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पुराने वाहनों के लिए दिल्ली के दरवाजे बंद! जानिए क्या है नई पॉलिसी की डेडलाइन

दिल्ली सरकार का ये कदम दिखाता है कि अब सिर्फ छोटे प्रयास नहीं बल्कि दीर्घकालिक और तकनीक आधारित योजनाएं बनाई जा रही हैं. ANPR कैमरा, क्लाउड सीडिंग, EV सब्सिडी और कड़े ट्रैफिक नियम जैसे प्रयासों से दिल्ली को एक साफ और स्वच्छ शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अगर ये योजना समय पर और प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है.

06 Jun, 2025
( Updated: 09 Jun, 2025
03:46 PM )
पुराने वाहनों के लिए दिल्ली के दरवाजे बंद! जानिए क्या है नई पॉलिसी की डेडलाइन
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Delhi Traffic Rules: दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. इसी दिशा में एक बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐलान किया है कि 1 नवंबर 2025 से दिल्ली में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन (EV), CNG और BS6 कमर्शियल व्हीकल्स को ही एंट्री मिलेगी. यानी अगर आप BS4 या इससे पुराने व्हीकल से दिल्ली में प्रवेश करना चाहेंगे, तो आपको रोका जाएगा. यह कदम दिल्ली की हवा को साफ करने और पॉल्यूशन को स्थायी रूप से कम करने की दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है...

ANPR कैमरे से होगी नंबर प्लेट की पहचान

इस नीति को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने तकनीक का सहारा लिया है. दिल्ली सरकार सभी एंट्री प्वाइंट्स पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरे लगाने जा रही है. इन कैमरों की मदद से उन गाड़ियों की पहचान की जाएगी जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है या जो पुराने नियमों के तहत आती हैं. इसके साथ ही ये कैमरे दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर भी लगाए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पेट्रोल या डीजल भरवा ही न सकें.

IIT कानपुर की मदद से होगी “इंटेलिजेंस रेन” यानी क्लाउड सीडिंग

प्रदूषण कम करने के लिए सिर्फ ट्रैफिक पर ही नहीं, बल्कि हवा की सफाई पर भी सरकार ने ध्यान दिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश का प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए IIT कानपुर की मदद ली जाएगी और सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मंजूरी दे दी है. क्लाउड सीडिंग से हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को नीचे गिराने में मदद मिलेगी.

हॉटस्पॉट इलाकों में मिस्ट स्प्रे और ऊंची इमारतों पर एंटी स्मॉग गन

दिल्ली में जिन इलाकों को पॉल्यूशन हॉटस्पॉट माना जाता है, वहां मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे ताकि धूल और अन्य प्रदूषक हवा में न फैल सकें. इसके अलावा सभी ऊंची इमारतों पर एंटी स्मॉग गन लगाई जाएंगी, जो ऊंचाई से नीचे की तरफ पानी की फाइन बौछार करके हवा में मौजूद प्रदूषण को कम करेंगी. इन उपायों से सरकार को उम्मीद है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को स्थायी रूप से सुधारा जा सकेगा.

 इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर मिलेगी सब्सिडी – नई EV नीति जल्द

सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार अब लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी देगी. इसके तहत पर्सनल और कमर्शियल दोनों तरह के वाहनों पर छूट मिल सकती है. दिल्ली सरकार जल्द ही एक नई ईवी नीति लाने जा रही है जिसमें लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सरकार चाहती है कि आने वाले समय में अधिक से अधिक वाहन ईवी में तब्दील हों और प्रदूषण में भारी कमी लाई जा सके.

सड़कों की धूल हटाने के लिए किराए पर लेंगे 1000 वॉटर स्प्रिंकलर

दिल्ली की सड़कों पर उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण का बड़ा कारण है. इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 1000 वॉटर स्प्रिंकलर मशीनों को किराए पर लेने का फैसला किया है. ये मशीनें दिन में कई बार सड़कों पर पानी का छिड़काव करेंगी जिससे धूल जमीन पर बैठ जाएगी और हवा में प्रदूषण का स्तर कम होगा.

दिल्ली सरकार का बड़ा मिशन , स्वच्छ हवा और स्मार्ट ट्रैफिक नियम

दिल्ली सरकार का ये कदम दिखाता है कि अब सिर्फ छोटे प्रयास नहीं बल्कि दीर्घकालिक और तकनीक आधारित योजनाएं बनाई जा रही हैं. ANPR कैमरा, क्लाउड सीडिंग, EV सब्सिडी और कड़े ट्रैफिक नियम जैसे प्रयासों से दिल्ली को एक साफ और स्वच्छ शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अगर ये योजना समय पर और प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है.

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