कूनो नेशनल पार्क में चीता ‘मुखी’ ने पाँच शावकों को जन्म दिया, CM मोहन यादव ने तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पांच शावकों के जन्म पर चीता 'मुखी' और शावकों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में भारत में जन्मी चीता 'मुखी' ने पांच शावकों को जन्म देकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. मां और शावक स्वस्थ हैं. 33 महीने की उम्र में भारत में जन्मी पहली मादा चीता 'मुखी'
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मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक अच्छी खबर आई है, जहां भारत में जन्मी चीता 'मुखी' ने पांच शावकों को जन्म दिया है. पांच शावकों का जन्म 'प्रोजेक्ट चीता' की सफलता की कहानी कह रहा है.
CM मोहन यादव ने शावकों की तस्वीर सोशल मीडिया पर की शेयर
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पांच शावकों के जन्म पर चीता 'मुखी' और शावकों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में भारत में जन्मी चीता 'मुखी' ने पांच शावकों को जन्म देकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. मां और शावक स्वस्थ हैं.
A historic milestone has been achieved as Indian-born cheetah Mukhi has given birth to five cubs in Kuno National Park, Madhya Pradesh. The mother and cubs are doing well.
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 20, 2025
This is an unprecedented breakthrough for India’s cheetah reintroduction initiative. Mukhi, the first… pic.twitter.com/uSxZpVqnV4
33 महीने की उम्र में भारत में जन्मी पहली मादा चीता 'मुखी'
उन्होंने आगे कहा कि भारत में चीता पुनर्स्थापना पहल के लिए यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है. 33 महीने की उम्र में भारत में जन्मी पहली मादा चीता 'मुखी' अब प्रजनन करने वाली भारत में जन्मी पहली चीता बन गई है, जो 'प्रोजेक्ट चीता' के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
चिता आबादी के स्थायी भविष्य की ओर बड़ा कदम
उन्होंने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारत में जन्मे चीते का सफल प्रजनन भारतीय आवासों में इस प्रजाति के अनुकूलन, स्वास्थ्य और दीर्घकालिक संभावनाओं का एक मजबूत संकेतक है. यह महत्वपूर्ण कदम भारत में एक आत्मनिर्भर और आनुवंशिक रूप से विविध चीता आबादी स्थापित करने के बारे में आशावाद को मजबूत करता है, जिससे देश के संरक्षण लक्ष्यों को और आगे बढ़ाया जा सकता है.
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आए थे चीते
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दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाकर बसाने की पहल की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर चीतों के पहले दल को यहां छोड़ा था. धीरे-धीरे यहां चीतों की संख्या में इजाफा हो रहा है. नामीबिया से लाए गए चीतों में से कुछ की मौत के बाद आशंकाएं जन्म लेने लगी थीं, मगर अब तस्वीर बदल रही है. यही कारण है कि राज्य के गांधी सागर इलाके में भी चीतों को बसाने की पहल हो रही है.
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