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जापान में नहीं खुदेंगी कब्रें… मुस्लिमों को शव दफनाने की जगह देने से सरकार का इंकार, मचा घमासान

दुनिया के किसी देश ने ऐसा फरमान नहीं सुनाया होगा जहां मुस्लिम लोगों को कब्रिस्तान के लिए भी जगह न दी जाए लेकिन जापान सरकार ने कह दिया, यहां मुस्लिमों के शव दफन नहीं होंगे.

02 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
02:21 PM )
जापान में नहीं खुदेंगी कब्रें… मुस्लिमों को शव दफनाने की जगह देने से सरकार का इंकार, मचा घमासान

Japan Muslim Cementry: जापान में पहली बार कोई महिला प्रधानमंत्री बनीं. साने ताकाइची (Sanae Takaichi) कुर्सी पर काबिज हुईं. पहली बार सत्ता संभालते ही ताकाइची ने बहुत बड़ा फैसला ले लिया है. जिसकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी. जापान में अब मुस्लिमों को दफनाने के लिए जमीन नहीं मिलेगी. साने ताकाइची की सरकार ने मुसलमानों कब्रगाह के लिए जमीन देने से इंकार कर दिया. 

दुनिया के किसी देश ने ऐसा फरमान नहीं सुनाया होगा जहां मुस्लिम लोगों को कब्रिस्तान के लिए भी जगह न दी जाए लेकिन जापान सरकार ने कह दिया, यहां मुस्लिमों के शव दफन नहीं होंगे. जापान सरकार ने कहा कि मुसलमान शवों को अपने-अपने मूल देश में ले जाकर दफनाएं. 

जापान ने क्यों लिया मुस्लिमों को कब्र न देने का फैसला? 

प्रधानमंत्री साने ताकाइची के इस फैसले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं? क्या ताकाइची मुस्लिम विरोधी हैं? दरअसल, मुस्लिमों को कब्रिस्तान न देने के पीछे जापान की कई वजहें हो सकती हैं. इसमें जमीन की भारी कमी भी एक वजह है. 

जापान में कितनी है मुस्लिम आबादी? 

जापान में करीब 2 लाख मुस्लिम आबादी है ऐसे में सरकार का ये फैसला इस समुदाय के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. मुस्लिमों के लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं है. जो लोग कई वर्षों से जापान में रह रहे हैं या जिनका कोई मूल निवास अब नहीं रहा. उनके लिए ये नई परेशानी है. 

जापान सरकार ने क्यों लिया मुस्लिमों को कब्र न देने का फैसला? 

बताया जाता है यहां शहरों में जमीन की भारी कमी है. ऐसे में ज्यादा या बड़े कब्रिस्तान बनाना सरकार के लिए मुश्किल है. वहीं, दूसरी वजह बौद्ध और शिंटो धर्म का ज्यादा प्रभाव भी हो सकता है. क्योंकि इन धर्मों में अंतिम संस्कार शमशान घाट में ही होता है. जबकि मुस्लिम समुदाय में शवों को दफनाने की पंरपरा है. 

जापान की आबादी कितनी है? 

रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में जापान की आबादी 12 करोड़ से भी ज्यादा है. इनमें शिंटो धर्म को मानने वाले 48.6 प्रतिशत हैं जबकि बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग 46.4 प्रतिशत है. वहीं ईसाई बेहद कम केवल 1.1 प्रतिशत ही हैं. जबकि अन्य धर्म (जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं) के लोगों की संख्या 4% है. 

कौन हैं जापान की PM साने ताकाइची?

साने ताकाइची की पहचान रूढ़ीवादी और दक्षिणपंथी नेता की रही है. वह जापान में पुरुष राजा के शासन की समर्थक हैं. हालांकि वह रानी के शासन के खिलाफ रही हैं. साल 2012 से 2020 तक ताकाइची आर्थिक सुरक्षा मंत्री रहीं. साल 2024 में दूसरे राउंड में वह शिगेरु इशिबा से हार गई थीं. अब उन्होंने इशिबा की ही जगह ली है. ताकाइची ने साल 2004 में साथी सांसद ताकू यामामोटो से शादी की थी. साल 2017 में राजनीतिक मतभेदों के दोनों अलग हो गए. साल 2021 में दोनों फिर साथ आ गए. 

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