं। कार्ड बनने के बाद आप देश के किसी भी सरकारी या योजना से जुड़े प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं. योजना में पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी है, यानी अगर आप किसी दूसरे राज्य में हैं तो भी उसी कार्ड से इलाज संभव है. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर कोई पैसा नहीं देना होता, सारा खर्च सरकार उठाती है.

डिजिटल रिकॉर्ड और आसान प्रक्रिया

इस योजना में मरीजों की जानकारी डिजिटल रूप से रिकॉर्ड की जाती है, जिससे इलाज की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होती है. इससे डॉक्टरों को मरीज के पुराने इलाज और रिपोर्ट्स की जानकारी आसानी से मिल जाती है. साथ ही, सरकार भी यह देख सकती है कि योजना का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.

 एक बड़ा सहारा आम लोगों के लिए

आयुष्मान भारत योजना देश के करोड़ों गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक जीवनरक्षक स्कीम बन गई है. इससे न सिर्फ लोगों को महंगे इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ता, बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं. हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों का ज्यादा इस्तेमाल सरकार के लिए चुनौती बन सकता है, फिर भी यह योजना अब तक बहुत सफल साबित हुई है.

Advertisement

Advertisement

अधिक →