मोदी-पुतिन की मुलाकात से हरकत में अमेरिका, भारत को मनाने में जुटे ट्रंप! दिल्ली भेजी दो अलग-अलग टीमें
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की दो दिन की यात्रा के बाद अचानक ट्रंप प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है. पुतिन के वापस मॉस्को लौटते ही अमेरिकी अधिकारियों का ताबड़तोड़ भारत दौरा शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान के साथ टैरिफ विवाद के बढ़ी तनातनी और रूस-चीन की तरफ झुकते रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है.
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की दो दिन की दिल्ली यात्रा के तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन अचानक एक्टिव हो गया है. पुतिन के मॉस्को लौटते ही अमेरिकी अधिकारियों का ताबड़तोड़ भारत दौरा शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि अमेरिका, भारत के साथ बढ़ते टैरिफ विवाद को ठंडा करने और भारत के रूस-चीन के साथ गहराते रिश्तों को दोबारा बैलेंस करने की कोशिश में जुट गया है. ऐसा लग रहा है कि पुतिन के दौरे ने वॉशिंगटन को साफ संदेश दिया है कि भारत अपनी विदेश नीति अपने हिसाब से चलाएगा, और अब अमेरिका डैमेज कंट्रोल मोड में नजर आ रहा है.
आपको बता दें कि अमेरिका की राजनीतिक मामलों की अवर सचिव एलिसन हुकर पांच दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच रही हैं. एलिसन 7 से लेकर 11 दिसंबर तक भारत में रहेंगी. इस दौरान वह विदेश सचिव विक्रम मिसरी और दूसरे अधिकारियों से मुलाकात करेंगी. इसके अलावा, वह क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और इंडो-पैसिफिक में साझेदारी की प्राथमिकता पर चर्चा करेंगी. उनका ये दौरा कई मामलों में महत्वपूर्ण होने वाला है. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में ट्रंप प्रशासन को दी गई उनकी राय भारत-अमेरिकी संबंधों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी.
क्या है हुकर के भारत दौरे का प्लान?
भारत में अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, नई दिल्ली के अलावा, एलिसन हूकर बेंगलुरु भी जाएंगी. बेंगलुरु में वह इसरो जाएंगी और अमेरिका-भारत रिसर्च पार्टनरशिप में इनोवेशन को बढ़ावा देने और बढ़े हुए सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष, ऊर्जा और तकनीक क्षेत्रों के नेताओं से मुलाकात करेंगी.
Under Secretary of State for Political Affairs of the United States Allison Hooker will visit New Delhi and Bengaluru, India, from December 7 to 11.
— ANI (@ANI) December 7, 2025
While in New Delhi, Under Secretary Hooker will meet with senior Indian officials to discuss regional security, economic… pic.twitter.com/3NITcZNAnJ
द्विपक्षीय साझेदारी को फिर से पटरी पर लौटाने पर जोर!
भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, "अवर सचिव हूकर का दौरा अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों, जिसमें अमेरिकन एक्सपोर्ट बढ़ाना शामिल है, को गहरा करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष अन्वेषण सहित उभरती तकनीक में सहयोग को बढ़ावा देने पर फोकस करेगा." बयान के मुताबिक, हूकर का दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी और स्वतंत्र के साथ ही खुले इंडो-पैसिफिक की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है.
वहीं ब्लूमबर्ग न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर और उनकी टीम भी इस हफ़्ते भारत में रहेगी. ये दोनों उच्च स्तरीय दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की दो दिन की यात्रा के बाद हो रहे हैं, जिससे इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है. दोनों देश एक डील को फाइनल करने के लिए उत्सुक है, जिससे अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के कम होने की संभावना है. ये टैरिफ भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के आरोप में लगाए गए थे.
'भारत अपने राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेगा'
वहीं भारत ने भी साफ कर दिया है कि वो अपने राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं करेगा. उसने ये भी साफ कर दिया है कि वो किसी भी दबाव में नहीं आएगा और अपनी स्वतंत्र-संप्रभु विदेश नीति की नीति को जारी रखेगा. इसके अलावा पुतिन ने अपने भारत दौरे के दौरान कहा कि रूस, भारत का सबसे विश्वसनीय ऊर्जा निर्यातक देश है. साथ ही वह बिना किसी समस्या के भारत को ऊर्जा की सप्लाई देता रहेगा.
आतंकवाद की अमेरिका ने की निंदा!
इससे पहले 3 दिसंबर को, भारत और अमेरिका ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए भारत-यूएसए संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की 21वीं बैठक और 7वां पदनाम संवाद आयोजित किया. भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंकवाद-निरोधक) डॉ. विनोद बहाडे और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग में आतंकवाद निरोधक ब्यूरो की वरिष्ठ अधिकारी मोनिका जैकब्स ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.
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बैठकों में आतंकवाद का मुकाबला करने में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया, जो भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की भावना और विस्तार को दर्शाता है. दोनों पक्षों ने सीमापार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की. उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और 10 नवंबर को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुई जघन्य आतंकी घटना की कड़ी निंदा की. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
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