मोदी-जिनपिंग और वो…! चीन के 'चाणक्य' से 45 मिनट की मुलाकात और बदल गए दोनों देशों के रिश्ते, जानें कौन हैं Cai Qi
तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Cai Qi मुलाक़ात चीनी मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई है. माना जा रहा है चीन और भारत के रिश्तों को दोस्ती के मोड़ पर लाने में केई ची का बड़ा हाथ है. आखिर कौन हैं Cai Qi और क्या है उनके PM मोदी से मिलने के मायनें? चलिए जानते हैं
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अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अक्सर बड़े फैसले राष्ट्राध्यक्ष लेते हैं, लेकिन कभी-कभी किसी एक शख्स की मौजूदगी पूरी तस्वीर बदल देती है. सारे समीकरण बदल देती है. चीन के तियानजिन में भी कुछ ऐसा ही हुआ. जब एक साथ आए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के चाणक्य Cai Qi. जिस तीसरे शख़्स Cai Qi का ज़िक्र हमने किया है वो कोई आम इंसान नहीं बल्कि चीन का ताक़तवर और बेहद प्रभावशाली चेहरा है.
तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Cai Qi मुलाक़ात चीनी मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई है. माना जा रहा है चीन और भारत के रिश्तों को दोस्ती के मोड़ पर लाने में Cai Qi का बड़ा हाथ है. आखिर कौन हैं Cai Qi और क्या है उनके PM मोदी से मिलने के मायनें? चलिए जानते हैं
जिनपिंग की कूटनीति का बड़ा चेहरा
तियानजिन में मोदी-पुतिन और जिनपिंग की जुगलबंदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी असहज कर दिया. तियानजिन में चीन और भारत की दोस्ती का नया चैप्टर लिखा गया और इसके पीछे Cai Qi का हाथ माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक़, खुद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें मोदी से मिलने और भारत-चीन संबंधों पर चर्चा करने के लिए कहा था. कूटनीतिक तौर पर दोनों की यह मुलाक़ात काफ़ी मायने रखती है.
एक मुस्कान ने बदल दिए समीकरण
पार्टी में Cai Qi की छवि बेहद गंभीर नेता की है. उन्हें कभी न हंसने वाला नेता भी कहा जाता है, लेकिन पीएम मोदी और Cai Qi की तस्वीर ने चीन में इस नैरेटिव को बदल दिया. पीएम मोदी से बातचीत के दौरान Cai Qi हंसते हुए नज़र आए. Cai Qi की ये मुस्कुराहट चीन में चर्चा का विषय बन गई.
मोदी और Cai Qi के बीच क्या हुई बात?
दोनों नेताओं की इस मुलाक़ात को कूटनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि केई और मोदी के बीच असल बातचीत क्या हुई इस पर खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन संभव है कि दोनों ने चीन भारत के बीच संबंधों को और बेहतर करने पर चर्चा की है. साथ-साथ वैश्विक मुद्दे ग्लोबल वॉर्मिंग, आतंकवाद, सीमा विवाद, और निष्पक्ष व्यापार जैसे मसले भी शामिल हो सकते हैं. जिनपिंग ने Cai Qi और मोदी की मुलाक़ात से दोनों देशों को पटरी पर लाने की पहल की है. इससे पता चलता है कि जिनपिंग भारत के साथ अपने रिश्तों को कितनी तरजीह देते हैं.
‘पीएम मोदी खाना नहीं खाते’
इस मुलाक़ात के दौरान मोदी और Cai Qi के बीच कुछ हल्की फुल्की बातें भी हुईं. Cai Qi ने कहा कि जिनपिंग ने उन्हें पीएम मोदी को दोपहर का भोजन कराने के लिए कहा था. फिर ऐसा पता चला कि मोदी को खाना ज्यादा पसंद नहीं है. इस बात पर दोनों हंसने लगे.
कौन हैं Cai Qi?
Cai Qi को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का राइट हैंड माना जाता है. उनकी गिनती चीन के ताकतवर और प्रभावशाली लोगों में उनकी गिनती होती है. माना जाता है शी जिनपिंग की कूटनीति में Cai Qi ही पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाते हैं. वे पार्टी में कई बड़े और अहम पद संभालते हैं. वह सचिवालय की हाईएस्ट कमिटी के सदस्य होने के साथ साथ पोलितब्यूरो स्थायी समिति के सदस्य भी हैं. साथ-साथ उन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सबसे करीबी माना जाता है.
चीन-भारत के बीच मिटती दूरियों से पाकिस्तान बेचैन!
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भारत के लिए चीन की पाकिस्तान से बढ़ती नज़दीकी बड़ा सिरदर्द बनी हुई थी, लेकिन फिर तय किया गया कि, भारत पाकिस्तान के कारण अपने चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को कमजोर नहीं करेगा. भारत ने चीन के साथ संबंध सुधारने की ओर कदम बढ़ाया. SCO समिट में Cai Qi और मोदी की मुलाक़ात ने भारत विरोधी ताक़तों को बेचैन कर दिया है. ख़ासकर पाकिस्तान को, जो पहलगाम हमले के बाद जवाबी ऑपरेशन सिंदूर में भारत के ख़िलाफ़ चीन समेत कई देशों के साथ माहौल बनाने की कोशिश कर रहा था.
Cai Qi और PM मोदी की मुलाक़ात में कई संदेश छुपे हुए हैं. यह मुलाक़ात दर्शाती है कि चीन न केवल भारत के साथ रिश्तों को सामान्य करने की ओर बढ़ रहा है बल्कि नई दिशा भी दे रहा है.
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