जेलेंस्की ने ट्रंप को ललकार तो याद आई जयशंकर की कही हुई बात !
दुनियाभर में खलबली मचाने वाले डोनाल्ड ट्रंप को लेकर कही जयशंकर की एक बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की इन दिनों यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से हुई गर्मागर्म की खूब चर्चा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर जेलेंस्की ने जयशंकर की यह बात सुन समझ ली होती तो वह ट्रंप से इस तरह नहीं भिड़ते.

विदेश मंत्री एस जयशंकर।प्रधानमंत्री मोदी के करीबी..पीएम की कोर टीम के मज़बूत सदस्य।जिनकी कूटनीतिक समझ का लोहा आज पूरी दुनिया मानती है। उनकी सूझबूझ के किस्से हर जगह छाए रहते हैं।और उनकी कही हुई बातें हर जगह याद आती हैं। जैसे अब हाल के घटनाक्रम को देख कर हो रहा है।ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच जो कुछ भी हुआ वो दुनिया के सामने है।दुनिया में अब इस बात की चर्चा है की अमेरिका और यूक्रेन के रिश्ते सीछे तौर पर ख़राब हो गए हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति की इन दिनों यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से ठनी हुई है। White House में पिछले दिन हुई गर्मागर्मी को लेकर खूब चर्चा है। लेकिन इस बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर की बात याद आ रही है। और कहा ये जा रहा है कि अगर उनकी बात जेलेंस्की मान लेते तो वो ट्रंप से भिड़ते ही नहीं। उनकी बात सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रही है। दरअसल, पिछले दिनों जयशंकर ने जो ट्रंप को लेकर कहा था वो सच भी साबित होता दिख रहा है। उन्होंने साफ तौर से ट्रंप को ‘अमेरिकन राष्ट्रवादी’ करार दिया था, जो अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हैं और अनावश्यक विदेशी खर्च को लेकर बेहद सतर्क हैं। बीती 30 जनवरी को जयशंकर दिल्ली के हंसराज कॉलेज में छात्रों के साथ ‘युवाओं के लिए विकसित भारत’ के विषय पर बातचीत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम से पहले ही वो 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर वापस आए थे। इस दौरान की उन्होंने कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी। लेकिन युवाओं के लिए विकसित भारत कार्यक्रम में जब एक छात्र ने उनसे ट्रंप को लेकर सवाल किया तो उसका जवाब देकर उन्होंने ट्रंप के बारे में बहुत कुछ बता दिया था।
अमेरिका फर्स्ट यानी ट्रंप पहले अपनों का हित देखते हैं ये तो जयशंकर ने पहले ही बता दिया था। अब अगर ये बात जेलेंस्की सुन लेते और समझ लेते तो वो ट्रंप से उलझते ही नहीं। जंग रुकवाने के लिए यूक्रेन से खनिज का सौदा करने को कहने वाले ट्रंप की इस बात से ही सब को समझ आना चाहिए की वो केवल अमेरिका का ही हित देखते हैं। आज जब दुनिया अमेरिका की बदलती विदेश नीति, ट्रंप की विचारधारा और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभावों को देख रही है। तब जयशंकर की बात समझ आ रही है।अगर जेलेंस्की ने भी जयशंकर जैसी दूरदृष्टि अपनाई होती और अमेरिका की नीतियों को गहराई से समझा होता, तो शायद ट्रंप से झगड़ा इतना तूल नहीं पकड़ता। अमेरिका ने रूस-यूक्रेन जंग के शुरूआती दौर में यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद का भरोसा दिया और मदद की भी लेकिन अब ट्रंप के आने ये उनकी अमेरिका की नीतियों में बदलाव हुआ। जिस बात ज़िक्र भी जयशंकर ने किया। अब इन सब बातों से जयशंकर की कूटनीतिक ताक़त और समझ का और ज़्यादा पता चलता है। और समझ आता है कि भारत के पास और मोदी की टीम में जयशंकर के रूप में कितना नायाब हीरा देश के पास है।