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लंदन में गांधी प्रतिमा का अपमान, तोड़फोड़ कर लिखे गए आपत्तिजनक शब्द, हाई कमिशन ने की कार्रवाई की मांग

लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ हुई है. भारतीय उच्चायोग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. यह घटना 2 अक्टूबर को होने वाले वार्षिक गांधी जयंती समारोह से कुछ दिन पहले हुई.

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30 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:06 PM )
लंदन में गांधी प्रतिमा का अपमान, तोड़फोड़ कर लिखे गए आपत्तिजनक शब्द, हाई कमिशन ने की कार्रवाई की मांग
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लंदन से एक बड़ी है, जहां टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ हुई है. मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय उच्चायोग ने घटना की कड़ी निंदा की है. बता दें कि यह घटना 2 अक्टूबर को होने वाले वार्षिक गांधी जयंती समारोह से कुछ दिन पहले हुई. प्रतिमा के चबूतरे पर कुछ आपत्तिजनक और विचलित करने वाले शब्द भी लिखे गए है. 

घटना को लेकर भारतीय मिशन ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को इस घटना की सूचना दे दी गई है. उच्चायोग के अधिकारी स्मारक को ठीक कराने के लिए घटनास्थल पर मौजूद हैं. मालूम हो कि इस मशहूर प्रतिमा में राष्ट्रपिता को ध्यानमग्न मुद्रा में दिखाया गया है.

सोशल मीडिया पर भारतीय उच्चायोग का पोस्ट

घटना की जानाकरी भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर भी दी. अपने बयान में कहा, 'भारतीय उच्चायोग टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटना से बेहद दुखी है और इसकी कड़ी निंदा करता है. यह सिर्फ तोड़फोड़ की घटना नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से तीन दिन पहले अहिंसा के विचार और महात्मा गांधी की विरासत पर हिंसक हमला है. हमने तत्काल कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है. प्रतिमा को ठीक करने के लिए अधिकारियों के साथ तालमेल किया जा रहा है.'

टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित मूर्ति का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मान्यता दी है. हर साल इस अवसर पर लंदन स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है और गांधी जी के प्रिय भजन गाए जाते हैं.

यह प्रतिमा 1968 में इंडिया लीग के सहयोग से स्थापित की गई थी. कांस्य से बनी यह मूर्ति महात्मा गांधी के उन दिनों की याद दिलाती है, जब वे पास ही स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून की पढ़ाई कर रहे थे.

प्रतिमा के चबूतरे पर शिलालेख अंकित है “महात्मा गांधी, 1869-1948”—जो उनकी स्मृति को अमर करता है. लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस और स्थानीय कैमडेन काउंसिल के अधिकारियों के अनुसार, प्रतिमा से जुड़ी ताजा घटनाओं की जांच की जा रही है.

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