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बस्ते का भार कम करेगी योगी सरकार, बच्चे बिना बैग जाएंगे स्कूल! नई शिक्षा नीति लागू

Anandam Scheme: सरकार चाहती है कि बच्चा पढ़ाई से डर न महसूस करे बल्कि वह हर दिन कुछ नया सीखने के लिए उत्साहित रहे. यह पहल बच्चों को एक ऐसा माहौल देने के लिए है जिसमें वे न केवल पढ़ें, बल्कि खेलें, सीखें अपनी छुपी हुई प्रतिभा को खुलकर दिखा सकें.

Image Source: Social Media

Anandam Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार अब बच्चों की पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि मज़ा और सीख का सुंदर मिला- जुला अनुभव बनाना चाहती है. इसी वजह से सरकार ने सरकारी स्कूलों में 10 दिन “बैगलेस क्लास” लागू करने का फैसला किया है. इन दिनों बच्चों को स्कूल बैग और मोटी किताबें लाने की जरूरत नहीं होगी. इसकी जगह वे खेलेंगे, हँसेंगे, सीखेंगे और अलग-अलग गतिविधियों में हिस्सा लेंगे. इससे बच्चे पढ़ाई को एक बोझ न मानकर सीखने को एक मजेदार सफर की तरह महसूस करेंगे.


क्या है यह बैगलेस क्लास का आइडिया?


सरकार की नई शिक्षा नीति और “आनंदम योजना” के तहत यह बड़ा बदलाव किया गया है. कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को अब पूरे साल में 10 ऐसे दिन मिलेंगे जब वे बिना बैग स्कूल आएंगे. खास बात यह है कि ज्यादातर शनिवार को इन गतिविधियों का आयोजन होगा, ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन और रचनात्मक गतिविधियों का पूरा मौका मिले. 


इन बैगलेस दिनों में बच्चे क्या-क्या करेंगे?


इन खास दिनों में बच्चा केवल किताबों से नहीं, बल्कि खेल, अनुभव और समूह गतिविधियों से भी सीख पाएगा.
यहां बच्चों को कई तरह की मजेदार चीज़ों में शामिल किया जाएगा:
खेल–कूद और ग्राउंड एक्टिविटी
 - बच्चे मैदान में अलग-अलग खेल खेलेंगे, टीम बनाकर खेलने से उनमें सहयोग और टीमवर्क की भावना बढ़ेगी.

भाषण और वाद–विवाद प्रतियोगिता - 
बच्चे अपनी बात खुलकर कह सकेंगे, उनसे बोलने का डर दूर होगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा.

कला, संगीत और नृत्य - 
रंग भरना, पेंटिंग, गाना, नाचना—इन सबसे बच्चों की रचनात्मकता खिल उठेगी.

पिकनिक और आउटडोर लर्निंग -  
कभी–कभी उन्हें स्कूल से बाहर ले जाकर प्राकृतिक वातावरण में सीखने का मौका दिया जाएगा.

 क्रिएटिव प्रोजेक्ट और फन गतिविधियां - 
छोटे-छोटे प्रोजेक्ट, समूह में काम, पेपर क्राफ्ट, मॉडल बनाना जैसी चीज़ें होंगी.


सरकार का मुख्य उद्देश्य क्या है?


आनंदम योजना का बड़ा उद्देश्य यह है कि बच्चे तनावमुक्त रहें, स्कूल आने में उन्हें मज़ा आए और वे अपनी असली प्रतिभा को पहचान सकें।
किताबों की पढ़ाई जरूरी है, लेकिन केवल किताबें ही सब कुछ नहीं होतीं, यह सोच अब बच्चों तक पहुँचाने की कोशिश की जा रही है. सरकार चाहती है कि बच्चा पढ़ाई से डर न महसूस करे बल्कि वह हर दिन कुछ नया सीखने के लिए उत्साहित रहे. यह पहल बच्चों को एक ऐसा माहौल देने के लिए है जिसमें वे न केवल पढ़ें, बल्कि खेलें, सीखें, हँसें और अपनी छुपी हुई प्रतिभा को खुलकर दिखा सकें. 10 बैगलेस दिनों के माध्यम से बच्चों को मज़ेदार, हल्का और सीख से भरपूर स्कूल जीवन देने की कोशिश की जा रही है.

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