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इजरायली अटैक से दहली यमन की राजधानी सना, ईरान समर्पित हूती विद्रोहियों को बनाया निशाना, क्लस्टर बम हमले का लिया बदला

इजरायली हमने में यमन की राजधानी सना दहल गई है. इजरायल ने हूती विद्रोहियों द्वारा क्लस्टर बम हमले का बदला ले लिया है.

इजरायल ने यमन की राजधानी सना को एक बार फिर से निशाना बनाया है. खबरों के मुताबिक, ईरान समर्पित विद्रोहियों द्वारा इजरायल पर क्लस्टर बम दागे जाने के कुछ ही देर बाद यह कार्रवाई हुई है. इन हमलों में कथित तौर पर एक बिजली संयंत्र और एक गैस स्टेशन को निशाना बनाया गया है. वहीं राजधानी में कई जगहों पर विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, जिनमें राष्ट्रपति भवन और एक बंद हो चुकी सैन्य अकादमी के पास भी धमाका हुआ है. प्रत्यक्षदर्शियों ने सना के मध्य और घनी आबादी वाले इलाके, सबीन स्क्वायर के आसपास भारी विस्फोट और धुआं उठते देखा है. 

सना पर 17 अगस्त के बाद यह पहला हमला 

हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित 'अल-मसीरा चैनल' ने इजरायल द्वारा किए गए हमले की सूचना दी है. यमन की राजधानी सना में विद्रोहियों द्वारा कब्जा करने वाले हिस्से में  17 अगस्त के बाद यह पहला हमला है. उस दौरान इजराइल ने कहा था कि हमलों में ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाया गया, जिसके बारे में माना जाता है कि इसका इस्तेमाल विद्रोहियों द्वारा किया जाता था.

इजरायल ने नहीं की हमले की पुष्टि

बता दें कि इजराइल ने रविवार के हमले की पुष्टि नहीं की है. खबरों के मुताबिक, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने 22 महीनों से भी ज़्यादा समय से इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन दागे हैं तथा लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाया है. इस हमले को लेकर हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे गाज़ा पट्टी में युद्ध के बीच फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ये हमले कर रहे हैं. 

इजरायली वायुसेना के अधिकारी का बयान आया सामने

इजरायली वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा है कि शुक्रवार रात यमन से इजराइल की ओर दागी गई क्लस्टर बम वाली मिसाइल एक नए ख़तरे का संकेत है. हूती विद्रोहियों ने 2023 में इजराइल की ओर रॉकेट दागना शुरू करने के बाद से पहली बार इजराइल पर क्लस्टर बम दागा है. क्लस्टर बमों के इस्तेमाल से इजराइल के लिए उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है. 

2023 से इजरायल गाजा को बना रहा निशाना 

इजरायल ने अक्टूबर 2023 में गाजा में हमले शुरू किए थे. इजरायल के हमलों में गाजा में अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं लाखों लोगों के सामने पेट भरने का संकट है. 

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