इजरायल और हमास के बीच सहमति... अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 'गाजा पीस प्लान' के पहले चरण का ऐलान किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि इजरायल और हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता में गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई है. इस समझौते के तहत 20 इज़रायली बंदियों की रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता के लिए पांच क्रॉसिंग खोलने और इज़रायली बलों की सीमित वापसी पर सहमति बनी है.
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गाजा में लंबे समय से जारी हिंसा और संघर्ष के बीच आखिरकार शांति की उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि इजरायल और हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जता दी है. इस ऐतिहासिक समझौते का मुख्य उद्देश्य गाजा में जारी जंग को रोकना और बंधकों व कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना है.
शुरू हुआ समझौते का पहला चरण
ट्रंप के बयान के मुताबिक, हमास ने इस गाजा समझौते के पहले चरण को मंजूरी दे दी है. इस समझौते में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए पांच क्रॉसिंग तुरंत खोलने, गाजा वापसी मानचित्र में कुछ बदलाव करने और पहले चरण में 20 इजरायली बंदियों को ज़िंदा रिहा करने पर सहमति बनी है. यह कदम न केवल दोनों पक्षों के बीच भरोसे की नींव रखता है, बल्कि गाजा में फंसे निर्दोष नागरिकों के लिए राहत की उम्मीद भी जगाता है.
अंतरराष्ट्रीय गारंटी के साथ सुरक्षित हुआ समझौता
इस समझौते की गारंटी अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की ने दी है. इसका अर्थ यह है कि जब तक दोनों पक्ष इस समझौते की शर्तों का पालन करते रहेंगे, तब तक किसी भी तरह के हमले फिर से शुरू नहीं होंगे. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हमास इस वीकेंड तक सभी 20 जीवित बंधकों को रिहा करेगा. इसके बदले में इजरायल अपने सैनिकों को गाजा के कई हिस्सों से पीछे बुला लेगा.
शांति की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में लिखा, 'इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा और इजरायल अपने सैनिकों को एक निश्चित सीमा तक वापस बुला लेगा. यह एक मजबूत, टिकाऊ और स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम है. इस पूरी प्रक्रिया में सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा.' उनके इस बयान के बाद व्हाइट हाउस के सोशल मीडिया हैंडल पर राष्ट्रपति ट्रंप को 'Peace President' यानी शांति का राष्ट्रपति बताया गया. ट्रंप के इस ऐलान ने न केवल वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है बल्कि गाजा के नागरिकों में भी उम्मीद की लहर पैदा कर दी है.
THE PEACE PRESIDENT. pic.twitter.com/bq3nMvuiSd
— The White House (@WhiteHouse) October 9, 2025
ट्रंप और नेतन्याहू की फोन पर हुई बातचीत
इस समझौते के ऐलान के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बात की. दोनों नेताओं ने बंधकों की रिहाई के इस ऐतिहासिक समझौते पर एक-दूसरे को बधाई दी. बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने ट्रंप को इजरायल की संसद ‘नेसेट’ को संबोधित करने का आमंत्रण भी दिया. नेतन्याहू ने कहा कि यह दिन इजरायल के लिए ऐतिहासिक है और वह इस समझौते को सरकार की मंजूरी के लिए लाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल इजरायल की कूटनीतिक सफलता है बल्कि नैतिक जीत भी है.
सभी पक्षों ने दी समझौते की पुष्टि
गाजा शांति समझौते के पहले चरण की पुष्टि बुधवार देर रात इजरायली अधिकारियों, हमास और मध्यस्थ कतर ने की. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्ष गाजा के शासन या हमास के विसैन्यीकरण जैसे विवादास्पद मुद्दों पर किसी अंतिम समझौते पर पहुंचे हैं या नहीं. अधिकारियों के मुताबिक, इन बचे हुए जटिल मुद्दों पर बातचीत मिस्र में जारी रहेगी. उम्मीद है कि अगले चरणों की रूपरेखा वहीं से तय होगी, जिससे इस शांति प्रक्रिया को स्थायी रूप मिल सके.
कतर की निभाई अहम भूमिका
गाजा समझौते को आकार देने में कतर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अमेरिका, इजरायल, मिस्र और कतर के वार्ताकार सोमवार से ही मिस्र के पर्यटन शहर शर्म अल-शेख में मौजूद थे. वे सीजफायर और बंधक-कैदियों की अदला-बदली की अंतिम रूपरेखा पर काम कर रहे थे. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि गाजा में स्थायी शांति तभी संभव है जब सभी पक्ष विश्वास और मानवता के साथ आगे बढ़ें.
יום גדול לישראל. אכנס מחר את הממשלה כדי לאשר את ההסכם ולהחזיר את כל חטופינו היקרים הביתה.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) October 8, 2025
אני מודה לחיילי צה״ל הגיבורים ולכל כוחות הביטחון שבזכות אומץ ליבם והקרבתם הגענו ליום הזה.
אני מודה מעומק ליבי לנשיא טראמפ ולצוותו על התגייסותם למשימה קדושה זו של שחרור חטופינו.
בעזרת…
इजरायल के लिए बड़ा दिन: नेतन्याहू
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर कहा, “इजरायल के लिए यह बड़ा दिन है. कल मैं सरकार को इस समझौते को मंजूरी देने और हमारे सभी बंधकों को वापस लाने के लिए बुलाऊंगा. मैं आईडीएफ के वीर सैनिकों और सभी सुरक्षा बलों का आभार प्रकट करता हूं, जिनकी बदौलत हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं. मैं राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस मिशन में अहम भूमिका निभाई.' नेतन्याहू ने आगे लिखा, 'योजना के पहले चरण की स्वीकृति के साथ, हमारे सभी बंधक स्वदेश लौट आएंगे. यह कूटनीतिक सफलता है और इजरायल के लिए एक नैतिक विजय है. मैंने शुरुआत से ही कहा था कि जब तक हमारे बंधक वापस नहीं आते, हम चैन से नहीं बैठेंगे.'
With the approval of the first phase of the plan, all our hostages will be brought home. This is a diplomatic success and a national and moral victory for the State of Israel.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) October 8, 2025
From the beginning, I made it clear: we will not rest until all our hostages return and all our goals…
7 अक्टूबर 2023 के बाद सबसे बड़ा बदलाव
ट्रंप का यह ऐलान 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है. उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. उसके बाद से गाजा में इजरायल के लगातार हवाई हमलों में 60 हजार से अधिक लोगों की मौत की खबरें सामने आई हैं. इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इस मानवीय त्रासदी के बीच यह समझौता न केवल एक राहत भरा संदेश है बल्कि पूरे विश्व के लिए आशा की किरण भी बनकर आया है.
मिस्र में बनी शांति की राह
हमास और इजरायल के बीच यह समझौता मिस्र में कई दिनों की अहम बातचीत के बाद संभव हुआ है. अमेरिका, इजरायल, मिस्र और कतर के प्रतिनिधि लगातार बैठकों में ट्रंप द्वारा प्रस्तावित बंधक-से-युद्धविराम समझौते की रूपरेखा पर काम कर रहे थे. अंततः इस पहल का पहला चरण सफल रहा, जो भविष्य में स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है.
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बताते चलें कि गाजा में इजरायल और हमास के बीच हुआ यह समझौता विश्व राजनीति में एक नया अध्याय लिखता है. डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से शुरू हुई यह प्रक्रिया न केवल संघर्ष विराम का प्रतीक है, बल्कि इंसानियत और उम्मीद की भी जीत है. अगर अगले चरण भी सफल रहे, तो गाजा एक बार फिर सामान्य जीवन की ओर लौट सकता है और यह समझौता 21वीं सदी का सबसे अहम शांति करार साबित हो सकता है.
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