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Vande Bharat ट्रेन में खोई घड़ी सिर्फ 40 मिनट में बरामद, डॉक्टर ने रेलवे स्टाफ की तेज़ कार्रवाई की सराहना की

वंदे भारत एक्सप्रेस में एक डॉक्टर की घड़ी गुम हो गई थी, जिसे रेलवे स्टाफ ने मात्र 40 मिनट में बरामद कर वापस कर दिया. डॉक्टर ने रेलवे की तत्परता और प्रोफेशनलिज्म की सराहना करते हुए स्टाफ को सलाम दिया. यह घटना रेलवे की कुशल और समय पर कार्रवाई का उदाहरण बनी.

20 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:43 PM )
Vande Bharat ट्रेन में खोई घड़ी सिर्फ 40 मिनट में बरामद, डॉक्टर ने रेलवे स्टाफ की तेज़ कार्रवाई की सराहना की

भारतीय रेलवे की फ्लैगशिप ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल अपनी रफ्तार और आधुनिक सुविधाओं के लिए जानी जाती है, बल्कि यात्री सेवाओं में भी नया मानक स्थापित कर रही है. हाल ही में नई दिल्ली-कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस में एक डॉक्टर की कीमती घड़ी गुम हो गई, लेकिन रेलवे स्टाफ की त्वरित कार्रवाई ने इसे मात्र 40 मिनट में ढूंढ निकाला. इस घटना के बाद डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर भारतीय रेलवे को सलाम करते हुए उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े. यह घटना रेलवे की जवाबदेही और यात्री-केंद्रित सेवा का शानदार उदाहरण है.

घड़ी गुम होने की शुरुआत

घटना 14 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में हुई. दिल्ली के एक जाने-माने डॉक्टर, जो कटरा में एक मेडिकल सम्मेलन के लिए यात्रा कर रहे थे, अपनी सीट पर आराम कर रहे थे. यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी कीमती स्विस ब्रांड की घड़ी उतारकर सीट के पास रख दी थी. कुछ देर बाद जब वे घड़ी लेने पहुंचे, तो वह गायब थी. सीट के नीचे या आसपास गिर गई थी, लेकिन कोच में यात्रियों की भीड़ और सामान के बीच इसे ढूंढना मुश्किल था. डॉक्टर ने तुरंत ट्रेन के अटेंडेंट को सूचना दी और मदद मांगी. उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ट्रेन स्टाफ ने तत्काल कार्रवाई शुरू की. यह घटना सुबह करीब 9:30 बजे की थी, जब ट्रेन दिल्ली से कटरा की ओर पूरे वेग से बढ़ रही थी. 

रेलवे स्टाफ की त्वरित प्रतिक्रिया :

सूचना मिलते ही ट्रेन के ऑन-बोर्ड अटेंडेंट ने सिक्योरिटी स्टाफ और कोच सुपरवाइजर को अलर्ट किया. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की एक छोटी टीम ने कोच में तलाशी अभियान शुरू किया. स्टाफ ने यात्रियों से सहयोग मांगा और सभी से अनुरोध किया कि वे अपने सामान और सीटों की जांच करें. सीट के नीचे, कुशन के बीच और आसपास के क्षेत्रों की बारीकी से तलाशी ली गई. लगभग 40 मिनट के अंदर, यानी सुबह 10:10 बजे तक, घड़ी सीट के नीचे एक छोटे से गैप में मिल गई. स्टाफ ने घड़ी को साफ किया और औपचारिक रूप से डॉक्टर को सौंप दिया. इस दौरान ट्रेन की रफ्तार या शेड्यूल पर कोई असर नहीं पड़ा. डॉक्टर ने स्टाफ के सहयोगी रवैये और त्वरित कार्रवाई की जमकर तारीफ की. उन्होंने बताया कि स्टाफ ने न केवल घड़ी ढूंढी, बल्कि पूरे समय विनम्र और पेशेवर व्यवहार बनाए रखा.

डॉक्टर का सोशल मीडिया पोस्ट :

घड़ी वापस मिलने के बाद डॉक्टर ने ट्विटर (X) पर अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, "वंदे भारत एक्सप्रेस में मेरी घड़ी गुम हो गई थी, लेकिन रेलवे स्टाफ ने 40 मिनट के अंदर उसे ढूंढकर वापस कर दिया. उनकी तत्परता और सेवा भाव को सलाम! भारतीय रेलवे ने दिल जीत लिया. " इस पोस्ट को हजारों लाइक्स और रीट्वीट्स मिले, और कई यूजर्स ने अपनी सकारात्मक रेल यात्रा की कहानियां साझा कीं. पोस्ट वायरल होने के बाद रेलवे के आधिकारिक X हैंडल ने जवाब दिया, "यात्री संतुष्टि हमारी प्राथमिकता है. आपकी तारीफ के लिए धन्यवाद. " रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस घटना को रीट्वीट करते हुए लिखा, "वंदे भारत सिर्फ ट्रेन नहीं, बल्कि भारत की नई सोच का प्रतीक है. "

वंदे भारत की खासियतें :

वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी आधुनिक सुविधाओं और यात्री-केंद्रित सेवाओं के लिए जानी जाती है. इस ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली, ऑन-बोर्ड वाई-फाई और प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद हैं. इस घटना में सीसीटीवी फुटेज की मदद से स्टाफ ने यह सुनिश्चित किया कि घड़ी चोरी नहीं हुई, बल्कि गलती से गुम हुई थी. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत में हर कोच में सिक्योरिटी स्टाफ और अटेंडेंट्स की मौजूदगी होती है, जो तुरंत शिकायतों पर कार्रवाई करते हैं. इस तरह की घटनाएं रेलवे की जवाबदेही को दर्शाती हैं.

हाल के वर्षों में वंदे भारत ट्रेनों ने कई बार अपनी सेवाओं के लिए प्रशंसा बटोरी है, जैसे समयबद्धता, स्वच्छता और त्वरित सहायता.

जनता की प्रतिक्रिया और सलाह

डॉक्टर की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने रेलवे की तारीफ की. कई यूजर्स ने लिखा कि भारतीय रेलवे अब विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है. हालांकि, कुछ ने सुझाव दिया कि यात्रियों को अपनी कीमती चीजों का ध्यान रखना चाहिए और संदिग्ध स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन 139 या RPF से संपर्क करना चाहिए. रेलवे ने भी यात्रियों से अपील की कि वे अपने सामान की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और किसी भी परेशानी में तुरंत स्टाफ या हेल्पलाइन से संपर्क करें. 

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रेलवे की सेवा का नया आयामयह छोटी-सी घटना भारतीय रेलवे की बदलती तस्वीर को दर्शाती है. वंदे भारत एक्सप्रेस ने न केवल अपनी रफ्तार से, बल्कि अपनी सेवाओं से भी यात्रियों का दिल जीता है. 40 मिनट में घड़ी ढूंढकर लौटाना रेलवे स्टाफ की मुस्तैदी का सबूत है. इस तरह की कहानियां न केवल रेलवे की विश्वसनीयता बढ़ाती हैं, बल्कि यात्रियों में भी भरोसा जगाती हैं.

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