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साल बदला, सरकार बदली, बस नहीं बदली मोदी-पुतिन की दोस्ती, 25 साल पुरानी तस्वीर भी दे रही इतिहास की गवाही

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे और प्रधानमंत्री मोदी-राष्ट्रपति पुतिन की इस मुलाकात पर दुनियाभर की नजर है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर खूब चर्चा में है, जो पीएम मोदी के राजनीतिक सफर से जुड़ी एक अहम स्मृति को सामने लाती है. इसको देखकर लोग नॉस्टैल्जिक फील कर रहे हैं कि कैसे कभी PM की कुर्सी के पीछे खड़े पीएम मोदी आज बतौर पीएम दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत और समझौते कर रहे हैं.

Created By: केशव झा
04 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
04:05 PM )
साल बदला, सरकार बदली, बस नहीं बदली मोदी-पुतिन की दोस्ती, 25 साल पुरानी तस्वीर भी दे रही इतिहास की गवाही

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. दोनों देशों के बीच दशकों पुराना ये रिश्ता दिन प्रतिदिन प्रगाढ़ होता जा रहा है. साल दर साल हर नेता ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दिया है. चाहे पूर्व पीएम वाजपेयी रहे हों या मनमोहन सिंह या फिर स्वयं पीएम मोदी, सबके दौर में ये दोस्ती मजबूत ही हुई है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की इस मुलाकात तो सुर्खियां बटोरेगी ही. इस बीच सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर खूब चर्चा में है, जो पीएम मोदी के राजनीतिक सफर से जुड़ी एक अहम स्मृति को सामने लाती है.

इस तस्वीर को देखकर आपको पता चलेगा कि समय कितना बलवान है. इस तस्वीर को देखने के बाद आप कहेंगे कि बड़ी लंबी और सतत् रूप से पीएम मोदी इस मुकाम पर पहुंचे हैं. एक स्वयंसेवक, कार्यकर्ता, संगठक, सीएम और फिर तीन बार का पीएम. पिछले 24 सालों से वो सबसे अहम पदों को संभाल रहे हैं. 

क्या है मोदी-पुतिन की वायरल तस्वीर की कहानी?

दरअसल, यह तस्वीर साल 2001 की है, जब पीएम मोदी पहली बार मॉस्को गए थे. उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वह भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रूस की राजधानी पहुंचे थे. यह यात्रा 6 नवंबर 2001 को हुई थी. उसी दौरान पीएम मोदी को पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने का अवसर मिला. यह उनका पुतिन के साथ पहला परिचय था. आज, करीब 25 साल बाद, जब पुतिन भारत दौरे पर आ रहे हैं, तो यही तस्वीर फिर से चर्चा में है.

'इंडिया-रूस दोस्ती की पहली झलक'

सोशल मीडिया पर इसे शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और प्रेसिडेंट पुतिन के बीच लगभग ढाई दशक पुराना रिश्ता है. तस्वीर में वाजपेयी और पीएम मोदी साथ दिखाई दे रहे हैं, जिसे देखकर कई यूजर्स इसे 'इंडिया-रूस दोस्ती की पहली झलक' बता रहे हैं.

PM मोदी ने खुद भी शेयर की थी रूस दौरे वाली तस्वीर!

4 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ तस्वीरें और उससे जुड़ी यादें शेयर की थीं. उन्होंने लिखा था, "2001 और 2019 की यादें और पल! आज 20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए, मेरा मन नवंबर 2001 के रूस-भारत शिखर सम्मेलन में भी चला गया, जब अटल जी पीएम थे. उस समय मुझे गुजरात सीएम के तौर पर उनके डेलीगेशन का हिस्सा बनकर गर्व हुआ था." यह पोस्ट एक बार फिर वायरल हो रहा है क्योंकि मौजूदा भारत-रूस शिखर सम्मेलन से पहले इस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाई जा रही है.

जैसे ही राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे की खबर सामने आई, वैसे ही लोग 2001 की तस्वीरें साझा कर रहे हैं. कई यूजर्स लिख रहे हैं कि भारत और रूस की साझेदारी सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रिश्तों की मजबूती पर भी आधारित है. यही वजह है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती अक्सर चर्चा में रहती है. ऐसे में राष्ट्रपति पुतिन के फिर से भारत दौरे के बीच 25 साल पहले की यह तस्वीर भारत-रूस रिश्तों के लंबे और भरोसेमंद इतिहास की एक दिलचस्प झलक पेश कर रही है.

पुतिन से अपनी पहली मुलाकात को पर पीएम मोदी ने क्या कहा था?

इतना ही नहीं इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में रूस दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात का एक किस्सा भी सुनाया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन के खूबसूरत होमटाउन सेंट पीटर्सबर्ग में आना उनके लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है और इसके साथ उनके व्यक्तिगत जीवन की एक ऐतिहासिक घटना भी जुड़ी हुई है.

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उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2001 में वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और उसके तुरंत बाद, लगभग एक महीने के भीतर, उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उन्हें रूस के डेलिगेशन में आने का अवसर मिला था. मोदी ने कहा कि उन्हें आज भी स्मरण है कि जैसे आज वे और राष्ट्रपति पुतिन पीछे खड़े हैं, ठीक वैसे ही उस समय अटल जी और राष्ट्रपति पुतिन खड़े थे, और वे कुर्सी पर बैठकर अष्टाखान राज्य के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 16 साल बाद किस्मत ने उन्हें फिर एक बार राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक प्रधानमंत्री के तौर पर यहां शरीक होने का अवसर दिया है.

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