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ट्रैक, टार्गेट और तबाही… कतर में घुसकर इजरायल ने किया हमास आतंकियों पर वार, कैसे किया टॉप लीडरशिप साफ, जानें

क़तर की राजधानी दोहा में इज़रायल ने हमास के शीर्ष नेतृत्व पर बड़ी कार्रवाई की. इस हमले में उन चेहरों को निशाना बनाया गया जिन्हें 7 अक्तूबर 2023 के हमले का मास्टरमाइंड माना जाता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, दोहा के कटारा डिस्ट्रिक्ट में हुए धमाकों ने हमास का वह कमांड सेंटर ध्वस्त कर दिया, जहां से संगठन की गतिविधियां चलाई जा रही थीं. इस ऑपरेशन में खालिद मशाल और खलील अल-हैय्या जैसे बड़े नेताओं को मार गिराया गया. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

Created By: केशव झा
10 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:53 PM )
ट्रैक, टार्गेट और तबाही… कतर में घुसकर इजरायल ने किया हमास आतंकियों पर वार, कैसे किया टॉप लीडरशिप साफ, जानें

इजरायल ने अक्टूबर 7 के दोषियों को सजा देने और चुन-चुनकर खत्म करने की अपनी मंशा और कोशिशों पर एक कदम आगे बढ़ते हुए कतर पर बड़ा हमला किया है. इसी सिलसिले में उसने दोहा में हमास के नेताओं को टारगेट पर ले एयर स्ट्राइक की. IDF ने इस हमले की पुष्टि कि है. कतरी प्रधानमंत्री ने इजरायली सेना के इस हमले को सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकी साजिश और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है. वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर इस अभियान की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा “हमास के शीर्ष आतंकवादी सरगनाओं के विरुद्ध ये कार्रवाई पूरी तरह से स्वतंत्र इज़राइली अभियान था. इज़राइल ने इसकी शुरुआत की, इज़राइल ने इसका संचालन किया और इज़राइल इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेता है.” हालांकि इजरायल की इस कार्रवाई में कौन-कौन मारे गए हैं, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ऑपरेशन में खालिद मशाल और खलील अल-हैय्या जैसे बड़े नेताओं को मार गिराया गया. इज़रायल का कहना है कि यह वही नेतृत्व था जो पांच सितारा होटल के भीतर बैठकर नरसंहार की साज़िश रच रहा था.

इजरायली सेना ने हमले पर क्या कहा?

IDF और शिन बेट ने घोषणा की कि इजरायली वायु सेना की ओर से किए गए हमले में हमास के नेतृत्व को निशाना बनाया गया. द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक इस बयान में कतर का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है, लेकिन यह दोहा में बड़े विस्फोटों की खबरों के बाद आया है, जहां हमास का शीर्ष नेतृत्व रहता है. बयान में कहा गया है, "हमले में मारे गए नेतृत्व के सदस्य 7 अक्टूबर के नरसंहार को अंजाम देने और इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं."

ऑपरेशन ‘कयामत का दिन…’

सेना ने दावा किया कि उसने हमले में नागरिकों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कदम उठाए, जिसमें सटीक हथियारों और अन्य खुफिया जानकारी का इस्तेमाल भी शामिल है. इजरायली मीडिया हाउस चैनल 12 के अनुसार, कतर में हमास नेतृत्व पर हमले का आधिकारिक नाम "अत्ज़ेरेट हादिन" है, जिसका मोटे तौर पर अर्थ है 'कयामत का दिन.'

यह नाम यहूदी त्योहार शेमिनी अत्ज़ेरेट की याद दिलाता है. तभी जब हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर आक्रमण किया था. यह आने वाले यहूदी प्रमुख त्योहारों का भी संकेत देता है.

इजरायल ने कतर को क्यों बनाया निशाना?

पिछले 13 वर्षों से दोहा हमास का ग्लोबल हेडक्वार्टर माना जाता रहा है. 2012 में ओबामा प्रशासन की मंज़ूरी के बाद यह व्यवस्था हुई थी ताकि बातचीत का चैनल खुला रहे, लेकिन धीरे-धीरे यही हमास के लिए सबसे बड़ा सहारा बन गया. क़तर ने वित्तीय, कूटनीतिक और ऑपरेशनल लेवल पर हमास को पनाह दी. आंकड़ों के अनुसार, क़तर ने गाजा में हमास को 1.8 अरब डॉलर से अधिक की सीधी मदद दी. हालांकि उस इस फंडंगि को मानवीय सहायता बताया, लेकिन इज़रायली खुफिया एजेंसियों का कहना था कि इस राशि का बड़ा हिस्सा हमास के सैन्य ढांचे को मज़बूत करने में लगाया गया.

दोहा में बैठकर होता था गाजा में हमास के ऑपरेश का संचालन?

मिडिल इस्ट फोरम के अनुसार कूटनीतिक लेवल पर भी क़तर ने हमास को मंच दिया. दोहा से ही हमास नेता विदेशी प्रतिनिधियों से मिलते रहे और अल जज़ीरा चैनल के ज़रिये अपना प्रचार करते रहे. 7 अक्तूबर की घटनाओं के बाद भी हमास के नेता दोहा से खुलेआम बयान देते रहे कि वे ऐसे हमले बार-बार दोहराएंगे. क़तर ने उन्हें सुरक्षा दी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इज़रायल की निंदा करने के लिए इस्तेमाल किया.

संचालन की दृष्टि से भी दोहा हमास का हेडक्वार्टर रहा. यहीं से गाजा की सुरंगों में बैठे कमांडरों और तेहरान में बैठे उनके समर्थकों से तालमेल किया जाता था. यह स्थिति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1373 का उल्लंघन थी, जिसमें साफ़ कहा गया है कि कोई भी देश आतंकियों को सुरक्षित पनाह नहीं देगा. इसके बावजूद, क़तर सालों तक इस भूमिका में रहा जबकि वहीं अमेरिका का सबसे बड़ा क्षेत्रीय सैन्य ठिकाना भी मौजूद है.

कतर ने क्या कहा?

कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "कतर राज्य इस कायराना इजरायली हमले की कड़ी निंदा करता है, जिसमें कतर की राजधानी दोहा में हमास के राजनीतिक ब्यूरो के कई सदस्यों के आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया. यह आपराधिक हमला सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का घोर उल्लंघन है, और कतरवासियों और कतर में रहने वाले निवासियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है."

इजरायल ने कतर में कैसे दिया ऑपरेशन को अंजाम?

आपको बता दें कि इजरायली हमले से पहले ट्रम्प ने हमास को अंतिम चेतावनी दी थी. उन्होंने साफ कहा था कि उनके द्वारा प्रस्तावित बंधक शांति समझौते को स्वीकार करो या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि इज़राइल पहले ही इस पर सहमत हो चुका है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के नेता उसी शांति समझौते पर चर्चा करने के लिए मध्यस्थों से कतर में मिलने वाले थे. उन्हें पता भी नहीं था कि इज़राइल उनकी गतिविधियों पर नज़र रख रहा था और उन्हें खत्म करने के लिए दोहा शहर में 12 जगहों पर बमबारी की. इज़राइल ने कहा कि हमले से पहले अमेरिका को सूचित कर दिया गया था.

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इज़रायल का मानना है कि जब तक हमास का नेतृत्व सुरक्षित था, तब तक युद्ध को समाप्त करना संभव नहीं था. अब जबकि दोहा में उसका ठिकाना ही निशाना बन गया है, संगठन की ताक़त कमज़ोर पड़ने की संभावना है. इस हमले के बाद इज़रायल ने यह भी संदेश दिया है कि आतंकवादी नेताओं के लिए दुनिया में कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह नहीं है, न दमिश्क, न बेरूत और न ही दोहा.

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