इजरायल ने अपने एक और दुश्मन का किया खात्मा...आखिर हिजबुल्ला को लड़ाई की कला सिखाने वाला हेथम तबातबाई था कौन?
इजरायल ने अपने कट्टर दुश्मन, जिसने लेबनान में हिजबुल्ला के लड़ाकों को मॉडर्न वॉर टेक्नीक सिखाई, उसका खात्मा कर दिया गया है. उसकी प्रोफाइल ऐसी थी कि अमेरिकी ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था और उसकी खबर मात्र देने वालों को 5 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 40 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था. ऐसे कमांडर का नाम है हैथम अली तबाताई. आखिर वो था कौन जिससे खत्म करने के लिए मोसाद भी सालों से लगा हुआ था.
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इजरायल के बारे में कहते हैं कि वो अपने दुश्मनों का पीछा अंत तक करता है. वो दुनिया के किसी भी कोनें में हों उन्हें अंजाम तक पहुंचाने तक पीछा किया जाता है. इसी कड़ी में इजरायली सुरक्षाबलों ने एक और दुश्मन का खात्मा कर दिया है. खबर के मुताबिक बीते दिनों उसने बेरूत के दक्षिणी इलाकों में एक सटीक एयरस्ट्राइक की, जिसमें हिज्बुल्लाह के सीनियर कमांडर हेथम अली तबातबाई को मार गिराया गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस कार्रवाई को पिछले साल की लड़ाई के बाद हिजबुल्लाह के लीडरशिप के सबसे बड़े खात्मे में से एक बताया है.
हैथम अली तबातबाई था कौन?
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा कि तबातबाई हिजबुल्लाह के असल चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर काम करता था. वह ईरान के समर्थन वाले संगठन के कमांड स्ट्रक्चर में सेक्रेटरी-जनरल नईम कासिम से ठीक नीचे रैंक पर था. वहीं हिजबुल्लाह ने रिपोर्ट किए गए हमले या अपने स्टेटस के बारे में तुरंत कोई जानकारी या टिप्पणी जारी नहीं की है. टारगेटेड हमला दहिह में हुआ, जो दक्षिण बेरूत में हिजबुल्लाह का घनी आबादी वाला गढ़ है, जिसे इजरायल अक्सर ग्रुप की मिलिट्री एक्टिविटी का हब बताता है.
कैसी थी हैथम अली की जर्नी?
मिलिट्री ने उसे लंबे समय से काम करने वाला और सेंट्रल ऑपरेटिव कहा और बताया कि हिजबुल्लाह के साथ उसका जुड़ाव 1980 के दशक से था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दशकों से तबातबाई ने कई प्रभावशाली मिलिट्री पोस्ट संभाली थी, जिसमें एलीट राडवान फोर्स की कमांड, सीरिया में तैनात हिजबुल्लाह यूनिट्स की देखरेख और ग्रुप के क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन्स से जुड़े अहम रोल शामिल थे. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायली असेसमेंट्स ने लंबे समय से उसे हिजबुल्लाह के सबसे अहम कमांडरों में से एक माना.
ऑपरेशन्स डिवीजन का चीफ भी रहा तबातबाई!
2024 के इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के दौरान, तबातबाई को ग्रुप के ऑपरेशन्स डिवीजन का चीफ बनाया गया था, जिससे वह बैटलफील्ड प्लानिंग के सेंटर में आ गया. आईडीएफ ने कहा कि उसने सिचुएशनल असेसमेंट्स की देखरेख की, फोर्स डिप्लॉयमेंट को कोऑर्डिनेट किया और पूरे संघर्ष के दौरान बड़े कॉम्बैट डायरेक्टिव्स को बनाया. समय गुजरने के साथ उसने धीरे-धीरे बड़ा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया.
दावा किया जाता है कि संघर्ष के दौरान हिजबुल्लाह के कई सीनियर लीडर्स के मारे जाने के बाद, वह ग्रुप का प्रिंसिपल कमांडर बन गया, जो इजरायल के खिलाफ मिलिट्री एंगेजमेंट को उसके आखिरी स्टेज में डायरेक्ट कर रहा था.
टूटी हिजबुल्लाह की लड़ाई लड़ने की ताकत!
हेथम अली को हिज्बुल्ला के वॉर डिवीजन का सबसे प्रमुख चेहरा माना जाता है. उसकी मौत के बाद कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह की लड़ाई लड़ने की ताकत ही खत्म हो गई है. उसके जाने के बाद ये तो तय हो गया है कि संगठन इजरायल के खिलाफ लड़ाई के मामले में कई साल पीछे चला गया है. उसे हिजबुल्लाह की सबसे एलीट स्पेशल फोर्स रदवान यूनिट को मॉडर्न, वॉर रेडी और बेहतर करने और लड़ाकों को गुरिल्ला युद्ध और तेजी से हमलों के लिए तैयार करने का श्रेय दिया जाता है.
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उसके बारे में कहा जाता है कि वो पिछले एक दशक में इतना खतरनाक हो गया था कि अमेरिका ने 2016 में उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था. इतना ही नहीं उसकी केवल खबर मात्र की इनामी राशि वाले को 5 मिलियन डॉलर करीब 40 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया था. गौरतलब है कि इजरायल पर हमला करने और सीमा पार जाकर हमला करने के लिए हिज्बुल्ला की रदवान यूनिट ही जिम्मेदार होती है.
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