Advertisement

'थेथरई' पर उतरे ट्रंप के सनकी एडवाइजर, भारत को दे डाली अंजाम भुगतने की गीदड़भभकी, कहा-बात मानो वरना अच्छा नहीं होगा

ट्रंप और व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को गीदड़भभकी दी है कि अगर उसने अमेरिका की शर्तें नहीं मानीं तो इसके नतीजे भारत के लिए अच्छे नहीं होंगे. बड़ा सवाल ये है कि ट्रंप को ये पता नहीं है या जानबूझकर वो अनजान बन रहे हैं.

Created By: केशव झा
09 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:57 PM )
'थेथरई' पर उतरे ट्रंप के सनकी एडवाइजर, भारत को दे डाली अंजाम भुगतने की गीदड़भभकी, कहा-बात मानो वरना अच्छा नहीं होगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बड़बोले और बेलगाम तोप पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. या तो उनका अपने सहयोगियों पर कंट्रोल नहीं है या फिर ये लोग उन्हीं के इशारे पर बेफिजूल बयान दे रहे हैं. इसी बीच यूएस एक बार फिर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिका की शर्तें नहीं मानीं तो इसके नतीजे भारत के लिए अच्छे नहीं होंगे. नवारो का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सुर बदलते हुए भारत को अपना करीबी दोस्त और पीएम मोदी को ग्रेट पीएम बताया था. लेकिन अब ट्रंप के ठीक उलट फिर से हिंदुस्तान को लेकर धमकी वाले बयान दिए जा रहे हैं.

'भारत हमारी शर्तें माने, नहीं तो अच्छा नहीं होगा'

नवारो ने कहा कि भारत को किसी न किसी समय अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर सहमत होना ही पड़ेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत रूस और चीन के साथ खड़ा नजर आएगा और यह उसके लिए 'अच्छा' नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार इस बात से आहत हुई है कि उन्होंने भारत को "टैरिफ का महाराज" कहा था, लेकिन सच यह है कि दुनिया के किसी भी बड़े देश में सबसे ऊंचे शुल्क भारत ही लगाता है और अमेरिका को इससे निपटना होगा.

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी नवारो ने भारत पर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले भारत ने बहुत ही कम मात्रा में रूसी तेल खरीदा था. लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने "मुनाफाखोरी" शुरू कर दी. नवारो के अनुसार, रूसी रिफाइनर भारत की जमीन पर आकर लाभ कमा रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं को इस संघर्ष की कीमत चुकानी पड़ रही है.

नवारो ने अमेरिकी मार्केट को लेकर बघारी शेखी

BRICS देशों को लेकर भी नवारो ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि असलियत यह है कि इस समूह का कोई भी देश तब तक जिंदा नहीं रह सकता जब तक वह अमेरिका को माल न बेचे. और जब वे अमेरिका को निर्यात करते हैं तो अपनी अनुचित व्यापार नीतियों से "वैम्पायर की तरह हमारी नसों का खून चूसते हैं."

'चीन के साथ रिश्तों पर भी नवारों का तंज'

भारत की सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर नवारो ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत दशकों से चीन के साथ युद्ध लड़ रहा है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान को परमाणु बम चीन ने ही दिया था और अब हिंद महासागर में चीनी झंडे वाले हवाई जहाज घूम रहे हैं. मोदी, देखिए आप इसे कैसे संभालते हैं.

X पर सच का सामना हुआ तो बौखला गए नवारो

सोशल मीडिया को लेकर भी नवारो ने भारत को निशाना बनाया. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, लेकिन यह दुष्प्रचार करने वाले कुछ लाख लोगों को ही जगह देता है ताकि जनमत सर्वेक्षणों के साथ छेड़छाड़ की जा सके. उन्होंने इसे अमेरिका के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का विदेशी हितों द्वारा दुरुपयोग करार दिया.

आपको बताएं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो भारत के रूसी तेल खरीद को लेकर एक बार फिर अपने विवादित बयानों और तीखी प्रतिक्रियाओं के चलते सुर्खियों में हैं. नवारो ने हाल ही में सोशल मीडिया मंच X पर भारत के खिलाफ एक तथ्यहीन पोस्ट साझा किया, जिसे कम्युनिटी नोट्स ने तुरंत खारिज करते हुए झूठा करार देते हुए उन्हें एक्सपोज कर दिया था. इसके बाद नवारो का पारा हाई हो गया. उन्होंने अपने बेलगाम तोप यानी कि जुबान का रुख X और इसके मालिक एलन मस्क की ओर कर दिया और अपनी गलती स्वीकारने के बजाय उन पर ही हमला बोल दिया.

अब मस्क ने नवारो का नाम लिए बिना अपने जवाब में यह स्पष्ट किया कि X का कम्युनिटी नोट्स फीचर सभी के लिए निष्पक्ष रूप से काम करता है और झूठी सूचनाओं को सुधारने में किसी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाती. मस्क ने पोस्ट में लिखा, “इस मंच पर नैरेटिव जनता तय करती है. आप सभी पक्षों के विचार सुनते हैं. कम्युनिटी नोट्स सभी को सही करते हैं, कोई अपवाद नहीं होता. इसके नोट्स, डेटा और कोड ओपन-सोर्स हैं. ग्रोक उससे आगे जाकर तथ्य जांचता है.”

नवारो ने क्या दावा किया था?

यह भी पढ़ें

दरअसल, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए विरोधाभासी रणनीतियों पर काम कर रहा था. WP की इस खबर में दावा किया गया है कि वाशिंगट नई दिल्ली के लिए जो भड़काऊ भाषा इस्तेमला कर रहा है, उससे रिश्ते में संकट गहरा रहा है. इसी रिपोर्ट को कोट करते हुए जब नवारो ने जवाब दिया कि "फैक्ट: भारत में सबसे अधिक टैरिफ लगने से अमेरिका में नौकरी जाती है. भारत रूसी तेल पूरी तरह से सिर्फ लाभ कमाने के लिए खरीदता है/ उससे मिलने वाला राजस्व रूस के युद्ध मशीन को चलाता है. यूक्रेनियन/रूसी लोग मारे जाते हैं. अमेरिका के टैक्सपेयर्स को और अधिक भुगतान करना पड़ता है. भारत सच्चाई/ स्पीन को संभाल नहीं सकता. द वाशिंगटन पोस्ट वामपंथी अमेरिकी फर्जी खबर चलाता है." इसी का जब X पर फैक्ट चेक हुआ तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें