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लाल सागर में हूती विद्रोहियों का कहर, नाकेबंदी तोड़ने पर जहाज को उड़ाया, मिनटों में टाइटैनिक की तरह डूबा

6 जुलाई 2025 को यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में लाइबेरिया के झंडे वाले यूनानी स्वामित्व वाले बल्क कैरियर मैजिक सीज पर हमला कर दिया. ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट और छोटी नावों से किए गए इस भीषण हमले में जहाज चंद मिनटों में दो टुकड़ों में बंटकर डूब गया. यह जहाज स्वेज नहर की ओर बढ़ रहा था. हूतियों द्वारा जारी वीडियो में विस्फोट और आग की भयावहता देखी जा सकती है. सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन नुकसान को टाल नहीं सके.

लाल सागर की गहराइयों में एक और त्रासदी ने जन्म लिया जब यमन के हूती विद्रोहियों ने एक यूनानी स्वामित्व वाले बल्क कैरियर 'मैजिक सीज' पर भयानक हमला कर उसे डुबो दिया. यह हमला 6 जुलाई 2025 की रात को हुआ और इसकी भयावहता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहाज चंद मिनटों में दो टुकड़ों में बंट गया और समुद्र में समा गया. यह जहाज लाइबेरिया के झंडे तले चल रहा था और उस वक्त स्वेज नहर की ओर बढ़ रहा था. हूतियों द्वारा जारी किए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से जहाज पर विस्फोट होता है और देखते ही देखते वह जलने लगता है.

ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट से हुआ हमला
इस हमले को सिर्फ किसी एक हथियार से अंजाम नहीं दिया गया. हूती विद्रोहियों ने एक के बाद एक कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया. ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट-चालित ग्रेनेड और छोटे हथियारों से लैस इस हमले में क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं. हमला इतना तीव्र और सुनियोजित था कि जहाज पर मौजूद सुरक्षाकर्मी चाहकर भी उसे बचा नहीं सके. बताया गया है कि हमले के दौरान कुछ छोटी नावें भी शामिल थीं, जिनसे लगातार गोलीबारी की जा रही थी. जहाज पर सवार सुरक्षाकर्मियों ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

जान बचाने के लिए छलांग लगानी पड़ी
जहाज पर मौजूद 22 चालक दल के सदस्य अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में कूद गए. हालांकि, इन्हें बाद में सुरक्षित बचा लिया गया. परंतु यह राहत भी अधूरी रही क्योंकि यूरोपीय संघ के नौसैनिक मिशन 'ऑपरेशन एस्पाइड्स' ने बाद में पुष्टि की कि इस हमले में तीन नाविक मारे गए और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल हुए एक सदस्य ने अपना एक पैर खो दिया है. इस घटना ने न केवल मानव जीवन पर कहर बरपाया बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन की सुरक्षा पर भी गहरा सवाल खड़ा कर दिया.

इजरायल की नाकाबंदी तोड़ने का आरोप
हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और दावा किया है कि यह जहाज इजरायल पर उनके द्वारा लगाए गए नौसैनिक नाकाबंदी का उल्लंघन कर रहा था. हूतियों का कहना है कि उनका यह संघर्ष हमास के समर्थन में है और वे लाल सागर से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाकर इजरायल पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं. लेकिन इस तरह के हमले न केवल एक देश विशेष को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरी दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला पर असर डालते हैं.

वैश्विक व्यापार पर मंडराता खतरा
लाल सागर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में से एक है, जो एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ता है. यहां से गुजरने वाला हर जहाज वैश्विक आपूर्ति तंत्र का हिस्सा होता है. ऐसे में एक बल्क कैरियर का डूबना केवल एक जहाज की बर्बादी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्थिरता पर चोट है. विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे हमलों से समुद्री बीमा दरें बढ़ सकती हैं, शिपिंग कंपनियां वैकल्पिक रूट लेने पर मजबूर हो सकती हैं और इससे माल ढुलाई की लागत में भारी इजाफा हो सकता है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंता
इस घटना की निंदा दुनियाभर के देशों ने की है. अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों का उल्लंघन बताते हुए हूतियों को चेतावनी दी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि इस तरह के हमले क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकते हैं, जिससे पूरे मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति और भयावह हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो यह संघर्ष किसी बड़े युद्ध का रूप ले सकता है.

समुद्री सुरक्षा की नई चुनौतियां
हूती विद्रोही समूह पिछले कई महीनों से लाल सागर में विभिन्न जहाजों को निशाना बना रहा है. उनके निशाने पर सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि वे सभी जहाज हैं जो उनके अनुसार इजरायल समर्थक गतिविधियों में शामिल हैं. यह रणनीति वैश्विक समुद्री सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है. समुद्र को हमेशा से ही एक तटस्थ मार्ग माना जाता रहा है, लेकिन अब वह भी संघर्ष का मैदान बनता जा रहा है.

बताते चलें कि यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा मैजिक सीज पर किया गया यह हमला केवल एक जहाज को डुबाने की घटना नहीं, बल्कि यह संकेत है कि विश्व के समुद्री मार्ग अब पहले जैसे सुरक्षित नहीं रहे. यह हमला न सिर्फ निर्दोष नाविकों की जान लेकर गया, बल्कि पूरी ग्लोबल इकॉनमी पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर गया है. ऐसे में यह समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिलकर इस प्रकार की आक्रामक और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, ताकि समुद्र में फिर से शांति लौट सके.

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