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पाई-पाई को तरसेगा पाकिस्तान, मोदी सरकार की चौतरफा घेराबंदी में घिरा आतंकिस्तान, इस तारीख को हो जाएगा फैसला!

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसकी असली औकात दिखा दी है यानी कि भीख मंगवाने की ठान ली है. आतंकिस्तान अब पाई-पाई के लिए तरसेगा, आने वाले 5 दिनों में इसका फैसला हो जाएगा.

Created By: केशव झा
03 May, 2025
( Updated: 03 May, 2025
04:07 PM )
पाई-पाई को तरसेगा पाकिस्तान, मोदी सरकार की चौतरफा घेराबंदी में घिरा आतंकिस्तान, इस तारीख को हो जाएगा फैसला!
पहलगाम हमले ने भारत को कभी न भरने वाली जख़्म दी है. इस दुर्दांत आतंकी हमले का सरगना कोई और नहीं बल्कि आतंकवाद को अपनी विदेश नीति के टूल के तौर पर इस्तेमाल करने वाला देश पाकिस्तान है. मोदी सरकार ने उसे इसकी सजा देने के लिए कई जरूरी और रणनीतिक फैसले लिए हैं. पूरा देश पाक को हर मोर्चे पर शिकस्त देना चाहता है. सामरिक और कूटनीतिक घेराबंदी के साथ ही नई दिल्ली इस्लामाबाद को पाई-पाई के लिए भी मोहताज करना चाहती है. मोदी सरकार ने आईसोलेट पाकिस्तान की नीति अपना रखी है, लेकिन अब इसे और धार देने का समय आ गया है. 

भारत देने वाला है पाकिस्तान को करारी आर्थिक चोट
भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए गए धन और ऋण पर फिर से विचार करने के लिए कहेगा. साथ ही वैश्विक धन शोधन निरोधक एजेंसी, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) से इस्लामाबाद को 'ग्रे' सूची में डालने की अपील की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस पर गंभीरता के साथ कार्य किया भी जा रहा है. 

अब दिवालिया होने से नहीं बचेगा पाकिस्तान!
सरकारी सूत्रों के हवाले से आ रही ख़बरों के मुताबिक भारत, दिवालियापन से बचने में मदद के लिए हाल के महीनों में IMF की ओर से पाकिस्तान को दी गई सुविधाओं की समीक्षा की मांग करेगा. वह परियोजनाओं को फंड देने वाली विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी अन्य एजेंसियों के साथ भी संपर्क में है. 

पाकिस्तान के सामने वजूद बचाने की चुनौती!
पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. वह पूरी तरह से विदेशी कर्ज पर निर्भर है. अगर पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी आर्थिक मदद को रोक दिया जाए या मुश्किल बना दिया जाए तो उसके लिए अपने वजूद को बचाना ही सबसे बड़ा सवाल बन जाएगा.

पाकिस्तान ने पिछले साल IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट प्रोग्राम हासिल किया था और मार्च में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का नया जलवायु ऋण मिला था. जनवरी 2025 में विश्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उसकी चुनौतियों से उबरने के लिए 20 अरब डॉलर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी.

IMF का कार्यकारी बोर्ड विस्तारित वित्तपोषण की पहली समीक्षा के लिए 9 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलने वाला है.
जानकारों का कहना है कि IMF को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए. उसे आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के समर्थन को ध्यान में रखते हुए कठोर शर्तों के बिना वित्तीय सहायता जारी रखने से आर्थिक स्थिरता और सुधार के मूल उद्देश्यों को नुकसान पहुंचने का खतरा है. आईएमएफ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी वित्तीय सहायता अनजाने में उन गतिविधियों को बढ़ावा न दे, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं.

पहलगाम हमले से पूरे हिंदुस्तान में उबाल
आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर गोलियां चला दी थीं. हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली.

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं. इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं.

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए.

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