विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएन के महासचिव गुटेरेस से की मुलाकात, भारत के विकास में समर्थन के लिए जताया आभार
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की. उन्होने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं. भारत लंबे समय से यूएन में बदलाव की मांग कर रहा है. वहीं यूएन में स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए कई देश भारत का समर्थन कर रहे हैं.
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) से मुलाकात की. इससे पहले जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए एस जयशंकर कनाडा पहुंचे. कनाडा में उन्होंने अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की.
एस जयशंकर ने यूएन के महासचिव गुटेरेस से की मुलाकात
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मिलकर अच्छा लगा. वर्तमान वैश्विक व्यवस्था और बहुपक्षवाद पर इसके प्रभावों के उनके आकलन की सराहना की. विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर उनके दृष्टिकोण की भी सराहना की.
Good to meet with UNSG @antonioguterres in New York today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 14, 2025
Valued his assessment of the current global order and its implications for multilateralism. Also appreciated his perspectives on various regional hotspots.
Thank him for clear and consistent support for India’s growth… pic.twitter.com/sr8q8RXbYw
‘भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं’
उन्होंने आगे कहा कि भारत के विकास और प्रगति के लिए स्पष्ट और निरंतर समर्थन के लिए उनका धन्यवाद. भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं. बता दें, भारत लंबे समय से यूएन में बदलाव की मांग कर रहा है.
वहीं यूएन में स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए कई देश भारत का समर्थन कर रहे हैं.
‘संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं है’
संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ऑल इज नॉट वेल इन यूएन. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था, "हमें यह मानना होगा कि संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं है. उसके फैसले लेने का तरीका न तो उसके सभी सदस्य देशों की सही नुमाइंदगी करता है और न ही वह दुनिया की मुख्य जरूरतों पर ध्यान दे रहा है. संयुक्त राष्ट्र में होने वाली बहसें अब बहुत ज्यादा बंटी हुई हैं और उसका कामकाज साफ तौर पर रुका हुआ दिख रहा है. आतंकवाद के प्रति इसकी प्रतिक्रिया विश्वसनीयता की कमियों को उजागर करती है, और वैश्विक दक्षिण में विकास धीमा पड़ रहा है.”
‘यूएन में बदलाव आज के समय में बड़ी चुनौती बन गया है’
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उन्होंने आगे कहा था “बहुत ही अफसोस की बात है कि आज के दौर में भी हम कई बड़े विवाद देख रहे हैं. यह केवल मानव जीवन पर ही प्रभाव नहीं डाल रहे हैं, बल्कि इसका असर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर भी देखने को मिल रहा है. ग्लोबल साउथ ने इस पीड़ा को महसूस किया है. यूएन में बदलाव आज के समय में बड़ी चुनौती बन गया है.”
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