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नाइजीरिया में इस्लामिक कट्टरपंथी कर रहे ईसाइयों का नरसंहार! भड़के ट्रंप, मिलिट्री एक्शन की तैयारी के दिए आदेश!

नाइजीरिया में कथित तौर पर ईसाइयों के खिलाफ हो रही हिंसा और नरसंहार का दावा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर सरकार हमले रोकने को लेकर त्वरित कदम नहीं उठाती है तो वो वहां अमेरिकी सैनिकों को गोली उगलती बंदूकों के साथ भेज देंगे.

Created By: केशव झा
02 Nov, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:30 AM )
नाइजीरिया में इस्लामिक कट्टरपंथी कर रहे ईसाइयों का नरसंहार! भड़के ट्रंप, मिलिट्री एक्शन की तैयारी के दिए आदेश!

अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया में इस समय अशांति फैली हुई है. ये देश भीषण हिंसा की चपेट में है. इसकी मुख्य वजह बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरवाद है. दावा किया जा रहा है कि यहां कथित तौर ईसाईयों का कत्लेआम हो रहा है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भयंकर रूप से भड़क गए हैं. 

उन्होंने धमकी दी है कि अगर नाइजीरिया में इस्लामवादियों द्वारा ईसाइयों की हत्या नहीं रोकी जाती है तो वह अमेरिकी सेना को गोली उगलती बंदूकों के साथ कार्रवाई के लिए वहां भेज देंगे. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक एग्रेसिव पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा कि पेंटागन (अमेरिका रक्षा विभाग का हेडक्वाटर) से नाइजीरिया पर हमले की संभावित योजना तैयार करने के लिए कहा. 

ट्रंप ने क्या दी धमकी?

ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा, "अगर नाइजीरियाई सरकार ईसाइयों की हत्या की अनुमति देना जारी रखती है, तो अमेरिका तुरंत नाइजीरिया को दिए जाने वाले सभी सहायता को बंद कर देगा, और इन भयानक अत्याचारों को अंजाम देने वाले इस्लामी आतंकवादियों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए गोली उगलते बंदूकों को उस बदनाम देश में भेजा जा सकता है."

इतना ही नहीं उन्होंने नाइजीरियाई सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "मैं अपने युद्ध विभाग को संभावित कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दे रहा हूं. अगर हम हमला करते हैं, तो यह तेज, क्रूर और मीठा होगा, ठीक वैसे ही जैसे आतंकवादी हमारे प्यारे ईसाइयों पर हमला करते हैं."

दो दिन में दूसरी बार दिया नाइजीरिया पर बयान

वहीं इसके एक एक दिन पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि ईसाई धर्म "नाइजीरिया में अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है."अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, "नाइजीरिया में ईसाई धर्म का अस्तित्व खतरे में है. हजारों ईसाई मारे जा रहे हैं. इस सामूहिक नरसंहार के लिए कट्टरपंथी इस्लामवादी जिम्मेदार हैं. मैं नाइजीरिया को एक "विशेष चिंता का देश" घोषित कर रहा हूं."

राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा, "जब ईसाइयों या ऐसे किसी भी समूह का नाइजीरिया की तरह कत्लेआम हो रहा है, तो कुछ तो करना ही होगा! मैं कांग्रेसी रिले मूर, अध्यक्ष टॉम कोल और सदन की विनियोग समिति के साथ मिलकर इस मामले की तुरंत जांच करने और मुझे रिपोर्ट करने का अनुरोध करता हूं. नाइजीरिया और कई अन्य देशों में इस तरह के अत्याचार होते देख अमेरिका चुप नहीं रह सकता. हम दुनिया भर में अपनी विशाल ईसाई आबादी को बचाने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं!"

नाइजीरिया में ईसाइयों के नरसंहार को लेकर ट्रंप के आरोपों में कितना दम?

एएफपी की एक रिपोर्ट की मानें तो नाइजीरिया कई तरह के आंतरिक संघर्षों में फंसा हुआ है जिनमें ईसाई और मुसलमान दोनों ही बड़े पैमाने पर मारे गए हैं. हालांकि, ट्रंप ने शुक्रवार को बिना किसी सबूत के पोस्ट किया कि "हज़ारों ईसाई मारे जा रहे हैं (और) कट्टरपंथी इस्लामवादी इस सामूहिक नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार हैं." अमेरिका में रूढ़िवादी राजनेताओं ने इन दावों को और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है.

इससे पहले नाइजीरिया में हो रही इस धार्मिक हिंसा को लेकर पहले भी अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने चिंता जाहिर की है. बता दें, हिंसा का एक कारण इस्लामिक समूह बोको हरम और इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविन्स जैसे समूह भी हैं. ऐसे चरमपंथी इस्लामिक समूह ईसाइयों को निशाना बना रहे हैं.

आपको बता दें कि अकॉर्ड की रिपोर्ट के अनुसार नाइजीरिया में ईसाई धर्म के लोगों के खिलाफ इस तरह से हिंसा फैलाने का आधार धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरवाद है.

नाइजीरिया में क्या है धार्मिक विभाजन?

नाइजीरिया में ईसाई धर्म या इस्लाम धर्म के लोगों की तादाद ज्यादा है. 47 से 54 फीसदी लोग यहां इस्लाम को मानते हैं. उत्तरी हिस्से में मुसलमानों की आबादी ज्यादा है. इस हिस्से में गरीबी भी ज्यादा है. वहीं दक्षिण-पूर्वी इलाके में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है. यहां लोगों की जीवनशैली भी काफी बेहतर है.

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नाइजीरिया में दोनों धर्मों के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि ईसाइयों के विरोध के बावजूद वहां उत्तरी राज्यों में इस्लामी शरिया कानून को माना जा रहा है. दोनों धार्मिक समूहों की आपसी लड़ाई अब हिंसक रूप ले चुकी है.

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