North Korea के तानाशाह किम जोंग फूट-फूटकर रोए, घुटनों पर बैठे, लोगों को लगाया गले
ज़मीन पर बैठे…बच्चे को गले लगाया…और फूट-फूटकर रोने लगे तानाशाह Kim Jong Un…जो शासक हमेशा हंसता है…उसकी आंखों में आंसू निकले तो अख़बारों की सुर्ख़ियां बन गए…लेकिन ऐसा हुआ क्या जिसने क्रूर माने जाने वाले शासक को रूला दिया ? जानिए इस Report में
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उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन…इनके बारे में कहा जाता है कि यह शासक के भेष में तानाशाह हैं…इनकी क्रूर नीतियां और निर्देयी फ़ैसलों से पूरी दुनिया वाक़िफ़ है…यहां तक की छोटी छोटी बातों में वह लोगों को जान से मारने का आदेश दे देते हैं…लेकिन अब उसी तानाशाह की ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन पर यक़ीन करना मुश्किल है…किम जोंग की आंखों से आंसू निकले…वो घुटनों पर आ गए…और फिर फूट-फूटकर रोए…ऐसा क्या हुआ कि एक तानाशाह का लोहे जैसा दिल मोम की तरह पिघल गया…क्या है किम के रोने के पीछे की असल कहानी…चलिए जानते हैं
ज़मीन पर बैठे…बच्चे को गले लगाया…और फूट-फूटकर रोने लगे तानाशाह…किम जोंग उन की ये तस्वीरें…देख हर कोई हैरान रह गया…जो शासक हमेशा हंसता है…उसकी आँखों में आंसू निकले तो अख़बारों की सुर्ख़ियां बन गए…दरअसल, किम जोंग राजधानी प्योंग यांग में हुए एक सरकारी समारोह में रोने लगे…ये समारोह उन सैनिकों के सम्मान में रखा गया था…जो यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से लड़ते हुए मारे गए…साथ ही सैनिकों के परिवारों को गले लगाकर उन्हें ढाढ़स भी बँधाया…
इस समारोह में मारे गए सैनिकों की तस्वीरें लगाई गई थीं…किम इन तस्वीरों के सामने झुके…और सैनिकों की तस्वीरों पर मेडल रखते हुए देखे गए…इस दौरान उन्होंने युद्ध से लौटे सैनिकों को भी सम्मानित किया….किम जोंग ने इन सैनिकों को "नायक" के रूप में सम्मान दिया…जब किम सैनिकों को सम्मानित कर रहे थे…मारे गए सैनिकों को हीरो का दर्जा दे रहे थे…तब सैनिकों के परिवार वाले अपने आंसू नहीं रोक पाए…ये देख किम भी रोने लगे…उन्होंने मृत सैनिकों के बच्चों को गले लगाया और प्यार से उनके माथे को भी चूमा...इस समारोह में किम जोंग उन ने कहा कि, 'विदेशी ऑपरेशनल’ फोर्सेज की लड़ाई ने हमारी सेना की ताकत साबित कर दी और कुर्स्क की मुक्ति ने हमारे सैनिकों की जज्बे को दिखाया.
दरअसल, नॉर्थ कोरिया के सैनिक एक रक्षा समझौते के तहत युद्ध में रूस की मदद कर रहे थे…यूक्रेन में दोनों देशों के बीच जंग में नॉर्थ कोरिया के सैनिकों ने रूस का साथ देते हुए जंग में उतरे…साउथ कोरियाई और पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक़, 'नॉर्थ कोरिया ने 2024 में 10,000 से ज़्यादा सैनिकों को रूस भेजा, विशेषकर कुर्स्क क्षेत्र में, इसके अलावा नॉर्थ कोरिया ने तोपखाने के गोले, मिसाइलों और लंबी दूरी के रॉकेट सिस्टम भी भेजे हैं, बताया गया कि, रूस के लिए लड़ते हुए नॉर्थ कोरिया के लगभग 600 सैनिक मारे गए हैं और हजारों घायल हुए'
नॉर्थ कोरिया के हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को ‘वीर’ की उपाधि दी थी…दरअसल रूस और नॉर्थ कोरिया लगातार अपने रिश्तों को मज़बूत करने में जुटे हुए हैं…इसी कड़ी में साल 2024 में रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे…उसी समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ कोरिया का दौरा किया था…साल 2025 के अप्रैल महीने में नॉर्थ कोरिया ने पहली बार पुष्टि की थी कि उसने यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ अपने सैनिकों की एक टुकड़ी तैनात की है…लेकिन सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया…हालांकि साउथ कोरिया और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सैनिकों की संख्या पर आँकड़े दिए.
आपको बता दें कि, रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जंग जारी है…बीते 3 साल में ऐसा भी हुआ है कि शांति के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत हुई…इसके साथ ही अमेरिका समेत कई देशों ने भी युद्ध ख़त्म करने के लिए हस्तक्षेप किया,…लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच तनाव कम नहीं हुआ…हालांकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच बातचीत के संकेत दिए हैं. लावरोव ने कहा कि, 'राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए रूस और यूक्रेन के बीच के सभी मुद्दों को पहले अच्छे से सुलझाना होगा, पुतिन ने कई बार कहा है कि वह जेलेंस्की से मिल सकते हैं, बशर्ते सभी जरूरी मुद्दों पर पहले एक्सपर्ट्स और मंत्री अच्छे से काम कर लें, जेलेंस्की जल्दी मुलाकात करके सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान उन पर से कम हो रहा है, जेलेंस्की ने 2022 में एक आदेश जारी कर पुतिन के साथ किसी भी तरह की बातचीत पर रोक लगा दी थी, जो अभी तक रद्द नहीं हुआ है'
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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी पुतिन और जेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद सुझाव दिया था कि दोनों नेताओं को पहले द्विपक्षीय बैठक करनी चाहिए, इसके बाद उनके साथ त्रिपक्षीय समिट हो सकती है.
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